नरवाना
अखिल भारतीय कांग्रेस कमेटी की महासचिव, पूर्व केंद्रीय मंत्री एवं सिरसा की सांसद कुमारी सैलजा ने धमतान साहिब नरवाना जिला जींद में आयोजित संत शिरोमणि गुरु रविदास जी के 649 वें जन्मोत्सव को समर्पित कार्यक्रम में पहुंचकर उन्हें नमन किया और मंच से उपस्थित जनसमूह को संबोधित करते हुए गुरु रविदास जी द्वारा दिए गए समानता, न्याय और मानवीय मूल्यों के संदेश को साझा किया। साथ ही बाबा साहेब डॉ. भीमराव अंबेडकर के महापरिनिर्वाण दिवस पर उन्हें नमन करते हुए संविधान की रक्षा और सामाजिक न्याय के प्रति अपनी प्रतिबद्धता को पुन: दोहराया। सांसद कुमारी सैलजा ने गुरु ग्रंथ साहिब स्वरूप माथा टेक कर नमन किया।
कुमारी सैलजा ने कहा कि धमतान साहिब गुरु तेग बहादुर जी की पावन तपोभूमि रही है जहां वे तीन बार पधारे और यहां के विभिन्न स्थलों पर अपनी अनंत कृपा दृष्टि बरसाई। उन्होंने कहा कि धमतान साहिब में जो ऐतिहासिक कुआं स्थित है, वह उन्हीं के समय में बनाया गया था। इसी पवित्र भूमि पर गुरु साहिब ने अपनी कर कमलों से गुरु घर की नींव रखी थी। जो आज भी करोड़ों श्रद्धालुओं की आस्था का केंद्र है। सांसद ने बाबा साहेब डॉ. भीमराव अंबेडकर के महापरिनिर्वाण दिवस पर उन्हें नमन करते हुए संविधान की रक्षा और सामाजिक न्याय के प्रति अपनी प्रतिबद्धता को पुन: दोहराया। सांसद कुमारी सैलजा ने कहा कि देश का हर व्यक्ति चाहे वह किसी भी जाति धर्म का हो पर उसको मिले अधिकार बाबा साहेब डॉ. भीमराव अंबेडकर की ही देन है। उन्होंने कहा कि संविधान की रक्षा करना हर व्यक्ति का दायित्व है। इस दौरान रघुबीर सिंह नैैन (बिनैन खाप प्रधान) सतबीर सिंह दबलैन (पूर्व प्रत्याशी नरवाना), रविदास सभा के प्रधान जोधाराम, पूर्व लोकसभा प्रत्याशी संदीप लौट, पूर्व विधायक राजरानी पूनम, धोला नैन, संजीव धमतान, महावीर सिंह, बृजेंद्र सिंह सुरजेवाला, जगरूप सिंह सुरजेवाला, आशुतोष शर्मा, सहित हजारों श्रद्धालु मौजूद रहे।
नेहरू को बदनाम करना आज की सत्ता का मुख्य मकसद
सांसद कुमारी सैलजा ने कहा कि पंडित जवाहरलाल नेहरू के समय से रूस और यूएसएसआर के साथ अच्छे रिश्ते रहे, पूर्व प्रधानमंत्री इंदिरा गांधी और पूर्व प्रधानमंत्री राजीव गांधी के समय भी अच्छे रिश्ते रहे। ये बात अलग है कि ये सरकार नेहरू को हर बात में गलत साबित करना चाहती है। इसमें कोई शक नहीं है कि जवाहरलाल नेहरू को बदनाम करना आज की सत्ता का मुख्य मकसद है। वह उन्हें (नेहरू को) सिर्फ इतिहास से मिटाना नहीं चाहती, बल्कि उनकी सामाजिक, राजनीतिक और आर्थिक आधारों भी को कमजोर करना चाहती है, जिन पर देश खड़ा हुआ। हम चाहेंगे कि भारत और रूस के साथ हमारी दोस्ती और भी आगे बढ़े।









