आरजीएचएस अस्पताल में यूरोलॉजी मरीजों की अनदेखी, 50 को नोटिस जारी

जयपुर

राजस्थान गवर्नमेंट हैल्थ स्कीम (RGHS) में इलाज को लेकर आनाकानी कर रहे 50 अस्पतालों को स्वास्थ्य विभाग ने कारण बताओ नोटिस जारी किया है। विभाग का कहना है कि यदि संतोषजनक जवाब नहीं दिया तो अस्पतालों के डिपेनलमेंट की कार्यवाही भी होगी। मामला यूरोलॉजी से जुड़े ट्रीटमेंट को लेकर फंसा है। कई अस्पताल यूरोलॉजी से जुड़ उपचार की दरों को बढ़ाने की मांग कर रहे हैं जबकि राज्य सरकार का कहना है कि यूरोलॉजी की दरें सीजीएचएस के बराबर हैं। इसलिए इन दरों को बढ़ाने की मांग सही नहीं है। इसी के चलते कई अस्पताल यूरोलॉजी से जुड़े मरीजों को बैरंग लौटा रहे हैं। स्वास्थ्य विभाग के अनुसार  यूरोलॉजी में कम संख्या में पैकेज बुक करने वाले 50 अस्पतालों को कारण बताओ नोटिस जारी किया है। संतोषजनक कारण नहीं होने की स्थिति मे इन अस्पतालों को डिपैनल करने की कार्रवाई की जाएगी।

चिकित्सा एवं स्वास्थ्य विभाग की प्रमुख सचिव गायत्री राठौड़ ने कहा है कि चिकित्सा एवं स्वास्थ्य विभाग आरजीएचएस योजना के सुचारू संचालन की दिशा में लगातार जरूरी कदम उठा रहा है। अस्पतालों को भुगतान, पैकेज की दरों सहित अन्य विषयों पर समय-समय पर निर्णय लेकर आवश्यक कार्यवाही की गई है। उन्होंने कहा है कि यह सुनिश्चित किया जा रहा है कि योजना के लाभार्थियों सहित सभी हितधारकों को किसी तरह की परेशानी नहीं हो, लेकिन बिना वाजिब कारण अगर कोई अस्पताल उपचार उपलब्ध करवाने में आनाकानी करता है तो नियमानुसार कार्रवाई की जाएगी। यह संज्ञान में आने पर कि विगत दिनों में कुछ अस्पतालों ने आरजीएचएस योजना में यूरोलॉजी से संबंधित उपचार के  पैकेज कम बुक किए हैं, उन अस्पतालों को कारण बताओ नोटिस जारी किया गया है।

राजस्थान स्टेट हैल्थ एश्यारेंस एजेंसी के मुख्य कार्यकारी अधिकारी हरजीलाल अटल ने बताया कि ज्यादातर अस्पतालों में यूरोलॉजी से संबंधित उपचार किया जा रहा है। विगत माह में करीब 9 हजार रोगियों ने आरजीएचएस योजना में यूरोलॉजी से संबंधित उपचार लिया है। ऐसे 50 अस्पताल चिन्हित किए गए हैं, जिन्होंने पैकेज कम बुक किए हैं, उन्हें कारण बताओ नोटिस जारी किया गया है। उन्होंने कहा कि यह संज्ञान में आया है कि यूरोलॉजी से जुड़े कुछ संगठन यूरोलॉजी पैकेज की दरें बढ़ाए जाने की मांग कर रहे हैं, लेकिन आरजीएचएस योजना में यूरोलॉजी पैकेज की दरें सीजीएचएस दरों के अनुरूप ही हैं, इसलिए पैकेज की दरों के आधार पर उपचार से मना किया जाना न्याय संगत नहीं है। 

Recent Post

Live Cricket Update

You May Like This

error: Content is protected !!

4th piller को सपोर्ट करने के लिए आप Gpay - 7587428786