नई दिल्ली
राष्ट्रीय राजधानी दिल्ली-एनसीआर में सर्दी की शुरुआत के साथ ही हवा की गुणवत्ता खतरनाक स्तर पर पहुंच गई है। शनिवार सुबह दिल्ली के कई हिस्सों में घना स्मॉग छाया रहा, जिससे लोगों को आंखों में जलन और सीने में घुटन महसूस हुई।
इंडिया गेट पर विजिबिलिटी घटी
दिल्ली के पॉपुलर प्लेस इंडिया गेट पर सुबह की सैर के लिए आने वाले लोगों को घने स्मॉग के कारण निराशा हाथ लगी। शनिवार सुबह इंडिया गेट स्मॉग की मोटी चादर में लगभग ओझल हो गया। सुबह 8 बजे यहां AQI 369 दर्ज किया गया, जो 'बेहद खराब' श्रेणी में आता है।
हॉटस्पॉट में हवा 'गंभीर' श्रेणी के करीब
CPCB के आंकड़ों के मुताबिक प्रदूषण के हॉटस्पॉट माने जाने वाले इलाकों में स्थिति काफी चिंताजनक है। आनंद विहार में सुबह 8 बजे AQI 424 दर्ज हुआ, जो 'गंभीर' श्रेणी की तरफ इशारा करता है। वजीरपुर की हवा का स्तर 447 तक पहुंच गया, जो किसी भी शहर के लिए बेहद खतरनाक है। इसके अलावा लोधी रोड, नजफगढ़, करोल बाग और आईजीआई एयरपोर्ट के पास भी हवा की गुणवत्ता 'बेहद खराब' श्रेणी में बनी हुई है। हवा में धूल कणों, धुएं और नमी के मिश्रण ने एक मोटी स्मॉग की परत बना दी है, जिससे विजिबिलिटी भी काफी कम हो गई है।
NCR के हाल भी चिंताजनक
दिल्ली से सटे NCR क्षेत्रों में भी हालात बेहतर नहीं हैं। नोएडा सेक्टर-1 में AQI 387 दर्ज किया गया। वहीं गुरुग्राम सेक्टर-51 में AQI 285 रहा।
सेहत के लिए गंभीर खतरा
इस जहरीली हवा का सबसे बुरा असर बच्चों, बुजुर्गों और सांस या हृदय रोग से पीड़ित मरीजों पर पड़ रहा है। उन्हें सांस लेने में तकलीफ, आंखों में जलन और गले में खराश जैसी शिकायतें हो रही हैं। विशेषज्ञों ने चेतावनी दी है कि लंबे समय तक इतनी खराब हवा में रहने से फेफड़ों को स्थायी नुकसान पहुंच सकता है और कैंसर जैसे गंभीर रोगों का खतरा बढ़ जाता है।
लोगों के लिए जारी की सलाह
दिल्ली सरकार प्रदूषण कम करने के लिए कच्चे ईंधन वाले वाहनों पर रोक, निर्माण स्थलों पर धूल-नियंत्रण के कड़े उपाय, एंटी-स्मॉग गन का उपयोग और सार्वजनिक परिवहन को बढ़ावा देने जैसे कदम उठा रही है।
आम जनता के लिए जारी की ये सलाह
· सुबह और शाम के समय (जब प्रदूषण सबसे अधिक होता है) बाहर निकलने से बचें।
· घर से बाहर निकलने पर N-95 मास्क का उपयोग करें।
· घरों में एयर प्यूरीफायर का इस्तेमाल करें और शरीर को हाइड्रेट रखें।
सरकारी एजेंसियां लगातार स्थिति पर नजर बनाए हुए हैं, लेकिन दिल्ली और एनसीआर में हवा की यह गुणवत्ता यहां के निवासियों के लिए एक बड़ी चिंता का विषय बनी हुई है।









