मध्य प्रदेश में बच्चों की मौत के बाद पंजाब सरकार ने कोल्डरिफ सिरप पर लगाया प्रतिबंध

चंडीगढ़ 

पंजाब सरकार के फूड एंड ड्रग्स एडमिनिस्ट्रेशन (ड्रग्स विंग) ने कोल्डरिफ सिरप की बिक्री, वितरण और उपयोग पर तुरंत प्रभाव से रोक लगा दी है। विभाग ने यह कदम उस रिपोर्ट के बाद उठाया है जिसमें उक्त दवा को नॉन-स्टैंडर्ड क्वालिटी घोषित किया गया है। यह रिपोर्ट मध्य प्रदेश ड्रग्स टेस्टिंग लैबोरेटरी द्वारा 4 अक्तूबर 2025 को जारी की गई थी।

जांच में पाया गया कि यह सिरप डाइइथिलीन ग्लाइकोल की अत्यधिक मात्रा (46.28%) के कारण मिलावटी और स्वास्थ्य के लिए हानिकारक है। यह सिरप स्रेसन फार्मास्युटिकल्स कांचीपुरम तमिलनाडु द्वारा मई 2025 में निर्मित और अप्रैल 2027 तक वैध बताया गया था। विभाग के अनुसार यह दवा मध्य प्रदेश के छिंदवाड़ा जिले में बच्चों की हालिया मौतों से जुड़ी बताई जा रही है, जिसके चलते पंजाब में इसे तुरंत प्रतिबंधित किया गया है।

आदेश में सभी रिटेलर्स, डिस्ट्रीब्यूटर्स, अस्पतालों और मेडिकल प्रैक्टिशनरों को निर्देश दिया गया है कि वे इस सिरप को न खरीदें, न बेचें और न ही उपयोग करें। अगर राज्य में इस उत्पाद का कोई भी स्टॉक पाया जाता है, तो उसकी जानकारी drugcontrol.fda@punjab.gov.in पर रिपोर्ट करने के लिए बोला गया है। पंजाब के संयुक्त आयुक्त (ड्रग्स) ने यह आदेश जारी गए किए हैं और इसकी प्रति स्वास्थ्य मंत्री व संबंधित अधिकारियों को भेजी गई है।

सरकारी ऑर्डर में ये बातें लिखीं…

    मध्य प्रदेश में परीक्षण के दौरान खतरनाक पाई गई: ऑर्डर में कहा गया है कि मध्य प्रदेश की खाद्य एवं औषधि प्रशासन की औषधि परीक्षण प्रयोगशाला ने 4 अक्टूबर 2025 को एक रिपोर्ट जारी की है। इस रिपोर्ट के अनुसार, कोल्ड्रिफ सिरप नाम की दवा अच्छी गुणवत्ता वाली नहीं पाई गई है।

    तमिलनाडु में बनी, इसमें जहरीले रसायन की पुष्टि: कोल्ड्रिफ सिरप का बैच नंबर SR-13 श्रीसन फार्मास्युटिकल्स, कांचीपुरम (तमिलनाडु) ने तैयार किया है। यह मई 2025 में बना और अप्रैल 2027 में खत्म होगा। इस सिरप में डायथिलीन ग्लाइकॉल (46.28% w/v) की मिलावट पाई गई है, जो जहर के समान हानिकारक रसायन है और इससे सेहत को गंभीर नुकसान हो सकता है।

    सिरप की मौजूदगी की सूचना देने के लिए ईमेल एड्रेस जारी: ऑर्डर के आखिर में लिखा है कि यह सिरप (कोल्ड्रिफ) मध्य प्रदेश के छिंदवाड़ा जिले में बच्चों की मौत से जुड़ी है, इसलिए पंजाब में इस दवा की बिक्री, वितरण और इस्तेमाल पर तुरंत रोक लगा दी गई है। पंजाब के सभी मेडिकल स्टोर, डिस्ट्रीब्यूटर, डॉक्टर और अस्पताल इस दवा को न बेचें, न खरीदें और न ही इस्तेमाल करें। अगर कहीं यह सिरप मौजूद है, तो उसकी जानकारी तुरंत पंजाब खाद्य एवं औषधि प्रशासन (दवा शाखा) को ईमेल drugscontrol.fda@punjals.gov.in पर दें।

तमिलनाडु में बनने वाली कोल्ड्रिफ सिरप में 48% जहर कांचीपुरम जिले के सुंगुवर्चत्रम में स्थित श्रीसन फार्मास्यूटिकल की यूनिट से कोल्ड्रिफ सिरप (बैच नंबर SR-13) जब्त किया गया। जांच में पता चला कि इसमें नॉन-फार्माकॉपिया ग्रेड प्रोपीलीन ग्लाइकॉल का इस्तेमाल हुआ, जो संभवतः डायथिलीन ग्लाइकॉल (DEG) और एथिलीन ग्लाइकॉल से दूषित था। दोनों ही केमिकल किडनी को नुकसान पहुंचाने वाले जहरीले पदार्थ हैं।

जैसे ही सैंपल चेन्नई की सरकारी ड्रग्स टेस्टिंग लैब में भेजे गए, वहां से 24 घंटे में रिपोर्ट दी गई। इसमें पाया गया कि कोल्ड्रिफ सिरप का यह बैच 48.6% w/v DEG से जहरीला और ‘Not of Standard Quality’ है। जबकि अन्य चार दवाओं (रेस्पोलाइट D, GL, ST और हेप्सैंडिन सिरप) को स्टैंडर्ड क्वालिटी का पाया गया।

जांच रिपोर्ट के बाद तमिलनाडु सरकार का एक्शन

    पूरे राज्य में कोल्ड्रिफ सिरप की बिक्री-वितरण पर तुरंत रोक लगाई गई।
    सभी ड्रग इंस्पेक्टर्स को थोक और रिटेल दुकानों से स्टॉक फ्रीज करने का आदेश दिया।
    ओडिशा और पुडुचेरी के अधिकारियों को भी अलर्ट किया गया।
    कंपनी को स्टॉप प्रोडक्शन ऑर्डर जारी कर दिया गया।
    मैन्युफैक्चरिंग लाइसेंस कैंसिल करने के लिए शो-कॉज नोटिस भी भेजा गया।

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