सांवेर
सांवेर क्षेत्र के कछालिया गांव के शासकीय सांदीपनी स्कूल में रिश्वत का मामला सामने आया है। एक महिला प्रिंसिपल ने दो शिक्षकों के स्थाईकरण की फाइल जिला शिक्षा अधिकारी कार्यालय तक पहुंचाने के एवज में दो हजार रुपए की रिश्वत मांगी। प्रिंसिपल मनीषा पहाड़िया ने शिक्षकों से कहा था कि वह रिश्वत के पैसे लिफाफे में रखकर लाए। फाइल बढ़ाने के लिए दो हजार की रिश्वत मांगने पर दोनों शिक्षक हैरान थे। उन्होंने लोकायुक्त विभाग को इसकी शिकायत की। लोकायुक्त पुलिस ने महिला प्रिंसिपल को रंगे हाथों पकड़ने के लिए जाल बिछाया। केमिकल लगे नोट लिफाफे में रखवा कर शिकायतकर्ता शिक्षकों को दिए।
बुधवार को दोनों शिक्षक प्रिंसिपल मनीषा के केबिन में पहुंचे और लिफाफा टेबल पर रख दिया। प्रिंसिपल ने लिफाफा पर्स में रखकर कहा कि अब फाइल आगे बढ़ा दूंगी।
इस बीच लोकायुक्त की टीम इशारा पाते ही केबिन में पहुंची और महिला प्रिंसिपल को रिश्वत लेते रहेंगे हाथों पकड़ लिया। उन्होंने मनीषा के हाथ धुलवाए तो हाथ केमिकल के कारण पीले हो गए।भ्रष्टाचार निवारण अधिनियम के तहत प्रिंसिपल के खिलाफ केस दर्ज किया और रिश्वत लेने के उपयोग में लाया गया पर्स भी टीम ने जप्त कर लिया है।
पकड़े जाने के बाद प्रिंसिपल मनीषा ने कहा कि उससे गलती हो गई ,उसे रिश्वत के पैसे नहीं लेना चाहिए थे। शिकायतकर्ता शिक्षकों की चार साल पहले स्कूल में नियुक्ति हुई थी। उन्होंने तय नियम के तहत स्थाई करने के लिए प्राचार्य को फाइल जिला शिक्षा अधिकारी कार्यालय में भेजने के लिए कहा था। प्रिंसिपल ने दोनों से फाइल आगे बढ़ाने की एवज में दोनों से एक- एक हजार रुपए मांगे थे। अब महिला प्रिंसिपल को निलंबित किया जा सकता है।