जयपुर डंपर हादसा: ड्राइवर पर गैरइरादतन हत्या का केस, तीन पुलिसकर्मी सस्पेंड

जयपुर 

जयपुर के हरमाड़ा इलाके में सोमवार को हुए भयावह सड़क हादसे ने पूरे राजस्थान को झकझोर दिया है. इस भीषण दुर्घटना में 14 लोगों की जान चली गई, जबकि 13 से अधिक लोग गंभीर रूप से घायल हैं. अब मामले में पुलिस ने डंपर चालक कल्याण मीणा पर गैरइरादतन हत्या (IPC की धारा 304) का मामला दर्ज किया है, जबकि हादसे के लिए जिम्मेदार लापरवाही बरतने वाले यातायात पुलिसकर्मियों को भी निलंबित कर दिया गया है.

फिलहाल आरोपी कल्याण मीणा को गिरफ्तार कर एसएमएस ट्रॉमा सेंटर में इलाज के बाद न्यायिक हिरासत में भेजा गया है. पुलिस अब यह जांच कर रही है कि अलंकार कंस्ट्रक्शन की गाड़ियों को नियमों के उल्लंघन के बावजूद सड़क पर चलने की अनुमति किसने दी.

क्या हुआ था हादसे के दिन?

सोमवार दोपहर जयपुर के हरमाड़ा इलाके की लोहामंडी के पास एक तेज रफ्तार डंपर ने 17 से अधिक वाहनों को 5 किलोमीटर तक घसीटते हुए रौंद दिया था. इस हादसे में सड़क पर अफरातफरी मच गई. कई गाड़ियां बुरी तरह कुचल गईं, दर्जनों मोटरसाइकिलें मलबे में तब्दील हो गईं और लोगों के शव सड़कों पर बिखर गए. चश्मदीदों ने बताया कि यह किसी नरसंहार से कम नहीं था. हर तरफ चीखें, खून और टूटी गाड़ियां थीं.

चालक की पहचान और पृष्ठभूमि

हादसे के बाद गिरफ्तार चालक की पहचान कल्याण मीणा के रूप में हुई है, जो जयपुर के पावटा इलाके का रहने वाला है. वह दिवाली की छुट्टी के बाद उसी दिन ड्यूटी पर लौटा था. पुलिस के मुताबिक, वह पिछले आठ सालों से डंपर चलाने का काम कर रहा था. जांच में यह भी सामने आया है कि हादसे के वक्त वह नशे में था.

हादसे में शामिल डंपर अलंकार कंस्ट्रक्शन कंपनी का था. रिकॉर्ड से पता चला है कि इस गाड़ी पर पहले भी तीन बार ओवरलोडिंग के चालान किए जा चुके हैं, जिनमें आखिरी चालान 17 हजार रुपए का था, जो 6 जून 2025 से लंबित है. बावजूद इसके, गाड़ी को बिना भुगतान के सड़कों पर दौड़ने दिया गया.

लापरवाह पुलिसकर्मी सस्पेंड

हादसे के बाद डीसीपी ट्रैफिक सुमित मेहरड़ा ने कार्रवाई करते हुए मौके पर तैनात तीन यातायात पुलिसकर्मियों को निलंबित कर दिया है. इनमें ट्रैफिक सीआई राजकिरण, एएसआई राजपाल सिंह और कांस्टेबल महेश कुमार शामिल हैं. इन पर आरोप है कि उन्होंने नो एंट्री क्षेत्र में भारी वाहन को दिन में प्रवेश करने दिया, जिससे यह हादसा हुआ.

इसके अलावा, मौके पर मौजूद परिवहन विभाग के तीन कर्मचारियों को भी तत्काल प्रभाव से सस्पेंड किया गया है. डीसीपी ने स्पष्ट किया कि किसी भी अधिकारी या कर्मचारी की लापरवाही से आम नागरिकों की जान जाए, यह बर्दाश्त नहीं किया जाएगा.

चश्मदीदों ने बयां की घटना

न्यूज एजेंसी पीटीआई के मुताबिक स्थानीय दुकानदार महेश शर्मा ने बताया, “हमने अपनी आंखों से देखा कि कैसे डंपर ने एक के बाद एक कारों और बाइकों को कुचल दिया. कुछ लोग गाड़ियों में फंसे रह गए, कुछ सड़क पर पड़े थे. पूरे इलाके में खून और चीखें गूंज रही थीं.”

CCTV फुटेज में डंपर को 100 किलोमीटर प्रति घंटे की रफ्तार से कई वाहनों को टक्कर मारते हुए देखा गया है. पुलिस का कहना है कि दुर्घटना के कारणों में चालक का नशे में होना और नियंत्रण खो देना प्रमुख वजहें हैं.

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