भारत का S-400 और Su-57 कॉम्बो बनेगा गेमचेंजर, पाकिस्तानी एयरफोर्स को झुकने पर करेगा मजबूर

नई दिल्ली

भारतीय वायुसेना (IAF) अपनी ताकत को और मजबूत करने की योजना बना रही है. अगर रूस के साथ चल रही Su-57E स्टील्थ फाइटर जेट की बातचीत सफल होती है, तो यह S-400 ट्रायम्फ एयर डिफेंस सिस्टम के साथ मिलकर दक्षिण एशिया में सबसे खतरनाक जोड़ी बन सकता है. यह जोड़ा पाकिस्तान वायुसेना (PAF) के लिए बड़ी चुनौती बन सकता है. 

S-400: भारत का आसमानी कवच

भारत ने रूस से 5 S-400 ट्रायम्फ सिस्टम खरीदे हैं, जिनमें से तीन 2025 तक तैनात हो चुके हैं. यह सिस्टम 400 किलोमीटर की दूरी तक हवाई हमलों को रोक सकता है. यह विमान, ड्रोन, क्रूज मिसाइल और बैलिस्टिक मिसाइल को ट्रैक और नष्ट कर सकता है. इसकी खासियत है…

    लंबी रेंज: 600 किमी तक दुश्मन के विमान-मिसाइल को देख सकता है. 400 किमी तक नष्ट कर सकता है.

    मल्टी-टारगेट: एक साथ 300 टारगेट ट्रैक और 36 को नष्ट कर सकता है.
    मोबाइल सिस्टम: इसे फटाफट एक जगह से दूसरी पर ले जाया जा सकता है, जिससे दुश्मन के लिए निशाना बनाना मुश्किल है. 

भारत ने इसे पाकिस्तान और चीन की सीमाओं पर तैनात किया है, जैसे पंजाब, राजस्थान और गुजरात में. इससे पाकिस्तान के F-16, JF-17 और नए J-10CE विमान भारतीय सीमा में घुसने से पहले ही पकड़े और नष्ट किए जा सकते हैं. S-400 को भारत में सुदर्शन चक्र नाम दिया गया है, जो इसका दमदार प्रभाव दर्शाता है. 

Su-57E: भारत का स्टील्थ तलवार

Su-57E रूस का पांचवीं पीढ़ी का स्टील्थ फाइटर जेट है. अगर भारत इसे खरीदता है, तो यह IAF का सबसे ताकतवर हथियार बन सकता है. इसकी खासियतें…

    स्टील्थ टेक्नोलॉजी: इसका रडार क्रॉस-सेक्शन कम है, यानी दुश्मन के रडार इसे आसानी से नहीं पकड़ सकते.
    लंबी रेंज हथियार: यह हवा से हवा और हवा से जमीन पर मार करने वाली मिसाइल ले जा सकता है.
    सुपर मैन्यूवरेबिलिटी: यह तेज और चुस्त है, जिससे युद्ध में बेहतर प्रदर्शन करता है.
    एडवांस सेंसर: इसके सेंसर और नेटवर्क-सेंट्रिक सिस्टम IAF के अन्य हथियारों के साथ मिलकर काम कर सकते हैं.

Su-57E दुश्मन के इलाके में घुसकर हमला कर सकता है, बिना पकड़े गए. यह पाकिस्तान के रडार और डिफेंस सिस्टम को चकमा दे सकता है.

S-400 और Su-57E का जोड़ा क्यों है खतरनाक?

S-400 और Su-57E मिलकर भारत को डिफेंस और ऑफेंस में बेजोड़ ताकत देते हैं. इसे इस तरह समझें…

S-400: आसमानी ढाल

S-400 भारत के आसमान को दुश्मन के विमान, ड्रोन और मिसाइल से बचाता है. यह पाकिस्तान के विमानों को भारतीय सीमा के पास आने से पहले ही नष्ट कर सकता है. इसकी रेंज इतनी है कि पाकिस्तान के कई एयरबेस इसके निशाने पर हैं. सरगोधा और कामरा जैसे बेस से उड़ान भरते ही PAF के विमान पकड़े जा सकते हैं.

Su-57E: हमलावर कटार

Su-57E स्टील्थ होने से पाकिस्तान के रडार से बचकर उनके इलाके में घुस सकता है. यह PAF के विमान, बेस या अन्य टारगेट पर सटीक हमला कर सकता है. इसके हथियार लंबी दूरी तक मार कर सकते हैं, जिससे PAF जवाब देने से पहले ही नुकसान उठाए.

PAF की रणनीति बेकार

पाकिस्तान अक्सर अपने JF-17 और J-10CE विमानों की संख्या बढ़ाकर IAF की तकनीकी बढ़त को कम करने की कोशिश करता है. लेकिन S-400 की लंबी रेंज और Su-57E की स्टील्थ क्षमता के सामने यह रणनीति फेल हो सकती है. PAF के विमान न तो भारत में घुस पाएंगे और न ही अपने बेस पर सुरक्षित रहेंगे.

मनोवैज्ञानिक दबाव

युद्ध में तकनीक के साथ-साथ मनोवैज्ञानिक प्रभाव भी महत्वपूर्ण है. S-400 और Su-57E की मौजूदगी से PAF का आत्मविश्वास कमजोर हो सकता है. उन्हें पता होगा कि भारत का डिफेंस सिस्टम उनके हर हमले को रोक सकता है. Su-57E उनके बेस पर चुपके से हमला कर सकता है. इससे उनकी रणनीति सीमित हो जाएगी.

पाकिस्तान के लिए चुनौती

पाकिस्तान के पास अभी F-16, JF-17 और J-10CE जैसे विमान हैं, लेकिन ये S-400 की रडार रेंज और Su-57E की स्टील्थ क्षमता के सामने कमजोर पड़ते हैं. पाकिस्तान के पास चीनी HQ-9 डिफेंस सिस्टम है, जिसकी रेंज 250 किमी है, लेकिन यह S-400 से कमजोर है. 

भारत की रणनीति

IAF अपनी रणनीति को लेयर्ड डिफेंस (कई परतों वाला रक्षा तंत्र) पर बना रही है. S-400 के साथ भारत के पास अकाश, बराक-8 और स्पाइडर जैसे सिस्टम भी हैं. Su-57E के आने से IAF को स्टील्थ हमले की ताकत मिलेगी. भारत की स्वदेशी नेत्रा AEW&C और अकाशतीर सिस्टम S-400 और Su-57E के साथ मिलकर एक मजबूत नेटवर्क बनाएंगे. यह नेटवर्क दुश्मन के हर हमले को रोक सकता है. जवाबी हमला कर सकता है.

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