रायपुर
नक्सल उन्मूलन अभियान और अति संवेदनशील अंदरूनी क्षेत्रों में लगातार कैम्प स्थापित होने से पुलिस के बढ़ते प्रभाव व नक्सलियों के अमानवीय, आधारहीन विचारधारा एवं उनके शोषण, अत्याचार और भेदभाव से त्रस्त होकर घोर नक्सल प्रभावित लंका और डूंगा पंचायत में सक्रिय जनताना सरकार सदस्य (सीएनएम अध्यक्ष), पंचायत मिलिसिया डिप्टी कमांडर, पंचायत सरकार सदस्य, पंचायत मिलिसिया सदस्य और न्याय शाखा अध्यक्ष सहित 16 माओवादियों ने आत्मसमर्पण किया.
आत्मसमर्पण करने वालों में ज्यादातर छोटे ओहदे वाले हैं, लेकिन ये नक्सलवाद को पोषित करने और बनाए रखने के लिए अहम किरदार निभाते हैं ये माओवादी लड़ाकू माओवादी नक्सलियों के लिए राशन और मेडिसन जैसे मूलभूत सामग्री उपलब्ध कराने का काम अवैतनिक तरीके से करते हैं. ये नक्सलियों के हथियार और सामग्रियों का परिवहन करते हैं, यही नहीं आईईडी लगाने, फोर्स मूवमेंट कि सूचना देने और फोर्स की रेकी करने जैसे कार्य प्रमुखता से करते हैं. स्पष्ट शब्दों में कहें तो ये नक्सलियों के लिए स्लीपर सेल की तरह भी काम करते हैं.
नारायणपुर पुलिस अधीक्षक (IPS) रोबिनसन गुड़िया के समक्ष आत्मसमर्पण करने वाले सभी नक्सलियों को अच्छी जिंदगी जीने के लिये 50-50 हजार रुपए प्रोत्साहन राशि का चेक प्रदान किया गया. आत्मसमर्पित नक्सलियों को छत्तीसगढ़ सरकार की नक्सल उन्मूलन नीति के तहत् मिलने वाली सभी प्रकार की सुविधाएं दिलाई जाएगी.
इस दौरान नारायणपुर एसपी आईपीएस रोबिनसन गुरिया ने कहा कि अबूझमाड़ दुर्गम जंगल एवं विकट भौगोलिक परिस्थतियों में रहने वाले मूल निवासियों को नक्सलवादी विचारधारा से बचाना और उन्हें माओवादी सिद्धांतों के आकर्षण से बाहर निकालना ही हमारा मुख्य उद्देश्य है, ताकि क्षेत्र में विकास एवं शांति कायम हो सके.
उन्होंने कहा कि हम सभी नक्सलियों से अपील करते हैं कि बाहरी लोगों की भ्रामक बातों और विचारधारा को त्याग कर शासन की आत्म समर्पण पुर्नवास नीति को अपनाकर समाज की मुख्यधारा से जुड़कर हथियार एवं नक्सलवाद विचारधारा का पूर्णतः त्याग एवं विरोध करें. अब समय माड़ को वापस उसके मूलवासियों को सौंप देने का है, जहां वे निर्भीक रूप से सामान्य जीवन व्यतीत कर सके.
वहीं पुलिस महानिरीक्षक आईपीएस सुन्दरराज पी. ने कहा कि वर्ष 2025 में माआवेादी संगठनों के शीर्ष नेतृत्व को सुरक्षा बलों के द्वारा भारी क्षति पहुंचाई गई है. प्रतिबंधित एवं गैर कानूनी सीपीआई माओवादियों संगठन के पास अब हिंसा छोड़कर आत्मसमर्पण करने के अलावा और कोई विकल्प नही बचा है. अतः माओवादी संगठन से अपील है कि वे तत्काल हिंसात्मक गतिविधियों को छोड़कर समाज की मुख्य धारा में जुड़ें.