कांग्रेस का संसदीय रणनीति समूह (पीएसजी) शनिवार को समान नागरिक संहिता पर विचार करने के लिए दिल्ली में बैठक करने जा रहा है.
यह बैठक सोनिया गांधी के सरकारी आवास 10, जनपथ पर बुलाई गई है.
इस बैठक की अहमियत इसलिए है कि सोमवार यानी तीन जुलाई को क़ानून और न्याय मामलों की संसद की स्थायी समिति इस मामले पर विचार करने वाली है.
प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने मंगलवार, 27 जून को मध्य प्रदेश में एक कार्यक्रम में पहली बार समान नागरिक संहिता पर खुलकर बात की थी. इस वजह से संसद की स्थाई समिति की बैठक को काफ़ी अहम माना जा रहा है.
पीएम मोदी ने क्या बोला था?
भोपाल में एक कार्यक्रम के दौरान प्रधानमंत्री मोदी ने देश में समान नागरिक संहिता की वकालत करते हुए कहा था कि ‘एक ही परिवार में दो लोगों के लिए अलग-अलग नियम नहीं हो सकते. ऐसी दोहरी व्यवस्था से घर कैसे चल पाएगा?’
पीएम मोदी ने कहा था, “सुप्रीम कोर्ट ने बार-बार कहा है. सुप्रीम कोर्ट डंडा मारता है. कहता है कॉमन सिविल कोड लाओ. लेकिन ये वोट बैंक के भूखे लोग इसमें अड़ंगा लगा रहे हैं. लेकिन भाजपा सबका साथ, सबका विकास की भावना से काम कर रही है.”
समान नागरिक संहिता पर प्रधानमंत्री के आए बयान के बाद ज़्यादातर विपक्षी पार्टियां ये आरोप लगा रही हैं कि 2024 के चुनाव से पहले प्रधानमंत्री मोदी ने बेरोज़गारी, महंगाई जैसे मुद्दों से ध्यान भटकाने के लिए यूसीसी का शिगूफ़ा छेड़ा है और वो जनता को गुमराह करना चाहते हैं.