इंदौर
शहर में हुई इंडियन सोसायटी ऑफ नेफ्रोलॉजी की नेशनल कॉन्फ्रेंस हुई। इसमें डॉक्टरों ने नमक चीनी और बोरिंग के पानी को लेकर हिदायत दी। उन्होंने साफ कहा कि रोजाना इस्तेमाल होने वाला नमक, चीनी, मैदा और कई इलाकों में पीने को मिल रहा बोरिंग का पानी किडनी की बीमारियों का बड़ा कारण बन रहा है।
तीन दिनों तक चली इस कॉन्फ्रेंस में देशभर से आए 300 से ज्यादा किडनी विशेषज्ञों ने बढ़ती किडनी की बीमारियों पर चर्चा की । विशेषज्ञों ने कहा कि दूषित पानी और गलत खान-पान की आदतें, मजदूर वर्ग और ग्रामीण इलाकों में रहने वाले लोगों के लिए सबसे ज्यादा घातक साबित हो रही हैं।
बेहतर इलाज पर फोकस
नासिक से आए नेफ्रोलॉजिस्ट डॉ. देओदत्त चाफेकर ने बताया कि इस बार की कॉन्फ्रेंस में हाई बीपी, डायलिसिस प्रबंधन और छोटे शहरों तक बेहतर इलाज पहुंचाने पर फोकस रहा। किडनी ट्रांसप्लांट से जुड़ी भ्रांतियों को दूर करने के लिए जागरूकता ही सबसे बड़ा हथियार है।
पानी की शुद्धता पर ध्यान देने को कहा
कॉन्फ्रेंस के ऑर्गनाइजिंग चेयरमैन डॉ. प्रदीप सालगिया ने कहा कि कई किडनी बीमारियां अब भी रहस्य बनी हुई हैं। खासतौर पर गरीब तबके और मजदूरों में पाई जाने वाली सीकेडीयू यानी क्रॉनिक किडनी डिजीज ऑफ अननोन ओरिजिन को लेकर कई शोध चल रहे हैं। यह बीमारी उन लोगों में ज्यादा देखी जा रही है, जो दूषित पानी पीते हैं, धूप में लंबे समय तक काम करते हैं और पर्याप्त मात्रा में पानी नहीं पीते। ऐसे लोगों को बार-बार समझाया जा रहा है कि वे दिनभर काम के दौरान साफ पानी का इस्तेमाल जरूर करें।
बीपी की नियमित जांच करें
ऑर्गनाइजिंग सेक्रेटरी डॉ. राजेश भराणी ने बताया कि कॉन्फ्रेंस में इंटरनेशनल एक्सपर्ट्स भी ऑनलाइन जुड़े। उन्होंने कहा कि बीपी और शुगर की नियमित जांच, हेल्दी लाइफस्टाइल और साफ पानी का सेवन बीमारियों से बचाव के सबसे आसान तरीके हैं।
बोरिंग के पानी का नुकसान बताया
बोरिंग के पानी को लेकर डॉक्टरों ने गंभीर चिंता जताई। कई रिपोर्ट्स में पाया गया है कि बोरिंग का पानी जमीन की गहराई से आता है और उसमें फ्लोराइड व अन्य केमिकल की मात्रा अधिक होती है, जो किडनी को सीधा नुकसान पहुंचाते हैं। डॉक्टरों ने सलाह दी कि मजदूर वर्ग और ग्रामीण इलाकों में रहने वाले लोग हमेशा पानी की शुद्धता पर ध्यान दें।
नमक से किडनी को सीधा नुकसान
किडनी ट्रांसप्लांट को लेकर मुंबई के डॉ. भरत शाह ने कहा कि अगर मरीज को समय पर इलाज और नई तकनीक का लाभ मिले तो ट्रांसप्लांट की लागत लंबे समय में सस्ती साबित हो सकती है। उन्होंने यह भी कहा कि हाई ब्लड प्रेशर वाले मरीज नमक की मात्रा कम करें और जीवनशैली में बदलाव लाएं, क्योंकि हाई बीपी किडनी को सीधा नुकसान पहुंचाता है।
तमिलनाडु के डॉ. गोपालकृष्णन ने अंगदान की जागरूकता बढ़ाने पर जोर दिया, वहीं मुंबई की डॉ. श्रुति टापियावाला ने कहा कि चीनी, नमक और मैदा से दूरी और संतुलित खानपान ही किडनी को स्वस्थ रखने का सबसे सरल तरीका है।