इंदौर का बड़ा बदलाव: मालवा मिल- पाटनीपुरा ब्रिज आज से खुलेगा, 30 मार्च से बंद रास्ता फिर से चालू

इंदौर
छह माह के इंतजार के बाद मालवा मिल और पाटनीपुरा चौराहा के बीच निर्माणधीन ब्रिज अंतत: बनकर तैयार हो गया। गुरुवार को इसे लोकार्पित कर दिया जाएगा। ब्रिज से आवागमन शुरू होने से करीब सवा लाख लोगों को सीधा-सीधा लाभ मिलेगा। यह रास्ता बंद होने से वाहन चालकों को वैकल्पिक रास्तों से गुजरना पड़ रहा था। 6 करोड़ की लागत से तैयार यह नया ब्रिज 30 मीटर चौड़ा और 21 मीटर लंबा है।

30 मार्च 2025 को ब्रिज निर्माण शुरू करते वक्त दावा किया गया था कि नया ब्रिज 100 दिन में तैयार हो जाएगा, लेकिन ऐसा नहीं हुआ। कभी अतिक्रमणकारियों के न्यायालय पहुंचने की वजह से तो कभी ठेकेदार की लापरवाही के चलते निर्माण में देरी होती रही। इस दौरान एक दुर्घटना भी हुई जिसमें एक व्यक्ति को जान गंवानी पड़ा। उधर शहर के मौजूदा ब्रिज और फ्लाइओवर की हालत दिनों-दिन खराब होती जा रही है। रखरखाव के आभाव में कहीं गड्ढों से वाहन चालक परेशान हैं तो कहीं ब्रिज पर निकल आए सरियों की वजह से हादसों का भय वाहन चालकों को बना रहता है।
 
जाम से मिलेगी मुक्ति
मालवा मिल चौराहा-पाटनीपुरा चौराहा के बीच बना ब्रिज करीब 100 वर्ष पुराना था और जीर्ण-शीर्ण हो गया था। यह ब्रिज सिर्फ 40 फीट चौड़ा था। इस कारण अक्सर जाम की स्थिति बनती थी। सड़क चौड़ीकरण के दौरान भी इस ब्रिज को नया बनाने की मांग की जा रही थी। नया ब्रिज 30 मीटर चौड़ा होने की वजह से यहां जाम की स्थिति नहीं बनेगी।

लगभग 17 वर्ष पुराने भंडारी ब्रिज का लोकार्पण 11 अगस्त 2008 को हुआ था। 1548 करोड़ रुपये की लागत से तैयार यह ब्रिज रखरखाव के अभाव में दम तोड़ने लगा है। कई जगह सरिए नजर आने लगे हैं। खास बात यह है कि इस ब्रिज पर दोनों ओर सात-सात फीट चौड़े फुटपाथ हैं। फुटपाथ सहित ब्रिज की चौड़ाई महज 18 मीटर है। इस वजह से इस ब्रिज पर अक्सर जाम की स्थिति बनती है। ब्रिज के रखरखाव की जिम्मेदारी नगर निगम की है, लेकिन कभी कोई सुधार काम होते हुए नजर नहीं आता। लगातार शिकायतों के बाद अब नगर निगम फुटपाथ की चौड़ाई कम करने और ब्रिज पर सुधार कार्य करवाने की बात कर रहा है। आशंका इस बात की भी है कि समय रहते इस ब्रिज पर ध्यान नहीं दिया गया तो इसकी हालत ज्यादा बिगड़ जाएगी।

तीन इमली ब्रिज : हिचकोले खाते वाहन, कई-कई फीट चौड़े गड्ढे
तीन इमली ब्रिज के निर्माण को एक दशक से भी कम समय हुआ है, लेकिन इसकी हालत खराब है। इसकी एक ओर की सड़क धंस रही है, लेकिन जिम्मेदारों के पास रखरखाव का समय नहीं है। कई फीट चौड़े गड्ढों की यजह से दुर्घटना का भय बना रहता है। इस ब्रिज पर 24 घंटे भारी वाहनों की आवाजाही होती है, बावजूद इसके न किसी को रखरखाव की चिंता है न यातायात व्यवस्था सुधारने की।

तेजाजी नगर ब्रिज : गड्ढों से बड़े वाहन तक पलट जाते हैं
इस ब्रिज के निर्माण को भी बहुत ज्यादा समय नहीं हुआ है, लेकिन ब्रिज पर बड़े-बड़े गड्ढे हैं जो वाहन चालकों को डराते हैं। ये गड्ढे सिर्फ डराते ही नहीं बल्कि वाहनों को पलटाने तक में सक्षम हैं। पिछले दिनों ही गड्ढों की वजह से एक टैंकर पलट गया था। ब्रिज की विशेषता यह है कि इस ब्रिज के ठीक बीचो-बीच चौड़ी नालियां हैं। इन नालियों में वाहनों के पहिए फंस जाते हैं। छोटी-मोटी दुर्घटनाएं तो रोजाना होती ही हैं। रखरखाव के अभाव में यह ब्रिज भी दम तोड़ने लगा है।

Recent Post

Live Cricket Update

You May Like This

error: Content is protected !!

4th piller को सपोर्ट करने के लिए आप Gpay - 7587428786