रायपुर : शुक्रवार को सरकारी कर्मचारियों ने छत्तीसगढ़ सरकार के खिलाफ एक दिवसीय प्रदर्शन किया। जिसके बाद छत्तीसगढ़ सरकार सख्त हो गई है। बता दें कि 7 जुलाई को सरकारी कर्मचारियों ने अपनी पांच सूत्रीय मांग को लेकर प्रदर्शन किया था।
जिस कारण सरकारी काम प्रभावित हुई थी। वहीं प्रदेश सरकार ने कड़ा रुख अपनाते हुए निर्देश दिया है। हड़ताल पर रहने वाले हजारों नियमित कर्मचारियों का एक दिन का वेतन कटेगा। उनके खिलाफ अनुशासनात्मक कार्रवाई भी की जा सकती है। इसके लिए सामान्य प्रशासन विभाग ने आदेश जारी कर दिया है।
निर्देश के मुताबिक सात जुलाई को कर्मचारी संगठनों के आह्वान पर कई कर्मचारी कार्यालय से अनुपस्थित रहे और अनुशासनहीनता के खिलाफ कार्रवाई की जाए। सरकार के इस आदेश पर छत्तीसगढ़ कर्मचारी-अधिकारी संयुक्त मोर्चा के पदाधिकारियों ने विरोध किया है। उनका कहना है कि हमने 23 जून को हड़ताल के संबंध में मुख्य सचिव को नोटिस दे दिया था। हमारी मांगें जायज है। सरकार को मांगों पर संवाद करना चाहिए।
हड़ताल से चरमरा गई थी व्यवस्था
आपको बता दें कि छत्तीसगढ़ के सरकारी कर्मचारी अपनी मांगों को लेकर शुक्रवार को एक दिवसीय हड़ताल पर थे. पीएम मोदी के दौरे के दिन सिर्फ कलेक्ट्रेट के कर्मचारी काम पर आए थे। लेकिन स्कूल,सरकारी ऑफिस और मंत्रालय के दफ्तरों पर सन्नाटा पसरा रहा। छत्तीसगढ़ में एक साथ 145 संगठन मिलकर अपनी मांगों को लेकर आंदोलन कर रहे हैं।