पंजाब के पूर्व DGP के बेटे की रहस्यमयी मौत, पर्सनल डायरी से खुल रहे कई नए राज

पंचकूला

पंजाब के पंचकूला में पूर्व डीजीपी मोहम्मद मुस्तफा के 35 वर्षीय बेटे अकील अख्तर की मौत के मामले ने अब एक नया मोड़ ले लिया है. एसआईटी जांच में अकील की डायरी से ऐसे कई राज खुले हैं, जो उसके आखिरी वीडियो से मिलते-जुलते हैं. पुलिस का दावा है कि डायरी में वही बातें दर्ज हैं, जो अक़ील ने अपनी वीडियो में कही थीं, लेकिन कुछ पन्नों में लिखे नोट्स उससे उलट भी हैं.

इस मामले की जांच कर रही एसआईटी के प्रमुख एसीपी विक्रम नेहरा ने बताया कि डायरी की फॉरेंसिक जांच कराई जाएगी. अकील की हैंडराइटिंग का मिलान भी कराया जाएगा, ताकि यह तय किया जा सके कि लिखावट उसी की है या किसी और ने उसमें कुछ जोड़ा है. पुलिस को अकील के कमरे से ऐसी वस्तुएं भी मिली हैं, जिन पर ड्रग्स कनेक्शन का शक जताया जा रहा है.

एसआईटी टीम और फॉरेंसिक एक्सपर्ट्स अब उन वस्तुओं की वैज्ञानिक जांच करा रहे हैं. पुलिस के मुताबिक अकील का मोबाइल फोन और कुछ अन्य इलेक्ट्रॉनिक डिवाइस अभी तक बरामद नहीं हुए हैं, जिनसे जांच को बड़ा सुराग मिल सकता है. अकील की डायरी उसके परिवार ने ही पुलिस को सौंपी है. डायरी की लिखावट और उसमें दर्ज बातों ने एसआईटी को उलझा दिया है.

इसमें दर्ज कुछ नोट्स ऐसे हैं जिनमें अकील ने अपनी मानसिक स्थिति का जिक्र किया है, तो कुछ में उसने घर के अंदर की परेशानियों की बात कही है. पुलिस इन दोनों एंगल्स को समानांतर ट्रैक पर जांच रही है. इस केस में एफआईआर मलेरकोटला के रहने वाले शमसुद्दीन चौधरी की शिकायत पर दर्ज की गई है. वो खुद को अकील अख्तर के परिवार का पड़ोसी बताते हैं.

उन्होंने अपनी शिकायत में अकील अख्तर की मौत पर संदेह जताया है. इसके साथ ही इसके पीछे साजिश की आशंका जताई है. हालांकि, उनकी राजनीतिक पृष्ठभूमि अब जांच का नया मुद्दा बन गई है. वह पहले आम आदमी पार्टी से जुड़े थे. साल 2022 के पंजाब विधानसभा चुनाव में मलेरकोटला से प्रत्याशी मोहम्मद जमील-उर-रहमान के लिए प्रचार कर चुके हैं.

इस चुनाव में अकील की मां रजिया सुल्ताना को जमील-उर-रहमान ने हराया था, जो तीन बार की कांग्रेस विधायक रह चुकी हैं. रहमान का कहना है कि शमसुद्दीन चौधरी थोड़े समय के लिए पार्टी से जुड़े थे. उससे पहले वे अकाली दल से भी जुड़े रह चुके हैं. उन्होंने कहा कि शमसुद्दीन कभी उनके पीए नहीं थे. उनके खिलाफ शिकायतें आने के बाद ऑफिस आने से रोक दिया था.

पंजाब के पूर्व डीजीपी (मानवाधिकार) मोहम्मद मुस्तफा ने अपने ऊपर लगे सभी आरोपों को सिरे से खारिज किया है. उन्होंने कहा, ''मैं पुलिस केस का स्वागत करता हूं. जांच होगी तो सच्चाई सामने आएगी.'' उन्होंने दावा किया कि उनका बेटा अकील अख्तर पिछले 18 सालों से साइकोटिक डिसऑर्डर से जूझ रहा था. उसे नशे की लत भी थी. शिकायतकर्ता धोखेबाज है.

उन्होंने कहा, ''शमसुद्दीन चौधरी कभी मेरा पड़ोसी नहीं रहा. मेरा घर मलेरकोटला से दो किलोमीटर दूर है. वह दावा करता है कि वह मेरे ससुराल वालों को जानता है, लेकिन मैंने उसे उनके घर पर भी कभी नहीं देखा. वह किसी के इशारों पर काम कर रहा है. एसआईटी चाहे तो उसे मेरे सामने बिठा सकती है, ताकि मैं खुद उससे सवाल कर सकूं. उसका झूठ सामने आ जाएगा.''

शमसुद्दीन चौधरी ने बताया कि 27 अगस्त को अकील अख्तर ने सोशल मीडिया पर एक वीडियो डाला था, जिसमें उसने अपने पिता और पत्नी पर गंभीर आरोप लगाए थे. उसने कहा था कि उसे अपनी जान का खतरा है. लेकिन कुछ हफ्ते बाद उन्होंने ही एक नया वीडियो जारी कर कहा, ''पहले जो वीडियो डाला था, वो मेरी मानसिक बीमारी की वजह से था. मुझे बहुत अच्छा परिवार मिला है.''

इस मामले में 20 अक्टूबर को शिकायत मिलने के बाद पंचकूला पुलिस ने भारतीय न्याय संहिता की धारा 103(1) (हत्या) और 61 (आपराधिक साजिश) के तहत मामला दर्ज किया है. इस एफआईआर में अकील के माता-पिता मोहम्मद मुस्तफा और रजिया सुल्ताना के अलावा उनकी पत्नी और बहन का भी नाम शामिल है. फिलहाल पुलिस इस मामले की विस्तृत जांच कर रही है.

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