MP में अक्टूबर के पहले हफ्ते में विदा होगा मानसून, 25-26 सितंबर को तेज बारिश के आसार

भोपाल 

 मध्यप्रदेश में इन दिनों मौसम का मिजाज बार-बार रंगत बदल रहा है। कहीं गरज चमक के साथ झमाझम बारिश का दौर जारी है तो कहीं लोग उमस से बेहाल नजर आए। कई राज्यों से मानसून की विदाई हो चुकी है लेकिन एमपी में अभी भी मानसून बरस रहा है, जो अक्टूबर के पहले सप्ताह तक जारी रह सकता है। विदाई से पहले प्रदेश में मानसून का तांडव देखने को मिलेगा। मौसम विभाग के रिपोर्ट के मुताबिक, एमपी में अगले 96 घंटे यानि 26-27 सितंबर तक भारी बारिश होने का अनुमान है। मौसम विभाग की माने तो 25 सितंबर के आसपास मौसम में बदलाव हो सकता है। वहीं आज भी प्रदेश के कई हिस्सों में लोकल सिस्टम के कारण बारिश(Heavy Rain) का अलर्ट जारी किया गया है।

दशहरे के आसपास अच्छी बारिश की संभावना

मौसम विशेषज्ञ एके शुक्ला ने बताया कि अभी मौसम का मिजाज इसी तरह रहने की संभावना, अभी एक दो दिन धूप, उमस रहेगी. इसके बाद गरज चमक के साथ बारिश(Heavy Rain), बौछारों की स्थिति बनती रहेगी। धूप, छांव, बादलों की स्थिति रहेगी। दशहरे के आसपास अच्छी बारिश हो सकती है। शहर से मानसून की विदाई अक्टूबर के पहले सप्ताह में होने के आसार है।

भोपाल का मौसम

अभी राजधानी भोपाल के मौसम का मिजाज भी इसी तरह रहने की संभावना है, वहीं 25 के आसपास मौसम में फिर बदलाव हो सकता है। ऐसे में विदाई के पहले एक बार फिर मौसम रंगत बदल सकता है। इस बार सितंबर में शहर के अलग-अलग हिस्सों में बारिश(Heavy Rain) का नजारा अलग दिखाई दिया है। ऐसे में शहर में खंडवृष्टि जैसी स्थिति दिखाई दी है। एक सितंबर से ही अगर बात की जाए तो सबसे ज्यादा बारिश अरेरा हिल्स में हुई है, जबकि बैरागढ़ में सबसे कम बारिश हुई है। 1 जून से अब तक की बारिश की स्थिति देखी जाए तो बैरागढ़ के मुकाबले अरेरा हिल्स में 10 इस इंच ज्यादा बारिश हुई है।

प्रदेश में मानसूनी बारिश की स्थिति

इस मानसूनी सीजन में अब तक मध्य प्रदेश में औसत से 20% अधिक बारिश हुई है। 16 जून से अब तक प्रदेश में कुल 43.9 इंच बारिश दर्ज की गई है, जबकि सीजन का सामान्य औसत 37 इंच है। इससे प्रदेश का मानसूनी कोटा 118% पूरा हो चुका है।

पूर्वी मध्य प्रदेश में औसत से 16% और पश्चिमी मध्यप्रदेश में 24% अधिक बारिश हुई है। पूर्वी हिस्सों में जबलपुर, रीवा, सागर और शहडोल संभाग में तेज बारिश हुई, जिससे कई जिलों में बाढ़ जैसी स्थिति बन गई। वहीं, पश्चिमी हिस्सों में ग्वालियर-चंबल क्षेत्र में भी सभी 8 जिलों में कोटे से ज्यादा बारिश हुई है।
जिलेवार बारिश का हाल

सबसे अधिक बारिश वाले जिले: गुना (65.4 इंच), रायसेन (61.1 इंच), मंडला (60 इंच), श्योपुर (56.6 इंच), अशोकनगर (56 इंच)

सबसे कम बारिश वाले जिले: खरगोन (26.8 इंच), शाजापुर (28.6 इंच), खंडवा (28.8 इंच), बड़वानी (29.8 इंच), धार (31.9 इंच)

भोपाल, इंदौर, ग्वालियर, उज्जैन, सागर, नर्मदापुरम समेत कई जिलों में बारिश का कोटा पूरा हो चुका है। इंदौर और उज्जैन संभाग में शुरुआत में कम बारिश हुई थी, लेकिन सितंबर में हुई तेज बारिश से अधिकांश जिलों में सामान्य कोटा पूरा हो गया।
आने वाले दिनों में कैसा रहेगा मौसम

मौसम विभाग के अनुसार, 24 सितंबर को प्रदेश के सभी जिलों में हल्की बारिश और गरज-चमक का अलर्ट है। 25-26 सितंबर को नया वेदर सिस्टम एक्टिव होगा, जिससे प्रदेश के कई जिलों में तेज बारिश हो सकती है। विशेष रूप से बैतूल, बुरहानपुर, खरगोन और बड़वानी में भारी बारिश का अनुमान है।

मौसम विशेषज्ञों का कहना है कि, बंगाल की खाड़ी में एक नया निम्न दबाव क्षेत्र बन सकता है, जो 25-26 सितंबर के आसपास सक्रिय होगा। इससे प्रदेश में दक्षिण-पश्चिम मानसून की वापसी संभव है और कई जिलों में दो से तीन दिन तक तेज बारिश हो सकती है।
मानसून की विदाई और तापमान

मध्य प्रदेश में मानसून की विदाई अक्टूबर के पहले सप्ताह तक होने की संभावना है। हालांकि, बारिश की कमी के कारण प्रदेश में तापमान में वृद्धि दर्ज की गई है। सितंबर माह में पहली बार अधिकतम तापमान 36 डिग्री सेल्सियस पार कर गया।

भारी बारिश और मानसून की विदाई के बीच प्रदेश के किसानों को खेतों में काम करने का मौका मिलेगा, लेकिन गर्मी और उमस बढ़ने से लोगों को असुविधा भी हो सकती है।

सितंबर में शहर में कहां कितनी बारिश

अरेरा हिल्स में 266 मिमी
नवीबाग में 208.6 मिमी
कोलार में 205.2 मिमी
बैरागढ़ में 169.2 मिमी

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