इंदौर-नागपुर वंदे भारत में शामिल होंगे 16 नए कोच, मुंबई से इंदौर पहुंचाए गए कोच

 इंदौर

यात्रियों की बढ़ती संख्या को देखते हुए रेलवे ने अब इंदौर-नागपुर वंदे भारत ट्रेन को 16 कोचों के साथ चलाने का फैसला किया है. मुंबई से सभी नए कोच इंदौर पहुंच चुके हैं और इंदौर रेलवे डिपो में इनके मेंटेनेंस का काम चल रहा है. सूत्रों के मुताबिक, अक्टूबर से यह ट्रेन नए और बढ़े हुए कोचों के साथ चल सकती है. फिलहाल यह ट्रेन 8 कोचों के साथ चल रही है, जिनमें कुल 530 सीटें हैं, लेकिन 16 कोच होने के बाद सीटों की संख्या बढ़कर 1150 से ज़्यादा हो जाएगी, जिससे यात्रियों को सुविधा होगी.रतलाम मंडल इंदौर-नागपुर वंदे भारत एक्सप्रेस ट्रेन को अपग्रेड करने के साथ ही इसे अब आठ की जगह 16 कोच के साथ चलाएगा। इसके लिए पिछले सात से आठ दिन पहले मुंबई के वाड़ी बंदर डिपो से 16 रैक इंदौर आ चुके हैं, जिनका रखरखाव का कार्य इंदौर रेलवे डिपो पर जारी है। फिलहाल ये 16 रैक लक्ष्मीबाई नगर रेलवे स्टेशन पर खड़े हैं। रतलाम मंडल के एक वरिष्ठ ने बताया कि संभवत: अक्टूबर के पहले सप्ताह से 16 कोच के साथ इंदौर-नागपुर वंदे भारत ट्रेन चलेगी।

सात वंदे भारत ट्रेनों में कोच बढ़ाने का फैसला

इंदौर से भोपाल होकर नागपुर के बीच चलने वाली वंदे भारत ट्रेन में कोच बढ़ाने का निर्णय रेलवे बोर्ड की कमेटी ने लिया है। यात्रियों की लगातार बढ़ती संख्या और सीटों की भारी मांग को देखते हुए ट्रेन में अतिरिक्त कोच जोड़ने की तैयारी चल रही है। रेलवे बोर्ड कमेटी ने पिछले दिनों वंदे भारत ट्रेन की ऑक्यूपेंसी (ट्रेन में कितनी सीटें भरी हुई हैं) और यात्रियों की मांग के संबंध में सभी जोन और मंडलों से रिपोर्ट मांगी थी। इसके बाद देशभर में चल रही सात वंदे भारत ट्रेनों में कोच बढ़ाने का फैसला लिया गया था।

52 सीटें एक्जीक्यूटिव और शेष चेयरकार कोच में

रतलाम रेलवे मंडल से मिली जानकारी के अनुसार मंडल ने बढ़ती संख्या में यात्रियों और टिकट की कमी को प्रमुख मुद्दा बताया था। वर्तमान में इंदौर-नागपुर वंदे भारत आठ कोच की है, जिसमें कुल 530 सीटें हैं। इसमें 52 सीटें एक्जीक्यूटिव क्लास और शेष चेयरकार कोच में हैं। नए सिरे से कर रहे रखरखाव रेलवे के एक वरिष्ठ अधिकारी ने बताया कि पिछले सात से आठ दिन पहले सेंट्रल रेलवे के तहत आने वाले मुंबई के वाड़ी बंदर डिपो से वंदे भारत के लिए 16 रैक आ चुके हैं, जो फिलहाल लक्ष्मीबाई रेलवे स्टेशन के तीन नंबर प्लेटफार्म के पास वाले ट्रैक पर खड़े हैं। इन रैक का नए सिरे से रखरखाव कर रहे हैं।

16 कोच के साथ इंदौर-नागपुर वंदे भारत ट्रेन

इंदौर-नागपुर के पुराने आठ कोच को कहां भेजा जाएगा, इस विषय पर रेलवे बोर्ड अंतिम निर्णय लेगा। संभवत: अक्टूबर के पहले सप्ताह से 16 कोच के साथ इंदौर-नागपुर वंदे भारत ट्रेन चलेगी। आगामी त्योहारी सीजन को देखते हुए वंदे भारत एक्सप्रेस में कोच बढ़ाने का निर्णय रेलवे बोर्ड कमेटी ने लिया है। कोच संख्या आठ बढ़ाकर इसे 16 कोच की ट्रेन बनाया जाएगा। इसमें कुल सीटों की संख्या लगभग 1150 से अधिक हो जाएगी।

8 कोच कहां भेजेंगे, इस पर निर्णय नहीं वर्तमान में इंदौर-नागपुर के पुराने 8 कोच को कहां भेजा जाएगा, इस विषय पर रेलवे बोर्ड अंतिम निर्णय लेगा। संभवत: अक्टूबर के पहले सप्ताह से 16 कोच के साथ इंदौर-नागपुर वंदे भारत ट्रेन चलना शुरू हो जाएगी।

आगामी त्योहारी सीजन को देखते हुए वंदे भारत एक्सप्रेस में कोच बढ़ाने का निर्णय रेलवे बोर्ड कमेटी ने लिया है। कोच संख्या आठ बढ़ाकर इसे 16 कोच की ट्रेन बनाया जाएगा। इसमें कुल सीटों की संख्या लगभग 1150 से अधिक हो जाएगी।

1150 से अधिक होगी सीटों की संख्या इंदौर-भोपाल वंदे भारत 8 कोच की है, जिसमें कुल 530 सीटें हैं। इसमें 52 सीटें एक्जीक्यूटिव क्लास में और शेष चेयरकार कोच में हैं। सी-1 और सी-7 कोच में कुल 88 सीटें हैं। सी-2 से सी-6 तक के पांच कोच में प्रत्येक कोच में 78 सीटें हैं, कुल 390 सीटें।

बी-1 कोच (एक्जीक्यूटिव क्लास) में 52 सीटें हैं। रेलवे सूत्रों के अनुसार, कोच संख्या बढ़ाकर इसे 16 कोच की ट्रेन बनाया जाएगा। इसके बाद इसमें कुल सीटों की संख्या लगभग 1150 से अधिक हो जाएगी।

इन रूटों पर कोच का अपग्रेडेशन

मंगलुरु-तिरुवनंतपुरम सेंट्रल, सिकंदराबाद-तिरुपति, चेन्नई एग्मोर-तिरुनेलवेली, मदुरै-बेंगलुरु कैंट, देवघर-वाराणसी, हावड़ा-राउरकेला, इंदौर-नागपुर।

पश्चिम मध्य रेल के यात्रियों को भी मिलेगा लाभ पश्चिमी मध्य रेलवे के जनसंपर्क अधिकारी ने बताया कि इंदौर-नागपुर वंदे भारत एक्सप्रेस (20911/12) में कोच की संख्या बढ़ने से इस मार्ग पर अधिक सीटें उपलब्ध होंगी। इसका सीधा लाभ भोपाल, नर्मदापुरम और इटारसी के यात्रियों को भी मिलेगा।

इस विस्तार से न केवल वेटिंग लिस्ट कम होगी, बल्कि यात्रियों का सफर भी और अधिक सुविधाजनक हो जाएगा। यह दिखाता है कि वंदे भारत एक्सप्रेस अब सिर्फ अपनी गति और तकनीक के लिए ही नहीं, बल्कि यात्रियों की जरूरतों के अनुसार लगातार बेहतर होती सुविधाओं के लिए भी जानी जाती है।

27 जून से हुई थी इंदौर-भोपाल ट्रेन की शुरुआत इंदौर और भोपाल के बीच वंदे भारत एक्सप्रेस की शुरुआत 27 जून को हुई थी। ट्रेन इंदौर से भोपाल तक के सफर में सिर्फ उज्जैन में 5 मिनट के लिए रुकती है। इससे पहले इंदौर-भोपाल के बीच सबसे तेज़ ट्रेन इंदौर–जबलपुर एक्सप्रेस थी, जो 3 घंटे 55 मिनट में यह दूरी तय करती थी।

रेल विभाग की रिपोर्ट के अनुसार, शुरुआत के एक महीने में इस ट्रेन में औसतन रोजाना 75 फीसदी सीटें खाली रहीं। केवल 25 फीसदी यात्रियों के साथ ही ट्रेन का संचालन हुआ।

रेल अधिकारियों ने यात्रियों की कम संख्या को लेकर इसका रिव्यू भी किया। ट्रेन का नियमित संचालन 28 जून से शुरू हुआ, जिसके बाद यात्रियों ने पूरी सीट क्षमता के साथ सफर किया।

मंत्री कैलाश विजयवर्गीय के आग्रह पर रेल मंत्री अश्विनी वैष्णव ने इस ट्रेन को नागपुर तक बढ़ाने का निर्णय लिया। इसके बाद इंदौर–भोपाल वंदे भारत अब नागपुर तक चलने लगी है।

इंदौर-नागपुर वंदे भारत एक्सप्रेस ट्रेन में कोच बढ़ाने के मामले में 16 रैक मिल चुके हैं। इन कोच का रखरखाव इंदौर रेलवे डिपो में जारी है। इंदौर-नागपुर वंदे भारत में कुल 90 फीसदी और कुछ सेक्शन में 100 प्रतिशत आक्यूपेंसी है। संभवत: अक्टूबर के पहले सप्ताह से 16 कोच के साथ इंदौर-नागपुर वंदे भारत ट्रेन चलना शुरू हो जाएगी। – हीना केवलरामानी, डीसीएम

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