पटना
बिहार विधानसभा चुनाव से ठीक पहले महागठबंधन ने आज अपना साझा घोषणा पत्र जारी कर दिया। इसका नाम रखा गया है ‘बिहार का तेजस्वी प्रण’। इस घोषणा पत्र में युवाओं को रोजगार, महिलाओं को सम्मान और आम लोगों को राहत देने वाले कई वादे किए गए हैं। महागठबंधन ने दावा किया है कि यह घोषणा पत्र सिर्फ चुनावी वादों का पुलिंदा नहीं, बल्कि बिहार के पुनर्निर्माण की रूपरेखा है।
घोषणा पत्र जारी करने के मौके पर मंच पर राजद नेता तेजस्वी यादव, कांग्रेस के पवन खेड़ा, वीआइपी सुप्रीमो मुकेश सहनी, वाम दलों के प्रतिनिधि और अन्य सहयोगी दलों के नेता मौजूद थे। तेजस्वी यादव ने कहा यह सिर्फ हमारा घोषणापत्र नहीं, यह बिहार की जनता का प्रण है। हम इस राज्य को बेरोजगारी, पलायन और भ्रष्टाचार से मुक्त करेंगे। पवन खेड़ा ने कहा कि घोषणापत्र से स्पष्ट है कि कौन बिहार के लिए गंभीर है। कौन दिन-रात सोच रहा है। सरकार बनने के पहले दिन से क्या-क्या करना है। 20 वर्षों में जो बिहार पीछे चला गया है। उन्होंने कहा कि मैनिफेस्टो कमेटी भी बधाई की पात्र है। उन्होंने कहा कि इस मैनिफेस्टो को पावन दिन में जारी किया गया है।
मैनिफेस्टो में वक्फ कानून पर रोक लगाने की बात कही गई है। गरीबों को पांच सौ रुपये में गैस सिलेंडर दिया जाएगा। शराबबंदी कानून की समीक्षा भी की जाएगी। कहा गया है कि सरकार बनने के 20 दिनों के अंदर हर परिवार के एक सदस्य को सरकारी नौकरी देने का अधिनियम लाया जाएगा। 20 महीने के अंदर नौकरी देने की प्रक्रिया शुरू कर दी जाएगी। सभी जीविका दीदियों को स्थायी कर सरकारी कर्मचारी का दर्जा दिया जाएगा। आइटी पार्क, स्पेशल इकोनोमिक जोन, डेयरी एवं कृषि आधारित उद्याेग, स्वास्थ्य सेवा ,फूड प्राेसेसिंग आदि की नीति बनाई जाएगी। पुरानी पेंशन योजना लागू की जाएगी। मनरेगा की मजदूरी प्रतिदिन 255 की जगह तीन सौ रुपये किया जाएगा।









