रायपुर। छत्तीसगढ़ के सभी स्कूल के शिक्षक 18 जुलाई को हड़ताल पर रहेंगे। राजधानी रायपुर में शिक्षकों की ओर से 18 जुलाई को एक दिवसीय जंगी प्रदर्शन किया जाएगा। दरअसल, एक सूत्रीय मांग पूर्व सेवा की गणना कर सही वेतन निर्धारण करते हुए सहायक शिक्षकों की वेतन विसंगति दूर कर/क्रमोन्नत वेतनमान प्रदान कर, पुरानी पेंशन प्रदान करे और कुल 20 वर्ष की सेवा पर पूर्ण पुरानी पेंशन दिया जाए, इसी मांग को लेकर शिक्षक संघर्ष मोर्चा के बैनर तले 18 जुलाई को रायपुर में एल बी संवर्ग के शिक्षक जंगी प्रदर्शन की तैयारी कर रहे हैं। इसके लिए सभी जिला में शिक्षक मोर्चा के पदाधिकारी हड़ताल की सूचना दे चुके हैं।
शिक्षक एलबी संवर्ग में आक्रोश क्यों
दरअसल, संविलियन के बाद प्रथम नियुक्ति तिथि से सेवा की गणना नहीं किया गया है। सहायक शिक्षकों के वेतन विसंगति को दूर नहीं किया गया। वेतन निर्धारण की विसंगतियों को दूर नहीं किया गया। जन घोषणा पत्र में किए वादा के बाद भी क्रमोन्नत वेतनमान नहीं भी दिया गया है। पुरानी पेंशन का लाभ प्रथम नियुक्ति तिथि से नहीं दिया गया और केंद्र सरकार की तरह 20 वर्ष की सेवा में पूर्ण पेंशन का लाभ भी नहीं दिया गया है। इसके कारण शिक्षक एलबी संवर्ग में आक्रोश है।
हजारों शिक्षक जंगी प्रदर्शन में होंगे शामिल
18 जुलाई को राजधानी रायपुर में जंगी प्रदर्शन की तैयारी के लिए सभी जिला और ब्लाक में मोर्चा के पदाधिकारी बैठक ले रहे हैं। एलबी संवर्ग के शिक्षक धरना और रैली में शामिल होने एकजुट हो रहे हैं। सभी शाला के शिक्षक सामूहिक हड़ताल में रहने आवेदन पत्र दे रहे हैं।
शिक्षकों में भारी आक्रोश
वहीं, मांगों को लेकर सरकार की हठधर्मिता के चलते एलबी संवर्ग के शिक्षकों में भारी आक्रोश है। सभी 18 जुलाई को रायपुर जाने का मन बना चुके हैं। अभी से ही रायपुर जाने की व्यवस्था कर रहे हैं।
प्रमुख संघ शामिल है
प्रदेश में शिक्षक एलबी संवर्ग जिनकी संख्या लगभग 1 लाख 80 हजार से ज्यादा हैं, जिनमें छत्तीसगढ़ टीचर्स एसोसिएशन प्रांताध्यक्ष संजय शर्मा, छत्तीसगढ़ सहायक शिक्षक फेडरेशन प्रांताध्यक्ष मनीष मिश्रा, शालेय शिक्षक संघ प्रांताध्यक्ष वीरेंद्र दुबे, नवीन शिक्षक संघ प्रांताध्यक्ष विकास राजपूत, छत्तीसगढ़ प्रदेश संयुक्त शिक्षक संघ प्रांताध्यक्ष केदार जैन की 5 जुलाई को राजधानी रायपुर में एकता बैठक की गई। इसमें एलबी संवर्ग के शिक्षकों के भावना और हितो को सर्वोपरि मानते हुए तथा सरकार की ओर से शिक्षकों के मांगों पर ध्यान नहीं देने के कारण शासन के विरोध में एकजुट होकर आंदोलन करने का निर्णय लिया गया। बैठक में सभी संघों की ओर से सर्वसम्मति से “छत्तीसगढ़ शिक्षक संघर्ष मोर्चा” का गठन किया गया है।
मांग पूरी न होने पर अनिश्चितकालीन हड़ताल
वहीं, मांगों की पूर्ति न होने की दशा में 31 जुलाई से सभी विकासखंड और जिला मुख्यालय में अनिश्चितकालीन आंदोलन का आगाज किया गया है। मोर्चा के प्रदेश संचालक संजय शर्मा ने बताया कि, शिक्षक संवर्ग की मांगों को लगातार शासन प्रशासन को बताया गया, चर्चा किया गया, ज्ञापन दिया गया, धरना, आंदोलन व प्रदर्शन भी किया गया, लेकिन कोई भी निर्णय नहीं लिया गया, जिससे भारी नाराजगी है।