तोक्यो
भारत के स्टार जेवलिन थ्रोअर नीरज चोपड़ा ने 84.85 मीटर की दूरी का भाला फेंककर वर्ल्ड एथलेटिक्स चैम्पियनशिप के पुरुष भाला फेंक के फाइनल के लिए क्वालीफाई कर लिया है. बुधवार को क्वालिफाइंग राउंड में नीरज चोपड़ा ने अपने पहले ही थ्रो में ये कमाल किया. दरअसल, 84.50 मीटर क्वालीफिकेशन मार्क था. लेकिन नीरज चोपड़ा ने 84.85 मीटर की दूरी का भाला फेंका. गुरुवार यानी की कल फाइनल खेला जाएगा. जहां नीरज चोपड़ा और पाकिस्तान के अरशद नदीम का आमना-सामना हो सकता है.
दिलचस्प बात यह रही कि नीरज चोपड़ा के अलावा किसी भी एथलीट ने पहले राउंड में सीधे क्वालीफिकेशन हासिल नहीं किया. बता दें कि नीरज चोपड़ा के ग्रुप में कुल 6 एथलीट हैं. भारतीय भाला फेंक सुपरस्टार नीरज चोपड़ा अब फाइनल मुकाबले में गुरुवार को उतरेंगे. उनके सामने अपनी बादशाहत बचाने की चुनौती होगी. वहीं, पाकिस्तान के अरशद नदीम से भी उनका मुकाबला होगा. पेरिस ओलंपिक 2024 के बाद यह पहली बार होगा जब दोनों एक ही मंच पर उतरेंगे. पेरिस में अरशद ने 92.97 मीटर थ्रो कर स्वर्ण जीता था, जबकि नीरज का सर्वश्रेष्ठ थ्रो 89.45 मीटर रहा और उन्हें रजत से संतोष करना पड़ा.
अरशद और नीरज अलग-अलग ग्रुप में
बता दें कि क्वालिफिकेशन राउंड में नीरज को 19 सदस्यीय ग्रुप ए में रखा गया था, जिसमें वेबर, वाल्कोट, वाडलेज और सचिन यादव शामिल थे. वहीं, ग्रुप बी में अरशद नदीम, पीटर्स, येगो, दा सिल्वा, रोहित यादव, यशवीर सिंह और श्रीलंका के उभरते खिलाड़ी रमेश थरंगा पथिरगे हैं. 84.50 मीटर का निशान पार करने वाले या टॉप-12 थ्रोअर फाइनल के लिए क्वालिफाई करेंगे.
डिफेंडिंग चैंपियन हैं नीरज चोपड़ा
नीरज चोपड़ा को इस इवेंट के फाइनल में पहुंचने के लिए 84.50 मीटर भाला फेंकना था और उन्होंने पहले ही राउंड में इस बाधा को पार करते हुए ये उपलब्धि अपने नाम कर ली। नीरज चोपड़ा मौजूदा समय में भारतीय एथलीट विश्व चैंपियनशिप में जैवलीन थ्रो इवेंट के विजेता हैं और साल 2023 में उन्होंने गोल्ड मेडल अपने नाम किया था। नीरज चोपड़ा इस इवेंट में डिफेंडिंग चैंपियन के तौर पर हिस्सा ले रहे हैं और वे जान जेलेज़नी (1993, 1995) और ग्रेनेडा के एंडरसन पीटर्स (2019, 2022) के बाद इतिहास में वर्ल्ड जैवलिन टाइटल को लगातार दो बार जीतने वाले तीसरे खिलाड़ी बनने की कोशिश करेंगे।
नीरज ने साल 2023 में 88.17 मीटर थ्रो के साथ गोल्ड मेडल जीता था, जबकि पाकिस्तान के अरशद नदीम 87.82 मीटर थ्रो के साथ दूसरे नंबर पर रहे थे जबकि और याकुब वडलेच (86.67 मीटर थ्रो के साथ तीसरे स्थान पर रहे थे।