रायपुर। छत्तीसगढ़ के कांकेर जिले में स्थित कोरर एक दूरस्थ क्षेत्र है। यहां के बच्चों ने कभी नहीं सोचा था कि वो एक दिन अपना असंभव सा लगने वाला लक्ष्य पूरा करेंगे। कोरर की रहने वाली शालिनी कहती हैं यदि मुख्यमंत्री भूपेश बघेल ने हमर लक्ष्य योजना की शुरूआत नहीं की होती तो आज एनआईटी में पढ़ने का उनका सपना कभी पूरा नहीं हो सकता था।
कहते हैं न प्रतिभा किसी पहचान की मोहताज नहीं होती और न ही वह स्थान देखती है। वर्तमान परिवेश में प्रतिभायें पिछड़े एवं ग्रामीण ईलाकों से भी निकल रही है और अपना परिचय दे रही है। ऐसी ही कहानी है कांकेर जिले के कोरर की जहां की कुमारी शालिनी औरेया का एनआईटी मैकेनिकल में चयन हुआ है। शालिनी से बात करने पर उसने बताया कि उसके पिता कोरर में एक सामान्य चाय का ठेला चलाते है। उनकी इच्छा थी कि उनकी बेटी अच्छी शिक्षा प्राप्त करे लेकिन आर्थिक स्थिति इस काम में बाधा डाल रही थी।
शालिनी ने बताया कि उसने 12वीं तक की पढ़ाई शासकीय हायर सेकेण्डरी स्कूल कोरर में ही पूरी की और उसे 88 प्रतिशत प्राप्त हुए। इसके बाद उसने जिला प्रशासन द्वारा प्रतियोगी परीक्षाओं की तैयारी हेतु संचालित “हमर लक्ष्य” कोचिंग सेंटर में अपनी कोचिंग प्रारंभ की। शालिनी की इस सफलता को प्रोत्साहित करते हुए जिला प्रशासन ने उसकी पढ़ाई का पूरा खर्च उठाने की जिम्मेदारी ली है। इस सहयोग के मिल जाने से शालिनी ने कहा कि मुख्यमंत्री भूपेश बघेल की इस योजना ने मेरे उड़ान के हौसले में पंख लगा दिया है जिसके लिए मैं मुख्यमंत्री का सदैव आभारी रहूंगी।
मुख्यमंत्री भूपेश बघेल आज अपने निवास कार्यालय से वीडियो कॉन्फ्रेंसिंग के जरिये कांकेर जिले में आयोजित स्वामी आत्मानन्द शासकीय अंग्रेजी माध्यम आदर्श महाविद्यालय कांकेर का लोकार्पण, “हमर लक्ष्य” कार्यक्रम अंतर्गत एनआईटी रायपुर में चयनित छात्रों को कॉलेज फीस हेतु सहायता राशि का वितरण एवं बेरोजगारी भत्ता योजनान्तर्गत हितग्राहियों को नियुक्ति पत्र वितरण, हितग्राहियों एवं विद्यार्थियों से संवाद कार्यक्रम में शामिल हुए। इस दौरान मुख्यमंत्री भूपेश बघेल से कांकेर जिले के कोरर की निवासी कुमारी शालिनी औरेया ने मुख्यमंत्री से बातचीत की। कुमारी शालिनी का चयन एनआईटी रायपुर में इंजीनियरिंग की पढ़ाई हेतु चयन हुआ है।
उल्लेखनीय है कि राज्य शासन द्वारा शिक्षा की गुणवत्ता के लिए विशेष प्रयास किये जा रहे हैं। शासन द्वारा स्वामी आत्मानंद उत्कृष्ट अंग्रेजी एवं हिन्दी माध्यम के विद्यालय खोले जा रहे हैं। प्रतियोगी परीक्षाओं की तैयारी के लिए भी मदद दी जा रही है। कांकेर जिले में शिक्षा की गुणवत्ता सुनिश्चित करने के लिए विशेष प्रयास किये जा रहे हैं। बोर्ड परीक्षा की तैयारी के साथ-साथ जेईई, एनडीए एवं नीट की परीक्षा के लिए भी विद्यार्थियों को मार्गदर्शन दिया जा रहा है, जिसे अच्छे परिणाम आ रहें हैं।
जेईई की परीक्षा में कांकेर जिले के विद्यार्थियों ने उल्लेखनीय उपलब्धि हांसिल की हैं। कक्षा 12वीं मे अध्ययनरत गणित विषय के विद्यार्थियों को जेईई एडवांश की परीक्षा में शामिल होने के लिए जिले में पहली बार कोचिंग दी गई और पहले ही प्रयास में 71 बच्चे क्वालीफाईड हुए, जिसमें 64 बच्चे आदिवासी हैं। क्वालीफाईड बच्चों में से 39 बालक एवं 32 बालिकाएं शामिल थी।