नई दिल्ली
भारत की सबसे भरोसेमंद ऑटोमोबाइल कंपनी Tata Motors ने 80 साल के इतिहास में एक और नया अध्याय जोड़ दिया है. 13 अक्टूबर 2025 को कंपनी का नाम बदलकर 'टाटा मोटर्स पैसेंजर व्हीकल लिमिटेड' कर दिया गया है. यह बदलाव सिर्फ एक नाम का नहीं, बल्कि कंपनी के भविष्य की दिशा तय करने वाला ऐतिहासिक कदम है.
यह कदम टाटा ग्रुप की उस दीर्घकालिक योजना का हिस्सा है जिसके तहत कंपनी अपने पैसेंजर और कमर्शियल व्हीकल बिजनेस को अलग-अलग इकाइयों में बांट रही है. अब जहां पैसेंजर व्हीकल्स, SUVs, इलेक्ट्रिक वाहनों और जगुआर लैंडरोवर के बिजनेस को नई यूनिट टाटा मोटर्स पैसेंजर व्हीकल लिमिटेड (TMPVL) संभालेगी, वहीं ट्रक, बस और पिकअप जैसे कमर्शियल वाहनों की जिम्मेदारी TML Commercial Vehicles Limited (जो जल्द ही अपना नाम टाटा मोटर्स लिमिटेड रखेगी) के पास होगी.
टाटा मोटर्स का यह डीमर्जर (विभाजन) 1 अक्टूबर 2025 से प्रभावी हो गया है, जिसे नेशनल कंपनी लॉ ट्रिब्यूनल (NCLT) मुंबई बेंच ने 25 अगस्त 2025 और 10 सितंबर 2025 को पारित आदेशों के माध्यम से मंज़ूरी दी थी. जिन शेयरधारकों के पास टाटा मोटर्स के शेयर 14 अक्टूबर 2025 की रिकॉर्ड डेट पर होंगे, उन्हें अब दोनों नई यूनिट (पैसेंजर व्हीकल और कमर्शियल व्हीकल कंपनियों) में एक-एक शेयर मिलेगा.
80 साल में चौथी बार
अगर टाटा मोटर्स का इतिहास पलटकर देखें, तो हर नाम बदलाव के पीछे एक सोच रही है. समय के साथ अपने कारोबार की दिशा को साफ़ परिभाषित करना.
1945: शुरुआत हुई टाटा लोकोमोटिव एंड इजीनियरिंग कंपनी लिमिटेड के रूप में. एक ऐसी कंपनी जो भारत के औद्योगिक भविष्य का सपना देख रही थी.
1960: नाम बदला टाटा इंजीनियरिंग एंड लोकोमोटिव कंपनी लिमिटेड (TELCO). जब भारत औद्योगिक क्रांति की दहलीज पर था.
2000: कंपनी ने इंजीनियरिंग पर फोकस बढ़ाते हुए खुद को टाटा इंजीनिरिंग लिमिटेड कहा.
2003: एक निर्णायक मोड़, जब TELCO का नाम बदलकर टाटा मोटर्स लिमिटेड हुआ. उस वक्त रतन टाटा ने कहा था “टाटा मोटर्स उस काम को परिभाषित करता है जो हम वास्तव में करते हैं.”
और अब, 2025 में, टाटा मोटर्स ने खुद को दो अलग रास्तों पर विभाजित किया है. ताकि हर सेगमेंट अपने सामर्थ्य के हिसाब से उड़ान भर सके.
नया स्ट्रक्चर, नया विज़न
टाटा मोटर्स पैसेंजर व्हीकल लिमिटेड: कार, SUV, EV और लक्ज़री JLR ब्रांड्स का घर बनेगी.
टाटा मोटर्स लिमिटेड (नई यूनिट): ट्रक, बस और कमर्शियल वाहनों का निर्माण करेगी.
टाटा का डीमर्जर एक नए युग की शुरुआत है. एक ओर जहां पैसेंजर व्हीकल डिविजन देश के इलेक्ट्रिक ट्रांजिशन की अगुवाई करेगा, वहीं कमर्शियल व्हीकल डिविजन भारत के बुनियादी ढांचे की ताकत बने रहने की दिशा में आगे बढ़ेगा.