रूस
रूस ने एक बार फिर अपनी सैन्य ताकत का दुनिया को अहसास कराया। सैन्य अभ्यास के दौरान रूस ने अपने सबसे घातक हथियारों में से एक हाइपरसोनिक जिरकोन मिसाइल का टेस्ट किया। इस मिसाइल की गति ध्वनि से 9 गुना अधिक है, जिसे रोकना लगभग असंभव माना जा रहा है। कहा जा रहा है कि यह मिसाइल किसी भी देश का नक्शा बदलने की क्षमता रखती है। रूस ने रविवार को बताया कि उसने बेरेंट्स सागर में एक लक्ष्य पर जिरकोन (त्सिरकोन) हाइपरसोनिक क्रूज मिसाइल दागी, और सुखोई एसयू-34 सुपरसोनिक लड़ाकू-बमवर्षकों ने बेलारूस के साथ संयुक्त सैन्य अभ्यास के हिस्से के रूप में हमले किए।
रूसी रक्षा मंत्रालय ने उत्तरी बेड़े के एडमिरल गोलोव्को फ्रिगेट द्वारा बेरेंट्स सागर में एक लक्ष्य पर जिरकोन हाइपरसोनिक मिसाइल दागे जाने का फुटेज जारी किया। फुटेज में दिखाया गया कि फ्रिगेट से मिसाइल को लंबवत प्रक्षेपित किया गया और फिर यह एक कोण पर क्षितिज की ओर बढ़ी। मंत्रालय ने बताया कि वास्तविक समय में प्राप्त निगरानी डेटा के अनुसार, लक्ष्य को सीधे प्रहार से नष्ट कर दिया गया। मंत्रालय ने यह भी बताया कि उत्तरी बेड़े के मिश्रित विमानन कोर के लंबी दूरी के पनडुब्बी रोधी विमान इस अभ्यास में शामिल थे। साथ ही Su-34 के चालक दल ने जमीनी ठिकानों पर बमबारी का अभ्यास किया।
हाइपरसोनिक जिरकोन मिसाइल
रक्षा मंत्रालय के अनुसार, रूस और बेलारूस के बीच 'जापाड-2025' या पश्चिम संयुक्त रणनीतिक अभ्यास 12 सितंबर को शुरू हुआ, जिसका उद्देश्य रूस या बेलारूस पर हमले की स्थिति में सैन्य कमान और समन्वय को बेहतर करना है। मॉस्को और मिन्स्क ने स्पष्ट किया कि ये अभ्यास पूरी तरह से रक्षात्मक हैं और इनका किसी भी नाटो सदस्य पर हमला करने का कोई इरादा नहीं है। हालांकि, अमेरिका के नेतृत्व वाले सैन्य गठबंधन ने 9-10 सितंबर को पोलैंड में रूसी ड्रोनों की घुसपैठ के बाद 'ईस्टर्न सेंट्री' ऑपरेशन की घोषणा की थी।
बता दें कि रूसी राष्ट्रपति व्लादिमीर पुतिन ने 2019 में कहा था कि जिरकोन मिसाइल ध्वनि की गति से 9 गुना तेज उड़ सकती है और समुद्र व जमीन पर 600 मील से अधिक की दूरी पर लक्ष्यों को भेद सकती है। रूसी मीडिया सूत्रों के अनुसार, यह मिसाइल, जिसे रूस में 3एम22 जिरकोन और नाटो में एसएस-एन-33 के नाम से जाना जाता है, की मारक क्षमता 400 से 1000 किलोमीटर है, और इसका वारहेड भार लगभग 300-400 किलोग्राम है।