बच्चों को जीवन कौशल शिक्षा देने के लिये चलाया जा रहा है कार्यक्रम
भोपाल
"उमंग है तो जिंदगी में रंग है" इस थीम पर आधारित उमंग दिवस का आयोजन 12 सितम्बर को प्रदेश के 9 हजार 300 हाई एवं हायर सेकेंडरी स्कूलों में किया जा रहा है। इस कार्यक्रम का लाभ 20 लाख से अधिक बच्चों को मिलेगा। इस कार्यक्रम का उद्देश्य विद्यार्थियों को विश्व स्वास्थ्य संगठन (डब्ल्यूएचओ) द्वारा निर्धारित 10 जीवन कौशलों से परिचित करवाना है। कार्यक्रम की मदद से बच्चे जीवन में आने वाले चुनौतियों का सामना मजबूती से कर सकेंगे। कार्यक्रम का एक और उद्देश्य है कि बच्चों को जीवन में आगे बढ़ने के लिए तैयार किया जाये।
यह कार्यक्रम स्कूल शिक्षा विभाग एवं संयुक्त राष्ट्र जनसंख्या कोष (यूएनएफपीए) के सहयोग से तैयार किया गया है। जीवन कौशल शिक्षा आधारित करिकुलम और उसके संचालन में की गई पिछले 7 वर्षों की कड़ी मेहनत से बच्चों के जीवन में आए सकारात्मक बदलाव को उत्साह के रूप में मनाना है। कार्यक्रम में बच्चे एक-दूसरे के अनुभवों को साझा करते हैं और अन्य विद्यार्थियों को प्रोत्साहित एवं मार्गदर्शित करते है। उमंग स्कूल हेल्थ एवं वेलनेस कार्यक्रम एक फ्लैगशिप प्रोग्राम है जिसमें गतिविधि आधारित कक्षावार जीवन कौशल शिक्षा के मॉड्यूल हैं जिसे शिक्षा विभाग, स्वास्थ विभाग एवं यूनाईटेड नेशन्स पॉप्युलेशन फंड (यूएनएफपीए) की बराबर भागीदारी से मिलकर चलाया जा रहा है। प्रदेश की सभी शासकीय हाई एवं हॉयर सेकेंडरी स्कूलों में प्रत्येक मंगलवार को एक सत्र लिया जाता है। प्रत्येक शाला से 2 शिक्षकों को (एक पुरुष एवं एक महिला) हेल्थ एवं वेलनेस एंबेसेडर के रूप में प्रशिक्षित किया गया है। राज्य में अब तक लगभग 19 हजार शिक्षकों को प्रशिक्षित किया जा चुका है। यह प्रशिक्षित शिक्षक हेल्थ एंड वैलनेस एम्बेसडर कक्षाओं में जीवन कौशल गतिविधियों का संचालन करते हैं।
उमंग दिवस के कार्यक्रम में विभिन्न विभाग के अधिकारी एवं मोटिवेशनल वक्ताओं को भी शिक्षण संस्था में आमंत्रित किया जाएगा, जिससे विद्यार्थी आगे बढ़ाने के लिए और उत्साह पूर्वक कदम बढ़ाने के लिए प्रेरित हो सकें। इस कार्यक्रम में न केवल विद्यार्थियों को बल्कि शाला में उपस्थित प्रत्येक शिक्षक को भी इस विषय से अवगत होने का मौका मिलेगा।