दिवाली 2025 पर शनि देव की वक्री चाल एक दुर्लभ खगोलीय घटना है। वृषभ, मिथुन, मकर और कुंभ राशि वालों के लिए यह समय विशेष रूप से धन, करियर, निवेश और सामाजिक मान-सम्मान लाने वाला होगा। इस अवसर पर अपने कर्म, पूजा और उपाय को सही दिशा में केंद्रित करें, ताकि शनि देव की कृपा से अधिकतम लाभ प्राप्त हो सके।
दिवाली पर शनि देव वक्री क्यों हैं खास ?
साल 2025 की दिवाली 20 अक्टूबर को ग्रहों की चाल में एक दुर्लभ योग बन रहा है। शनि देव वक्री होंगे और वह मीन राशि में स्थित होंगे। शनि देव न्याय और कर्मफल के देवता हैं और उनकी उल्टी चाल यानी वक्री स्थिति जीवन में पुराने अटके मामलों को सुलझाने, आर्थिक लाभ और करियर में तरक्की के संकेत देती है। जब यह ग्रह दिवाली जैसे बड़े पर्व के दिन वक्री होते हैं, तो इसका प्रभाव और भी गहरा माना जाता है। यह दुर्लभ योग कुछ राशियों के लिए धन, यात्रा और सामाजिक मान-सम्मान के नए अवसर लेकर आ सकता है।
वृषभ राशि – आर्थिक लाभ और सुख-सुविधा
इस दिवाली वृषभ राशि वालों के लिए अचानक धन लाभ के योग बन रहे हैं। पुराना अटका पैसा वापस मिल सकता है या नए स्त्रोतों से आय के मार्ग खुलेंगे।
करियर: प्रमोशन, नई जिम्मेदारी या बड़ा प्रोजेक्ट मिल सकता है।
घर-परिवार: कोई पुरानी इच्छा पूरी होगी, जिससे घर में सुख और संतोष बढ़ेगा।
मिथुन राशि – व्यापार और नौकरी में अवसर
मिथुन राशि के जातकों के लिए यह दिवाली व्यापार और नौकरी दोनों में लाभकारी रहेगी।
लाभ: नई डील, निवेश या व्यापार में मुनाफा।
नौकरी: बेरोजगारों को नौकरी मिल सकती है, कार्यरत लोग बेहतर अवसर पाएंगे।
विशेष: प्रॉपर्टी, लोहा, तेल, खनिज या काली वस्तुओं से जुड़े व्यवसाय में लाभ।
मकर राशि – संपत्ति, सम्मान और सुख
चूंकि मकर राशि के स्वामी स्वयं शनि देव हैं, उनकी वक्री स्थिति सकारात्मक परिणाम देगी।
धन: नई प्रॉपर्टी, गाड़ी या घर की खरीदारी में सफलता।
संबंध: विवाहित जीवन में मधुरता और नई ऊर्जा।
सामाजिक जीवन: मान-सम्मान और प्रतिष्ठा में वृद्धि।
कुंभ राशि – आर्थिक वृद्धि और सामाजिक सम्मान
कुंभ राशि वालों को इस दिवाली धन आगमन के नए स्रोत मिल सकते हैं।
वित्त: आय में वृद्धि, निवेश के लिए अनुकूल समय।
सुख और संतुलन: जीवन में खुशियां, आत्मविश्वास और सामाजिक प्रतिष्ठा बढ़ेगी।