पंजाब
पंजाब में हाल ही में आई बाढ़ से हुए बड़े नुकसान के बाद किसानों ने राज्य और केंद्र सरकार से 40,000 करोड़ रुपये की मुआवजा राशि की मांग की है। किसानों का कहना है कि प्राकृतिक आपदा के कारण न केवल फसलें बर्बाद हुई हैं, बल्कि घरों, पशुओं और जमीन पर भी गंभीर असर पड़ा है।
किसानों ने साफ किया कि वे केवल खेती का नुकसान ही नहीं, बल्कि खेत मजदूरों और जमीन-बेरोजगार परिवारों के लिए भी राहत की उम्मीद कर रहे हैं। उनकी मांग है कि प्रभावित परिवारों को आर्थिक सहायता दी जाए, फसलों के नुकसान की भरपाई की जाए और जिन परिवारों ने अपनों को खोया है, उन्हें उचित मुआवजा दिया जाए। इसके साथ ही घरों की मरम्मत, पशुधन हानि और भू-खनन से हुए नुकसान को भी राहत पैकेज में शामिल किया जाए।
किसानों ने आपदा प्रबंधन में सरकार की तैयारियों पर भी सवाल उठाए। उनका आरोप है कि प्रशासन समय रहते कदम उठाने में नाकाम रहा, जिससे नुकसान और बढ़ गया। उनका कहना है कि अगर राहत और मुआवजे की प्रक्रिया तेजी से पूरी नहीं हुई, तो ग्रामीण इलाकों में गुस्सा और असंतोष फैल सकता है।
यह मामला राजनीतिक और आर्थिक दोनों ही दृष्टिकोण से अहम माना जा रहा है। एक ओर किसानों की उम्मीदें सरकार से जुड़ी हैं, वहीं दूसरी ओर सरकार के सामने चुनौती है कि राहत पैकेज समय पर और निष्पक्ष तरीके से जरूरतमंदों तक पहुंचे।