अमेरिका की नाकामी: रूस को पंगु बनाने की कोशिश में खुद पड़ गया फंसा, अब अंडे खरीदने को मजबूर

वाशिंगटन 
रूस की अर्थव्यवस्था को पंगु बनाने की कोशिश में जुटा अमेरिका अब खुद ही उसके साथ व्यापार करने के लिए मजबूर है। दरअसल अमेरिका ने इसी साल जुलाई में रूस से पहली बार मुर्गी के अंडों की खेप आयात की है। यह जानकारी रूस की सरकारी समाचार एजेंसी RIA नोवोस्ती ने अमेरिकी सांख्यिकीय सेवा के आंकड़ों का हवाला देते हुए दी। बताया जा रहा है कि यह आयात 32 वर्षों में पहली बार हुआ है। आखिरी बार अमेरिका ने 1992 में रूस से अंडे खरीदे थे। रिपोर्ट के अनुसार, अमेरिका ने जुलाई महीने में रूस से ताजा मुर्गी के अंडों पर 4.55 लाख डॉलर (करीब 3.8 करोड़ रुपये) खर्च किए। यह कदम उस समय उठाया गया जब देश में बर्ड फ्लू महामारी के चलते पोल्ट्री उद्योग को भारी नुकसान हुआ और अंडों की आपूर्ति संकट पैदा हो गया।

बर्ड फ्लू से संकट और महंगाई
साल 2025 की शुरुआत में फैले बर्ड फ्लू प्रकोप से लाखों मुर्गियां प्रभावित हुईं। जनवरी में सीएनएन की एक रिपोर्ट के मुताबिक, हालात इतने गंभीर थे कि कई स्टोर्स को अंडों पर खरीद की सीमा लगानी पड़ी। फरवरी तक एक दर्जन अंडों की कीमत 7 डॉलर तक पहुंच गई। हालांकि पिछले महीनों में दामों में कुछ कमी आई है, लेकिन जुलाई 2025 में अंडे पिछले साल की तुलना में अब भी 16.4% महंगे रहे। वाइट हाउस की प्रेस सचिव कैरोलीन लेविट ने इस संकट के लिए पूर्व बाइडेन प्रशासन को जिम्मेदार ठहराते हुए आरोप लगाया कि उन्होंने पद छोड़ने से पहले करीब 80 लाख मुर्गियों की अकारण कुरबानी दी, जिससे स्थिति और बिगड़ी।

पाबंदियों के बीच व्यापार
फरवरी 2022 में यूक्रेन पर रूस के पूर्ण पैमाने पर हमले के बाद अमेरिका और पश्चिमी देशों ने मॉस्को पर कड़े प्रतिबंध लगाए। अमेरिका ने रूस की अर्थव्यवस्था को कमजोर करने, उसकी सैन्य क्षमताओं को सीमित करने और उसे वित्तीय व कूटनीतिक रूप से अलग-थलग करने के लिए ये व्यापक प्रतिबंध लगाए हैं। इनमें रूसी सेंट्रल बैंक की अरबों डॉलर की संपत्ति को फ्रीज करना, प्रमुख रूसी बैंकों को स्विफ्ट सिस्टम से बाहर करना, रूस के ऊर्जा क्षेत्र में व्यापार और निवेश पर भारी प्रतिबंध लगाना, और प्रमुख रूसी अधिकारियों पर प्रतिबंध शामिल हैं।

इन पाबंदियों के बावजूद, 2024 में अमेरिका ने रूस से करीब 3 अरब डॉलर के सामान आयात किए। इनमें उर्वरक (2025 की पहली छमाही में 927 मिलियन डॉलर), यूरेनियम व प्लूटोनियम (755 मिलियन डॉलर) और पैलेडियम जैसे कीमती धातु शामिल हैं। पिछले तीन वर्षों में अमेरिका-रूस व्यापार लगभग 90% तक गिर चुका है। लेकिन अगस्त 2025 में अलास्का में हुए ट्रंप-पुतिन शिखर सम्मेलन के बाद दोनों देशों के बीच आर्थिक सहयोग की संभावना के संकेत मिले।

 

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