दो तलाक़ के बाद भी नहीं टूटा हौंसला: डॉ. शाहीन ने रचाया तीसरा निकाह, लेकिन ख्वाहिश फिर भी अधूरी

नई दिल्ली 
दिल्ली धमाके को अंजाम देने वाले डॉक्टरों के आतंकी मॉड्यूल की अहम सदस्य शाहीन सईद को लेकर कई नई बातें सामने आ रही हैं। पूछताछ के दौरान खुलासा हुआ है कि डॉ. शाहीन मॉड्यूल के दूसरे आरोपी डॉ. मुजम्मिल की बेगम थी। खुद से 8 साल छोटे मुजम्मिल संग निकाह करने वाली शाहीन इससे पहलो दो शौहर को छोड़ चुकी थी। हालांकि, तीन निकाह के बावजूद शाहीन की एक ख्वाहिश अधूरी रह गई। वह विदेशी चकाचौंध की कायल थी, लेकिन भारत से निकलने में कामयाब नहीं हुई। कभी बुर्के से नफरत करने वाली शाहीन मुजम्मिल से इश्क के बाद इतनी कट्टरपंथी बनी कि वह जैश-ए-मोहम्मद की महिला ब्रिगेड में शामिल हो गई।

दिल्ली धमाके और फरीदाबाद में मिले विस्फोटक से कनेक्शन की वजह से गिरफ्तार किए गए शाहीन और मुजम्मिल ने सितंबर 2023 में निकाह किया था। सूत्रों के मुताबिक मुजम्मिल ही शाहीन को आतंक की राह पर ले गया। लखनऊ में पली-बढ़ी सईद डालीगंज में रहती थी। सईद बचपन में बहुत होनहार विद्यार्थी थी। उसने इलाहाबाद से एमबीबीएस की । सईद के पिता अहमद अंसारी सरकार अस्पताल में कर्मचारी थे।

शाहीन की पहली निकाह आंखों के डॉक्टर जफर हयात से 2003 में हुई थी। दोनों की दो संतानें भी हुईं पर करीब 9 साल बाद दोनों की राहें अलग हो गईं। डॉ. जफर ने कहा, 'हमारी शादी नवंबर 2003 में हुई थी। 2012 में हम अलग हो गए। मुझे नहीं पता कि उसके दिमाग में ऐसा क्या था जिसकी वजह से उसने ऐसा किया, जबकि हमारे बीच कभी कोई झगड़ा नहीं होता था। वह बहुत ध्यान रखती थी मेरा।' जफर का यह भी कहना है कि शाहीन ने निकाह के अलावा कभी बुर्का नहीं पहना। वह याद करते हैं कि शाहीन को विदेशी चकाचौंध बहुत पसंद थी। उसने जफर से कहा था कि अच्छी सैलरी और बेहतर जिदंगी के लिए ऑस्ट्रेलिया या यूरोप चलना चाहिए। लेकिन उन्होंने यह कहते हुए इनकार कर दिया कि यह सबकुछ है और सभी रिश्तेदार भी यहीं हैं। विदेश में अकेलापन हो जाएगा।

शाहीन ने तलाक के बाद गणेश शंकर विद्यार्थी मेमोरियल मेडिकल कॉलेज भी अचानक छोड़ दिया। वह कई सालों तक गायब रही। जांचकर्ताओं के मुताबिक, शाहीन ने बताया कि जफर से तलाक के कुछ सालों बाद उसने गाजियाबाद के एक टेक्सटाइल कारोबारी संग निकाह किया। लेकिन कारोबारी संग भी वह अधिक दिनों तक नहीं रह पाई और उससे भी तलाक लेकर आगे बढ़ गई।

फरीदाबादा की अल फलाह यूनिवर्सिटी में 43 साल की डॉ. शाहीन की मुलाकात 35 साल के डॉ. मुजम्मिल से हुई। एक साथ कामकाज करते हुए दोनों के बीच अच्छी दोस्ती हो गई। गिरफ्तारी के बाद मुजम्मिल ने पूछताछ में बताया कि शाहीन उसकी दोस्त नहीं बल्कि बेगम है। दोनों ने सितंबर 2023 में अल-फलाह यूनिवर्सिटी के पास एक मस्जिद में निकाह कर दिया था। मुजम्मिल ने निकाह करते हुए 6 हजार मेहर (इस्लाम में निकाह के दौरान दूल्हे की ओर से दुल्हन को दिया जाने वाला तोहफा) दिया। दोनों एक साथ रहने लगे। इसी दौरान मुजम्मिल ने सईद को धार्मिक गतिविधियों में सक्रिय किया और फिर कट्टरपंथ की राह पर ले गया।

मुजम्मिल के साथ अब वह आतंकी समूह का हिस्सा बन चुकी थी। बताया जाता है कि शाहीन जैश-ए-मोहम्मद की महिला विंग जमात उल-मोमिनात में शामिल हो चुकी थी। डॉक्टर होने का फायदा उठाते हुए वह चुपचाप बिना किसी के निगाह में आए आतंकी गतिविधियों को आगे बढ़ाती रही। वह जम्मू-कश्मीर, दिल्ली-एनसीार, हरियाणा में कई स्थानों पर जाकर फंड एकत्रित कर चुकी थी और साजिशों को अंजाम देने में अहम किरदार थी। इतना ही नहीं आतंकी हमलों के लिए उसने लाखों रुपये भी दिए थे।

तीन पासपोर्ट थे शाहीन के पास
शाहीन विदेश जाने के लिए कितनी बेचैन थी इसका अंदाजा इस बात से लगाया जा सकता है कि उसने अपने लिए तीन-तीन पासपोर्ट बना रखे थे। अलग-अलग समय में अलग-अलग पते पर उसने इन पासपोर्ट को बनावाया। बताया जाता है कि धमाके से पहले वह विदेश भागने की फिराक में थी। मुजम्मिल की गिरफ्तारी के बाद वह जल्दी देश छोड़कर निकल जाना चाहती थी लेकिन पासपोर्ट को लेकर कुछ औपचारिकताएं पूरी नहीं होने की वजह से उसकी ख्वाहिश अधूरी रह गई।

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