कांग्रेस जिला अध्यक्षों की नियुक्ति पर विवाद, CWC मेंबर ने समन्वय की कमी पर उठाए सवाल

भोपाल 

मध्य प्रदेश में दो दशक से सत्ता से बाहर कांग्रेस में गुटबाजी थमने का नाम नहीं ले रही। प्रदेश में हाल ही में हुई जिला अध्यक्षों की नियुक्ति अभी तक विवादों में घिरी हुई है। कई दिग्गजों को जिला अध्यक्ष बनाए जाने से नाराजगी है। वहीं कई सीनियर नेताओं के क्षेत्रों में उनकी राय के खिलाफ जिलाध्यक्ष बनाए जाने से वे नाराज हैं। अब CWC मेंबर और पूर्व मंत्री कमलेश्वर पटेल ने प्रदेश प्रभारी और पीसीसी चीफ पर सवाल खड़े पर किए हैं। कमलेश्वर पटेल ने एमपी में संगठन सृजन अभियान के तहत जिलाध्यक्षों की नियुक्ति प्रक्रिया में हुई गड़बड़ी पर अपना बयान जारी किया है।

इतनी गुटबाजी नहीं होना चाहिए
उन्होंने कहा है कि गुटबाजी और प्रतिस्पर्धा हमेशा रही है। लेकिन इतनी गुटबाजी नहीं होना चाहिए, जो जिम्मेदार लोग हैं। उनकी जिम्मेदारी है। प्रदेश प्रभारी का काम समन्वय बनाने का है, न कि पार्टी बनने का। उन्होंने कहा कि मेरा तो प्रदेश प्रभारी और प्रदेश अध्यक्ष से निवेदन है कि आपको खरगे जी, राहुल जी ने प्रदेश का महत्वपूर्ण पद दिया है, मुखिया बनाया है। आप सबको साथ लेकर चलिए।

समाधान हो सकता है 
पटेल ने एक दोहा बोलते हुए कहा कि मुखिया मुख सों चाहिए, खान पान को एक, पालै पोसै सकल अंग, तुलसी सहित विवेक। इस तरह की भावना के साथ जिस दिन काम करना शुरू कर देंगे तो हम समझते हैं कि थोड़ी बहुत प्रतिस्पर्धा को लेकर आपस में नाराजगी हो सकती है लेकिन कोई बहुत बड़ी नाराजगी नहीं हैं। इसका समाधान किया जा सकता है और हमारे नेता कर भी रहे हैं। पटेल ने जिलाध्यक्षों की नियुक्ति के लिए चलाए गए संगठन सृजन अभियान को लेकर कहा कि संगठन सृजन में राहुल गांधी, मल्लिकार्जुन खड़गे, केसी वेणुगोपाल की भावनाओं को दरकिनार करने की कोशिश हुई है। जहां गड़बड़ियां हुई हैं, उनकी जांच कर रहे हैं

जमीनी नेताओं को दरकिनार करना गलत
उन्होंने कहा कि मध्यप्रदेश को लेकर हाईकमान ने जाहिर भी किया कि गड़बड़ी हुई है। जमीनी नेताओं को दरकिनार करना गलत है। यह विसंगतियां हाईकमान के संज्ञान में हैं। व्यापार करने वालों को नहीं, जमीनी लोगों को मिलना चाहिए मौका।

 

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