स्मोकिंग नहीं, एयर पॉल्यूशन भी खतरनाक! डॉक्टर बोले– इन शुरुआती लक्षणों को तुरंत पहचानें

नवंबर लंग कैंसर अवेयरनेस महीने के रूप में मनाया जाता है। यह मौका है लोगों को याद दिलाने का कि फेफड़ों का कैंसर सिर्फ़ स्मोकिंग करने वालों की बीमारी नहीं है। डॉक्टरों का कहना है कि एयर पॉल्यूशन, सेकंड हैंड स्मोक और जेनेटिक कारणों से गैर-स्मोकर्स में भी इसका खतरा बढ़ता है।

शुरुआती लक्षणों पर ध्यान दें
➤ लंग कैंसर के शुरुआती लक्षण अक्सर हल्के लगते हैं, जैसे:
➤ लंबे समय तक खांसी
➤ सांस लेने में तकलीफ़ या घरघराहट
➤ बार-बार थकान महसूस होना
➤ सीने या पीठ में दर्द
➤ थूक में खून या बार-बार इन्फेक्शन

स्मोकिंग न करने वाले भी सुरक्षित नहीं
मैक्स सुपर स्पेशियलिटी हॉस्पिटल के डॉ. अनादि पचौरी और एंड्रोमेडा कैंसर हॉस्पिटल के डॉ. अरुण कुमार गोयल के अनुसार, स्मोकिंग न करने वालों में भी प्रदूषण, सेकंड हैंड स्मोक और जेनेटिक कारणों से फेफड़ों का कैंसर हो सकता है। ये दोनों विशेषज्ञ बताते हैं कि धुएँ में मौजूद हज़ारों केमिकल DNA को नुकसान पहुँचाते हैं और कैंसर का कारण बन सकते हैं।

कैसे कम करें जोखिम
➤ स्मोकिंग पूरी तरह छोड़ें।
➤ सेकंड हैंड स्मोकिंग से बचें।
➤ एयर पॉल्यूशन वाले दिनों में मास्क पहनें और घर में एयर प्यूरीफायर इस्तेमाल करें।
➤ ज्यादा प्रदूषण वाले इलाकों में कम समय बिताएँ।
➤ रेगुलर हेल्थ चेकअप और फ्लू/निमोनिया वैक्सीनेशन कराएँ।
➤ उच्च जोखिम वाले लोग कम डोज़ वाले CT स्कैन के लिए डॉक्टर से संपर्क करें।

हेल्दी लाइफस्टाइल और फेफड़ों की सुरक्षा
डॉ. पचौरी और डॉ. गोयल के अनुसार, स्वस्थ भोजन और एक्सरसाइज फेफड़ों को मजबूत रखते हैं।
➤ हरी पत्तेदार सब्ज़ियाँ, फल और नट्स खाएँ।
➤ जंक फूड और तले-भुने खाने से बचें।
➤ रोजाना 30–45 मिनट एक्सरसाइज करें।
➤ प्राणायाम और गहरी सांस लेने की प्रैक्टिस फेफड़ों के लिए लाभकारी है।

स्मोकिंग छोड़ चुके लोगों के लिए सलाह
जो लोग स्मोकिंग छोड़ चुके हैं, उन्हें:
➤ कभी भी दोबारा स्मोकिंग न शुरू करें।
➤ सालाना फेफड़ों की जांच करवाएँ।
➤ 50–80 साल के भारी स्मोकर्स कम डोज़ वाले CT स्कैन कराएँ।
➤ स्वस्थ भोजन और एक्टिव लाइफस्टाइल अपनाएँ।

 

Recent Post

Live Cricket Update

You May Like This

error: Content is protected !!

4th piller को सपोर्ट करने के लिए आप Gpay - 7587428786