चंडीगढ़
स्वास्थ्य विभाग ने प्रदेश के 23 जिलों के अस्पतालों में सुरक्षा गार्ड तैनात करने की प्रक्रिया शुरू कर दी है। पहले चरण में 200 सुरक्षा गार्डों को तैनात किया जाएगा जिसके लिए विभाग के नेशनल हेल्थ मिशन के निदेशक ने पंजाब एक्स सर्विसमैन कॉरपोरेशन (पेस्को) को पत्र लिख दिया है। इससे डॉक्टरों की एक बड़ी मांग पूरी हो गई है क्योंकि अस्पतालों में हिंसा की बढ़ती घटनाओं के चलते वह सुरक्षा कर्मी तैनात करने की मांग कर रहे थे।
विभाग ने पत्र में कहा है कि 31 मार्च-2026 तक सभी अस्पतालों में सुरक्षा कर्मियों की तैनाती की जानी है। सुरक्षा कर्मियों के वेतन पर आने वाले खर्चों की अदायगी पंजाब हेल्थ सिस्टम कॉरपोरेशन के अधीन चलती स्कीम के तहत किया जाएगा। विभाग ने कहा है कि तैनाती प्रक्रिया दौरान पंजाब सरकार की आरक्षण नीति की पालना की जाएगी। पंजाब सिविल मेडिकल सर्विसेज एसोसिएशन के प्रधान अखिल सरीन ने सरकार के इस फैसले का स्वागत किया। उन्होंने कहा कि पहले चरण में जिला अस्पतालों में सुरक्षा कर्मियों की तैनाती की जाएगी। इसके बाद दूसरे चारण में सब डिविजनल और सामुदायिक स्वास्थ्य केंद्रों पर सुरक्षा कर्मियों की तैनाती की जाएगी। इससे अब डॉक्टर बिना डरे स्वास्थ्य सेवाओं के लिए दिन रात काम कर सकेंगे।
इस महीने के अंत तक सारी प्रक्रिया पूरी कर ली जाएगी। अगर यह प्रोजेक्ट कामयाब रहता है तो अन्य अस्पतालों में भी इसे लागू किया जाएगा। वहीं, इस फैसले से डॉक्टरों ने राहत की सांस ली है। उनका कहना है कि इससे लोगों को काफी फायदा होगा। यह स्टाफ इमरजेंसी में तैनात रहेगा।
हर 10वें दिन डॉक्टरों से मारपीट
पंजाब के सरकारी अस्पतालों में डॉक्टरों के साथ इमरजेंसी में मारपीट के केस लगातार बढ़ते जा रहे हैं। अगर दो सालों की बात करें तो डॉक्टरों के साथ अस्पतालों में मारपीट के लगभग 80 केस आ चुके हैं। हर 10वें दिन एक केस आता है। डॉक्टरों की मानें तो यह स्थिति बॉर्डर एरिया के जिलों में ही नहीं बल्कि वीआईपी जिले मोहाली में भी आ चुकी है।
वहीं, कई बार तो इस वजह से डॉक्टर अपना काम भी उचित तरीके से नहीं कर पाते हैं। उन्हें अपनी सुरक्षा का डर सताने लगता है।
सिक्योरिटी ऑडिट में मिली थी खामियां
पिछले साल सितंबर में जब मोहाली के डेराबस्सी और जालंधर में डॉक्टरों से मारपीट हुई थी, उस समय डॉक्टरों ने काम बंद कर दिया था। साथ ही डॉक्टरों की सुरक्षा का मुद्दा प्रमुखता से उठाया था। इसके बाद यह फैसला लिया गया था कि सारे जिलों में गठित हेल्थ सिक्योरिटी बोर्ड की तरफ से मेडिकल संस्थानों का सिक्योरिटी ऑडिट किया जाएगा।
वित्त विभाग से मंजूरी के बाद गार्ड तैनाती का फैसला
साथ ही सारे अस्पतालों में उन स्थानों की पहचान करने के आदेश दिए गए थे। इसके बाद सारे अस्पतालों में डार्क पॉइंट कवर किए गए थे। अधिकतर अस्पतालों की इमरजेंसी में कैमरे लगाए गए थे, लेकिन अभी तक गार्ड नहीं लग पाए थे क्योंकि इसमें फंड की कमी आ रही थी। इसके बाद वित्त विभाग से इस बारे में मंजूरी ली गई, जिसके बाद इनकी तैनाती का फैसला लिया गया है।
31 मार्च तक रहेगी तैनाती
इन सुरक्षा गार्डों की नियुक्ति 31 मार्च 2026 तक आउटसोर्स के माध्यम से की जाएगी। इनकी नियुक्ति में पंजाब सरकार की रिजर्वेशन पॉलिसी लागू रहेगी। इन मुलाजिमों को भुगतान पंजाब हेल्थ सिस्टम्स कॉर्पोरेशन के अधीन चल रही स्कीम के तहत किया जाएगा। पीसीएमएस एसोसिएशन पंजाब के डॉ. अखिल सरीन ने कहा कि सरकार का यह अच्छा कदम है। इससे डॉक्टरों को अस्पताल में एक अच्छा माहौल मिलेगा।
संस्थान- सिक्योरिटी गार्ड की संख्या
डीएच अमृतसर- 11
डीएच बरनाला- 7
डीएच बठिंडा- 11
डीएच फरीदकोट- 7
डीएच फतेहगढ़ साहिब- 7
डीएच फाजिल्का- 9
डीएच फिरोजपुर- 9
डीएच गुरदासपुर- 9
डीएच होशियारपुर- 9
डीएच जालंधर- 11
डीएच कपूरथला- 9
डीएच लुधियाना- 12
डीएच मालेरकोटला- 7
डीएच मानसा- 7
डीएच मोगा- 9
डीएच मुक्तसर साहिब- 9
डीएच पठानकोट- 7
डीएच एमकेएच पटियाला- 11
डीएच रूपनगर- 7
डीएच संगरूर- 9
डीएच मोहाली- 9
डीएच एसबीएस नगर- 7
डीएच तरनतारन- 7