बहादुरगढ़
औद्योगिक शहर बहादुरगढ़ की हवा अब खतरनाक स्तर पर पहुंच चुकी है। मंगलवार को एक्यूआई (AQI) 347 दर्ज किया गया, जिसके साथ ही बहादुरगढ़ देश का सबसे प्रदूषित शहर बन गया। अक्तूबर के 28 दिनों में लोगों को सिर्फ पांच दिन ही साफ हवा नसीब हुई, जबकि बाकी दिन शहर रेड, ऑरेंज या यलो जोन में रहा। प्रदूषण नियंत्रण बोर्ड ने स्थिति को देखते हुए एनएचएआई को नोटिस जारी किया है और शहर में पानी का छिड़काव बढ़ाने के निर्देश दिए हैं।
दिवाली के बाद लगातार बिगड़ रही हवा की गुणवत्ता
पर्यावरण मॉनिटरिंग रिपोर्ट के अनुसार, अक्तूबर महीने में बहादुरगढ़ में हवा की गुणवत्ता के तहत बनाए इतने जोन….
6 दिन यलो जोन
8 दिन ऑरेंज जोन
8 दिन रेड जोन
दिवाली के बाद से प्रदूषण लगातार खतरनाक स्तर पर बना हुआ है। सोमवार को शहर का AQI 381 तक पहुंच गया था, जो मंगलवार को घटकर 347 रहा। हालांकि यह अब भी गंभीर श्रेणी में शामिल है। सुबह से शाम तक शहर स्मॉग की चादर में ढका रहा। प्रदूषण नियंत्रण बोर्ड के अधिकारियों का कहना है कि छठ पर्व पर हुई आतिशबाजी और कम हवा की गति के कारण प्रदूषण का स्तर और बढ़ गया।
स्वास्थ्य पर असर, मरीजों की संख्या में वृद्धि
नागरिक अस्पताल में आंखों में जलन, सांस लेने में तकलीफ और थकावट जैसी शिकायतों वाले मरीजों की संख्या में तेजी से बढ़ोतरी हुई है। अधिकारियों के मुताबिक, यदि स्थिति में सुधार नहीं हुआ तो सीएक्यूएम (CAQM) की ओर से ग्रैप-3 (GRAP-III) लागू किया जा सकता है। सोमवार रात हवा की गति 10 से 14 किलोमीटर प्रति घंटे रही, जिससे थोड़ी राहत मिली, लेकिन मंगलवार दोपहर बाद यह घटकर 4 से 8 किलोमीटर प्रति घंटे रह गई, जिससे AQI फिर बढ़ने लगा।
एनएचएआई को नोटिस, कार्रवाई के निर्देश
प्रदूषण नियंत्रण बोर्ड के एसडीओ अमित दहिया ने बताया कि शहर में टैंकरों और एंटी-स्मॉग गन से पानी का छिड़काव कराया जा रहा है, लेकिन फिलहाल प्रदूषण में कमी की संभावना कम है। राज्य प्रदूषण नियंत्रण बोर्ड के क्षेत्रीय अधिकारी शैलेंद्र अरोड़ा ने बताया कि राष्ट्रीय राजमार्ग पर बाईपास और सर्विस लेन पर उड़ने वाली धूल प्रदूषण का प्रमुख कारण है। इस पर कार्रवाई के लिए एनएचएआई को नोटिस जारी किया गया है। बोर्ड ने निर्देश दिए हैं कि इन क्षेत्रों में नियमित पानी का छिड़काव किया जाए, अन्यथा नियमों की अवहेलना पर कानूनी कार्रवाई की जाएगी।









