भोपाल
मध्यप्रदेश विज्ञान एवं प्रौद्योगिकी परिषद (एमपीसीएसटी) के सेंटर फॉर क्रिएटिव लर्निंग (सीसीएल), भोपाल में मंगलवार को अंतर्राष्ट्रीय ओज़ोन परत संरक्षण दिवस के अवसर पर एक विशेष कार्यक्रम संपन्न हुआ। कार्यक्रम में शैक्षिक गतिविधियों, चर्चाओं और विशेषज्ञ व्याख्यानों के माध्यम से ओज़ोन परत के संरक्षण के महत्व को रेखांकित किया गया।
शैक्षिक गतिविधियाँ और साइंस-शो
कार्यक्रम की शुरुआत एक ओपन क्विज़ प्रतियोगिता से हुई जिसमें विद्यार्थियों ने ओज़ोन परत की खोज, इसके क्षरण और कार्बन फुटप्रिंट से संबंधित जानकारी प्राप्त की। ग्लोबल वार्मिंग अम्ब्रेला और ओज़ोन हाउस जैसे आकर्षक माध्यमों के ज़रिए ओज़ोन परत की भूमिका और महत्व को समझाया गया। साइंस शो ने बच्चों में वैज्ञानिक जिज्ञासा को प्रेरित किया।
विज्ञान संचारक अंजली और नीलू ने ग्लोबल वार्मिंग अम्ब्रेला के माध्यम से ओज़ोन परत के क्षरण से बचाव के उपायों को सरलता से प्रस्तुत किया।विज्ञान संचारक करण ने एक रोचक साइंस शो के माध्यम से बच्चों को विज्ञान की दुनिया से जोड़ा।
विशेषज्ञ व्याख्यान और समापन
समापन सत्र में एमपीसीएसटी के महानिदेशक डॉ. अनिल कोठारी ने विद्यार्थियों को परिषद की सुविधाओं और विज्ञान गतिविधियों से जुड़ने के अवसरों की जानकारी दी। उन्होंने युवाओं को सस्टेनेबल डेवलपमेंट गोल्स (SDGs) को ध्यान में रखते हुए समाजोपयोगी परियोजनाओं पर कार्य करने के लिए प्रेरित किया, जिससे विज्ञान और नवाचार का लाभ समाज तक पहुँच सके।
पुणे से आए विशेषज्ञ श्री विनायक बडेकर ने मानव शरीर और प्राकृतिक घटनाओं के आपसी संबंध तथा क्रोनोबायोलॉजी के उभरते भविष्य पर विद्यार्थियों को सरल और प्रभावी ढंग से जानकारी दी। कार्यक्रम से ओज़ोन परत संरक्षण के प्रति जागरूकता बढ़ी और विद्यार्थियों में वैज्ञानिक सोच तथा नवाचार को बढ़ावा देने में भी महत्वपूर्ण योगदान रहा।