मध्य प्रदेश के 17 जिलों में आज हो सकती है बारिश, बादल धीरे-धीरे छंटेंगे, भोपाल-ग्वालियर समेत 30 जिलों में कोटा पूरा

भोपाल
 वर्तमान में मध्य प्रदेश के अलग-अलग स्थानों पर चार मौसम प्रणालियां सक्रिय हैं। हालांकि, मौसम विभाग का अनुमान है कि अब बादल धीरे-धीरे छंटने लगेंगे। इस दौरान पूर्वी मध्य प्रदेश के रीवा, शहडोल, जबलपुर संभाग के जिलों में मध्यम बारिश हो सकती है।

शेष क्षेत्रों में कहीं-कहीं हल्की बारिश होने का अनुमान है। रविवार को सुबह साढ़े आठ से शाम साढ़े पांच बजे तक मलाजखंड में पांच, जबलपुर में तीन, रतलाम में दो, पचमढ़ी, टीकमगढ़ एवं उमरिया में एक मिलीमीटर बारिश हुई।

मध्य प्रदेश के 17 जिलों जबलपुर, कटनी, नरसिंहपुर, सिवनी, छिंदवाड़ा, बालाघाट, मंडला, डिंडौरी, रीवा, सतना, सीधी, सिंगरौली, मऊगंज, मैहर, अनूपपुर, शहडोल और उमरिया में आज बारिश हो सकती है।

सूखा बीत रहा, अगस्त जाते-जाते जमकर बरसा। वहीं, सितंबर का पहला सप्ताह पूरा मध्यप्रदेश तरबतर हो गया। इससे न सिर्फ प्रदेश में बारिश का कोटा पूरा हो गया, बल्कि इंदौर बेहतर स्थिति में पहुंचा। 7 दिन में इंदौर में 10 इंच पानी गिर गया।

ऐसा है मौसम का हाल

मौसम विज्ञान केंद्र के मुताबिक, वर्तमान में उत्तरी गुजरात और उससे लगे दक्षिण-पश्चिमी राजस्थान पर अवदाब का क्षेत्र मौजूद है। दो दिन में इसके पश्चिम-दक्षिण-पश्चिम दिशा में आगे बढ़ने की संभावना है। मानसून द्रोणिका गुजरात में बने अवदाब के क्षेत्र से श्योपुर, गुना, दमोह, माना, गोपालपुर से होकर बंगाल की खाड़ी तक जा रही है।

दूसरी ओर, बुरहानपुर में 26 इंच भी पानी नहीं गिरा है। धार, बड़वानी, खंडवा, शाजापुर और खरगोन में अब तक 30 इंच पानी भी नहीं गिरा। हालांकि, औसत बारिश के हिसाब से बड़वानी का कोटा भी पूरा हो चुका है। मौसम विभाग के अनुसार, सितंबर में अभी करीब 22 दिन बारिश होगी। ऐसे में इन जिलों में भी मानसून की तस्वीर बेहतर हो सकती है।

एमपी में कोटे से 4 इंच पानी ज्यादा गिर चुका बता दें, प्रदेश में 16 जून को मानसून ने आमद दी थी। तब से अब तक औसत 41.2 इंच बारिश हो चुकी है। अब तक 33.1 इंच पानी गिरना था। इस हिसाब से 8.1 इंच पानी ज्यादा गिर चुका है। प्रदेश की सामान्य बारिश औसत 37 इंच है। यह कोटा पिछले सप्ताह ही पूरा हो गया है। 4.2 इंच पानी ज्यादा गिर गया है।

मौसम विभाग के अनुसार 30 जिले-भोपाल, राजगढ़, रायसेन, विदिशा, अलीराजपुर, बड़वानी, कटनी, नरसिंहपुर, सिवनी, मंडला, ग्वालियर, शिवपुरी, गुना, अशोकनगर, दतिया, पन्ना, छतरपुर, टीकमगढ़, निवाड़ी, रतलाम, मंदसौर, नीमच, आगर-मालवा, भिंड, मुरैना, श्योपुर, सिंगरौली, सीधी, सतना और उमरिया में बारिश का कोटा फुल हो चुका है। कई जिले ऐसे हैं, जहां आंकड़ा डेढ़ सौ प्रतिशत के पार है। श्योपुर में कुल 213 प्रतिशत पानी गिर चुका है।

इंदौर-उज्जैन संभाग की तस्वीर बेहतर नहीं इस मानसूनी सीजन में इंदौर और उज्जैन संभाग की स्थिति ठीक नहीं है। यहां सबसे कम पानी गिरा है। सबसे कम बारिश वाले टॉप-5 जिलों में बुरहानपुर, बड़वानी, खंडवा खरगोन और शाजापुर शामिल हैं।

पूर्वी मध्य प्रदेश में मध्यम बारिश

एक अन्य द्रोणिका गुजरात में बने अवदाब के क्षेत्र पर बने चक्रवात से लेकर मध्य प्रदेश से होते हुए छत्तीसगढ़ तक जा रही है। दक्षिण-पूर्वी उत्तर प्रदेश पर हवा के ऊपरी भाग में चक्रवात बना हुआ है। मौसम विशेषज्ञ अजय शुक्ला ने बताया कि अवदाब का क्षेत्र काफी दूर रहने के कारण फिलहाल मध्य प्रदेश में वर्षा की गतिविधियों में कमी आएगी। हालांकि वातावरण में नमी रहने के कारण पूर्वी मध्य प्रदेश में मध्यम स्तर की बारिश हो सकती है। शेष क्षेत्रों में भी हल्की बौछारें पड़ सकती हैं।

ग्वालियर, चंबल-सागर सबसे बेहतर एमपी में जब से मानसून एंटर हुआ, तब से पूर्वी हिस्से यानी, जबलपुर, रीवा, सागर और शहडोल संभाग में तेज बारिश हुई है। यहां बारिश के स्ट्रॉन्ग सिस्टम एक्टिव रहे। छतरपुर, मंडला, टीकमगढ़, उमरिया समेत कई जिलों में बाढ़ आ गई। ग्वालियर-चंबल में भी मानसून जमकर बरसा है। यहां के सभी 8 जिलों में कोटे से ज्यादा पानी गिर चुका है। इनमें ग्वालियर, शिवपुरी, गुना, अशोकनगर, भिंड, मुरैना, दतिया और श्योपुर शामिल हैं।

30 में से भोपाल संभाग के चार, इंदौर संभाग के दो, जबलपुर के चार, ग्वालियर-चंबल के 8, सागर-उज्जैन संभाग के 4-4, रीवा संभाग के 3 और शहडोल संभाग का एक जिला शामिल हैं। नर्मदापुरम संभाग के किसी भी जिले में कोटा पूरा नहीं हुआ।

गुना में 65 इंच बारिश, मंडला-श्योपुर में 56 इंच पानी गिरा सबसे ज्यादा बारिश वाले टॉप-5 जिलों की बात करें तो गुना नंबर-1 पर है। यहां 65 इंच, मंडला-श्योपुर में 56 इंच, अशोकनगर में 54 इंच और शिवपुरी में 54.2 इंच पानी गिर चुका है।

कई डैम के गेट खुले जुलाई में तेज बारिश की वजह से प्रदेश के कई डैम और तालाब ओवरफ्लो हो गए थे। भोपाल के बड़ा तालाब, केरवा-कलियासोत डैम में भी पानी आया। कई बड़े डैम के गेट भी खुले, लेकिन अगस्त में उतनी बारिश नहीं हुई है।

ऐसे में डैम के गेट नहीं खुल सके, लेकिन अगस्त के आखिरी और सितंबर के पहले सप्ताह में तेज बारिश का दौर रहा। इस वजह से भोपाल के भदभदा डैम का गेट भी खुल गया। इस बार जौहिला, बरगी, इंदिरासागर, बारना, अटल सागर, सुजारा, सतपुड़ा, तवा समेत कई डैम के गेट खुल चुके हैं। कुल 54 बड़े डैमों में अच्छा पानी आ चुका है।

ऐसे समझें बारिश का गणित…

50 इंच से ज्यादा बारिश वाले जिले

    राजगढ़, रायसेन, नरसिंहपुर, मंडला, शिवपुरी, गुना, अशोकनगर, टीकमगढ़, निवाड़ी और श्योपुर।

40 से 50 इंच बारिश वाले जिले

    विदिशा, जबलपुर, सिवनी, बालाघाट, डिंडौरी, ग्वालियर, सागर, दमोह, पन्ना, छतरपुर, रतलाम, नीचम, सिंगरौली, सीधी, नर्मदापुरम, सिंगरौली, सीधी, नर्मदापुरम, हरदा और उमरिया।

30 इंच से ज्यादा बारिश वाले जिले

    भोपाल, सीहोर, इंदौर, झाबुआ, अलीराजपुर, कटनी, छिंदवाड़ा, दतिया, देवास, मंदसौर, भिंड, मुरैना, रीवा, सतना, बैतूल, शहडोल और अनूपपुर।

इन जिलों में 30 इंच से कम बारिश

    उज्जैन, शाजापुर, बड़वानी, बुरहानपुर, खंडवा और खरगोन।

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