नेशनल इमरजेंसी की मांग! PM मोदी के दूत ने SC में क्यों कहा- हालात काबू से बाहर

नई दिल्ली 
राष्ट्रीय राजधानी दिल्ली समेत देश के कई हिस्सों और शहरों में बढ़ते प्रदूषण और दमघोंटू हवा के मद्देनजर सुप्रीम कोर्ट में एक जनहित याचिका (PIL) दायर की गई है और वायु प्रदूषण के स्तर को नियंत्रित करने की मांग की गई है। इतना ही नहीं याचिकाकर्ता ने अपनी अर्जी में राष्ट्रीय स्तर पर "सार्वजनिक स्वास्थ्य आपातकाल" (National Health Emergency) लागू करने की भी मांग की है। ताकि ग्रामीण से लेकर शहरी स्तर तक लोगों को प्रदूषण के गंभीर परिणामों से बचाया जा सके।

यह याचिका ल्यूक क्रिस्टोफर कॉउटिन्हो ने दायर की है, जो प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के फिट इंडिया मूवमेंट के वेलनेस चैंपियन यानी दूत रहे हैं। याचिका में उन्होंने तर्क दिया है कि एक व्यापक नीतिगत ढाँचे के बावजूद, ग्रामीण और शहरी भारत के बड़े हिस्से में वायु की गुणवत्ता लगातार खराब बनी हुई है और कई मामलों में यह बदतर स्तर को भी पार कर गई है।

संविधान के अनुच्छेद 21 का हवाला
लाइव लॉ की रिपोर्ट के मुताबिक, याचिकाकर्ता ने संविधान के अनुच्छेद 21 के तहत जीवन और स्वास्थ्य के अधिकार का हवाला देते हुए, कोर्ट से अधिकारियों को वायु प्रदूषण को नियंत्रित करने के ठोस उपाय करने का निर्देश देने की माँग की है। याचिका में इस बात पर प्रकाश डाला गया है कि दिल्ली, मुंबई, कोलकाता, चेन्नई, बेंगलुरु आदि प्रमुख भारतीय शहरों में PM₂.₅ और PM₁₀ जैसे प्रदूषकों का वार्षिक औसत केंद्रीय प्रदूषण नियंत्रण बोर्ड द्वारा अधिसूचित राष्ट्रीय परिवेशी वायु गुणवत्ता मानकों (NAAQS), 2009 के तहत निर्धारित सीमा से लगातार अधिक बना हुआ है।

मानकों का घोर उल्लंघन
याचिकाकर्ता ने अपनी याचिका में इस बात पर जोर दिया है कि भारतीय मानक पहले से ही एक उच्च सीमा निर्धारित करते हैं, क्योंकि विश्व स्वास्थ्य संगठन के 2021 वायु गुणवत्ता दिशानिर्देश PM₂.₅ के लिए 5 μg/m³ और PM₁₀ के लिए 15 μg/m³ की वार्षिक औसत सीमा निर्धारित करते हैं। उन्होंने कोर्ट को बताया है कि दिल्ली में PM₂.₅ का वास्तविक वार्षिक औसत स्तर लगभग 105 μg/m³ दर्ज किया गया है, जबकि कोलकाता में लगभग 33 μg/m³ और लखनऊ में लगभग 90 μg/m³ दर्ज किया गया है, जो भारतीय मानकों का उल्लंघन है।

इस समस्या से निपटने में अधिकारियों की विफलता को उजागर करते हुए याचिकाकर्ता ने दावा किया है कि 1.4 अरब से ज़्यादा नागरिक हर दिन जहरीली हवा में साँस लेने को मजबूर हैं। उन्होंने आगे कहा कि वायु गुणवत्ता निगरानी कार्यक्रमों से ग्रामीण क्षेत्रों का बहिष्करण एक बुनियादी ढाँचागत कमज़ोरी को दर्शाता है।

कौन हैं क्रिस्टोफर?
ल्यूक क्रिस्टोफर कॉउटिन्हो एक भारतीय जीवनशैली गुरु और एकीकृत एवं जीवनशैली चिकित्सा के क्षेत्र में थिंकर हैं, जो स्वास्थ्य के प्रति लोगों को जागरूक करते रहे हैं। वह उत्तम स्वास्थ्य के लिए पोषण, व्यायाम, नींद, इमोशनल डिटॉक्स और अध्यात्म जैसे पांच स्तंभों पर जोर देते रहे हैं। वे यू केयर वेलनेस प्रोग्राम के संस्थापक हैं और स्वास्थ्य पर बेस्टसेलिंग पुस्तकें लिखने के लिए जाने जाते हैं। वह वायु प्रदूषण जैसे सामाजिक मुद्दों के समाधान के लिए भी सक्रिय रहे हैं।

Recent Post

Live Cricket Update

You May Like This

error: Content is protected !!

4th piller को सपोर्ट करने के लिए आप Gpay - 7587428786