पटना
बिहार चुनाव की तैयारियों की समीक्षा को लेकर चुनाव आयोग की टीम दो दिन के पटना दौरे है। रविवार को सीईसी ज्ञानेश कुमार की अध्यक्षता में प्रेस कॉन्फ्रेंस कर जानकारी दी गई। उन्होने बताया कि किसी भी बूथ पर 1200 से ज्यादा वोटर नहीं होंगे। 100 फीसदी वेब कास्टिंग होगी। ज्ञानेश कुमार ने कहा कि बिहार में 243 विधानसभा क्षेत्र है। विधानसभा का कार्यकाल 22 नवंबर 2025 को खत्म हो रहा है। उसके पहले चुनाव संपन्न होंगे। चुनाव आयोग की टीम दो दिनों से बिहार में है। इसके पहले भी हमारे वरिष्ठ अधिकारी बिहार का दौरा कर चुके हैं।
चुनाव आयोग ने दो दिवसीय दौरे के दौरान पहले दिन राजनीतिक दलों के प्रतिनिधियों के साथ बैठक की। उसके बाद, सभी जिलों डीएम, एसपी, डीआईजी व आईजी के साथ बैठक की। वहीं, दूसरे दिन तीन सत्र में ,प्रवर्तन एजेंसियों के नोडल अधिकारियों, बिहार के मुख्य सचिव, डीजीपी और विभिन्न विभागों के अधिकारियों के साथ बैठक की।
सीईसी ने बताया कि पहली बार बूथ लेवल एजेंट्स (बीएलए) की ट्रेनिंग दिल्ली में हुई है। बूथ लेवल ऑफिसर के लिए भी फोटो आईडी कार्ड उपलब्ध कराया जाएगा। इसके अलावा पोलिंग बूथ के कमरे के बाहर मोबाइल जमाकर वोट डालने की सुविधा होगी। सभी 90 हजार पोलिंग बूथ पर ये सुविधा होगी। मतदाताओं को दी जाने वाली वोटर स्लिप बूथ की संख्या बड़े अक्षरों में होगी, जिससे बूथ ढूंढना आसान होगा।
उन्होंने कहा कि विधानसभा चुनाव के पूर्व कराए गए एसआई आर के तहत अपात्र मतदाताओं के नाम कटे हैं, उन्होंने आग्रह किया कि अभी भी वक्त है, यदि वे योग्य हैं, तो नामांकन की समाप्ति के 10 दिनों पहले तक वे फॉर्म- 6 या फॉर्म- 7 भरकर जमा कर सकते हैं। उन्होंने कहा कि जो नई पहल की गई है, उनमें कुछ चुनाव कंडक्ट के समय और कुछ चुनाव के दौरान लागू की जाएगी। उन्होंने आधार कार्ड को लेकर नियमो आए सुप्रीम कोर्ट के निर्देश का ज़िक्र किया और कहा कि इसे गणना फॉर्म के साथ स्वीकार किया गया था और आगे भी स्वीकार किया जाएगा।
हालांकि सुप्रीम कोर्ट और आधार कानून के साथ जनप्रतिनिधित्व कानून का हवाला दिया और कहा कि आधार केवल पहचान है, नागरिकता का प्रमाण नहीं। उन्होंने राजनीतिक दलों से हर बूथ पर चुनाव एजेंट बहाल करने और मतदान से पूर्व और मतदान की समाप्ति तक फॉर्म 17 सी लेकर जाने तक उनकी मौजूदगी सुनिश्चित कराएं।
चुनाव आयोग 17 नए प्रयोग बिहार चुनाव में करने जा रही है। आगे यह पूरे देश में लागू होगा। ईवीएम पर प्रत्याशियों की रंगीन फोटो होगी। वोटर आईडी कार्ड में वोटर आईडी नंबर बड़ा होगा। EVM की काउंटिंग में कोई भी गलती होगी तो सभी VVPAT की गिनती होगी। इसके अलावा बैलेट वोट की भी गिनती अनिवार्य होगी। ज्ञानेश कुमार ने कहा कि हाल ही में बिहार में मतदाता सूची शुद्धिकरण का काम चलाया गया और हमारे सामने मौजूद बूथ लेवल अधिकारियों ने न सिर्फ अपने बूथों पर मतदाता सूची शुद्धिकरण का काम किया, बल्कि बिहार के 90,217 बूथ लेवल अधिकारियों ने ऐसा काम किया जो पूरे देश में सराहनीय है। जैसे बिहार के वैशाली ने दुनिया को लोकतंत्र की राह दिखाई। आप सब मिलकर मतदाता सूची शुद्धिकरण के काम में देश के लिए प्रेरणा स्रोत बनेंगे।