भोपाल: आरजीपीवी कैंपस में बनेगी पुलिस चौकी, रैगिंग और झगड़ों पर लगेगा अंकुश

भोपाल
 अक्सर अपराध पर नियंत्रण के लिए शहर के अलग-अलग क्षेत्रों में पुलिस चौकी बनाई जाती है, लेकिन अब राजधानी के एक विश्वविद्यालय में रैगिंग पर रोकथाम के लिए पुलिस की चौकसी बढ़ाई जाएगी। भोपाल का राजीव गांधी प्रौद्योगिकी विश्वविद्यालय (आरजीपीवी) में रैगिंग व मारपीट जैसे विवादों का गढ़ बनते जा रहा है। पिछले साल सात मामले यूजी की रैगिंग हेल्पलाइन में दर्ज हुए हैं। वहीं इस साल अब तक आठ माह में आठ से अधिक मामले दर्ज हो गए।

इस पर अंकुश लगाने के लिए आरजीपीवी के कुलगुरु ने पुलिस आयुक्त को पत्र लिखकर विवि में पुलिस चौकी बनाने के लिए कहा है।साथ ही विवि ने यूजीसी से रैगिंग के रोकथाम के लिए जारी की गई गाइडलाइन को हर जगह चस्पा किया जा रहा है।साथ ही कनिष्ठ व वरिष्ठ विद्यार्थियों को रैगिंग में शामिल होने पर उसके दुष्परिणाम को समझाया जा रहा है। इस साल राष्ट्रीय विधि संस्थान विश्वविद्यालय(एनएलआइयू) में दो अौर बरकतउल्लाह विवि में चार मामले सामने आए हैं। राजधानी के शैक्षणिक संस्थानों में बीते आठ माह में करीब 15 से अधिक मामले दर्ज हुए हैं।

विद्यार्थियों को अलग-अलग छात्रावास में रखा जाए

यूजीसी ने सभी विश्वविद्यालयों को छात्रावास में इस सत्र से जूनियर और सीनियर विद्यार्थियों को अलग-अलग रखने के लिए निर्देश दिए हैं। विश्वविद्यालयों ने इसका पालन भी इस सत्र से करना शुरू कर दिया है। आरजीपीवी, बीयू, एनएलआइयू व मैनिट सभी संस्थानों में जूनियर को अलग छात्रावास में रखा जा रहा है। आरजीपीवी विद्यार्थियों को दंडित भी कर रहा है। इसके अलावा सभी विद्यार्थियों से एंटी-रैगिंग की अंडरटेकिंग लेकर जमा कराया जा रहा है।

इन संस्थानों में हाल में हुई रैगिंग की घटनाएं

    आरजीपीवी में 24 जुलाई को जूनियर छात्र के साथ मारपीट हुई। आरोपित विद्यार्थियों पर कार्रवाई की गई।

    दो अगस्त को आरजीपीवी के यूआइटी और छात्रावास के विद्यार्थियों के बीच विवाद हिंसक हुआ।छह विद्यार्थियों को छात्रावास से निष्कासित किया गया।

    आठ सितंबर को जूनियर छात्राओं प्रथम वर्ष की छात्राओं के साथ रैगिंग किया।मामले में दो छात्राओं को छात्रावास से निष्कासित और तीन छात्राओं पर अर्थ दंड लगाया गया।

    बीयू के छात्रावास में 20 जुलाई को जूनियर को शराब पिलाकर कैबरे डांस कराया गया।आरोपिताें को छात्रावास से निष्कासित किया गया।

    एनएलआइयू में बीते 15 दिन के अंदर दूसरी बार मारपीट और रैगिंग की घटनाएं हुई हैं।दोनों मामलों में संस्थान की एंटी रैगिंग कमेटी ने कोई कार्यवाही नहीं की है।

यह भी है रैगिंग

    विद्यार्थी को रंग-रूप या पहनावे पर टिप्पणी कर प्रताड़ित करना

    नस्ल, पारिवारिक पृष्ठभूमि, आर्थिक स्थिति, क्षेत्रीयता, भाषा या जाति को लेकर अपमानित करना

    मौखिक रूप से अपमान करना, सामाजिक बहिष्कार का डर पैदा करना भी रैगिंग

    वॉट्सएप ग्रुप बनाना भी रैगिंग मानी जाएगी

    जूनियर को धमकाने पर भी कार्यवाही की जाएगी।

    किसी भी तरह का शारीरिक या मानसिक तनाव भी रैगिंग है।

रैगिंग करने पर यह मिलेगी सजा

    कक्षा में उपस्थित होने और शैक्षिक अधिकारियों से निलंबन।
    छात्रवृत्ति सहित अन्य लाभों से वंचित किया जाएगा।
    किसी टेस्ट या परीक्षा सहित अन्य मूल्यांकन प्रक्रिया से अनुपस्थित किया जाएगा।
    रिजल्ट रोका जाएगा।
    छात्रावास से निष्कासित कर प्रवेश भी रद किया जाएगा।
    संस्था से चार सत्रों तक के लिए निष्कासन करना।

यहां करें शिकायत

    यूजीसी का टोल फ्री नंबर 1800-180-5522
    कुलगुरु का फोन नंबर- 0755-2742001
    कुलसचिव का फोन नंबर- 0755-2734913,2734913
    फैक्स नंबर-0755-2742006, ईमेल आईडी-registrar@rgtu.net
    अधिष्ठाता छात्र कल्याण फोन नंबर-2678870, ईमेल आईडी-dsw@rgtu.net

रात में हॉस्टल में किसी को नहीं मिलेगा प्रवेश

    रैगिंग की घटनाओं पर रोकने के लिए रात में छात्रावाओं व परिसर सुरक्षा बढ़ाई जाएगी। फ्लाइंग स्क्वायड छात्रावासों की गतिविधियों पर नजर रखने और निरीक्षण के निर्देश दिए गए हैं। छात्रावास में रात में किसी को भी प्रवेश नहीं दिया जाएगा। – सुधीर भदौरिया, डायरेक्टर, यूआईटी आरजीपीवी

दो-दो घंटे की शिफ्ट में निरीक्षण करेगें

    एंटी रैगिंग कमेटी की ओर से वरिष्ठ विद्यार्थियों को रैगिंग के दुष्परिणाम समझाए जा रहे हैं। छात्रावास में रात को दो-दो घंटे की शिफ्ट में टीम निरीक्षण करेगी। – डॉ. शैलेंद्र जैन, डीन स्टूडेंट वेलफेयर, मैनिट

 

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