तेजस्वी यादव के PA ने नहीं उठाया कॉल, राजद ने चुनाव में उतरने से पहले किया बड़ा फैसला

वैशाली

वैशाली जिले के मलिकपुर पंचायत निवासी राजकुमार राय उर्फ आला राय की बुधवार देर रात पटना के राजेंद्र नगर स्थित उनके घर के पास गोली मारकर हत्या कर दी गई। मृतक की पहचान मलिकपुर पंचायत के रामपुर श्याम चक निवासी के रूप में हुई है। जानकारी के अनुसार, राजकुमार राय 2000 से 2020 तक लगातार पंचायत चुनावों में सक्रिय रहे। उन्होंने मुखिया का चुनाव तीन बार लड़ा, जिसमें दूसरे स्थान पर रहे। 2020 में उन्होंने जिला परिषद का चुनाव लड़ा और तीसरे स्थान पर रहे। उस चुनाव में उन्हें लगभग 4,200 वोट प्राप्त हुए।

स्थानीय लोगों ने बताया कि शुरुआती दौर में राजकुमार राय जीप चलाते थे। इसके बाद उन्होंने जमीन के कारोबार में कदम रखा। पैसा कमाने के बाद उन्होंने पटना के राजेंद्र नगर में घर बनाया और पूरा परिवार पटना में शिफ्ट हो गया, लेकिन राघोपुर के लोगों से उनकी लगातार कनेक्टिविटी बनी रही। राघोपुर के लोग किसी भी समस्या के लिए फोन करते या मिलते, तो वह जाकर उनका काम कराया करते थे। 2020 में वह जिला परिषद का चुनाव लड़ा, जिसमें वह तीसरे स्थान पर रहे। जिला परिषद के चुनाव में उन्हें लगभग 4,200 वोट प्राप्त हुए। इसके बाद लगभग 1 साल पहले उन्होंने राजद पार्टी ज्वाइन की और रजत के द्वारा उन्हें पंचायती राज प्रकोष्ठ, वैशाली जिला का अध्यक्ष बनाया गया।

स्थानीय लोगों का कहना है कि यही बात तेजस्वी यादव के पीए और वैशाली जिले के राजद जिला अध्यक्ष के साथ विवाद का कारण बना। उस समय राजकुमार राय ने कहा था कि यह लोग केवल लोगों को राजद में जोड़ने में ही लगे हैं, जबकि हम लोगों की सेवा करना चाहते हैं। इसीलिए उन्होंने राजद पार्टी छोड़ दी। स्थानीय लोगों का मानना है कि अगर इस बार वे विधायक का निर्दलीय चुनाव लड़ते, तो उन्हें लगभग 10–15 हजार वोट मिल सकते थे।

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