लखनऊ
लखनऊ के इकाना में चल रही टी-20 क्रिकेट लीग को मैच फिक्स करने की कोशिश का मामला सामने आया है। काशी रुद्रास टीम के मैनेजर अर्जुन को 50 लाख रुपये का ऑफर सट्टेबाजों ने दिया है। सोशल मीडिया प्लेटफार्म इंस्टाग्राम के जरिए मैनेजर से संपर्क किया गया। सट्टेबाजों ने उन्हें टीम के खिलाड़ियों की मदद से मालामाल होने का ऑफर दिया। मैनेजर अर्जुन ने इसकी सूचना क्षेत्रीय भ्रष्टाचार निरोधक टीम के मैनेजर को दी। इसके बाद बड़ी ही चालाकी से सट्टेबाज से चैट करके उससे कुछ जानकारियां जुटाकर टीम को इनपुट भी दे दिया। पुलिस ने भी केस दर्ज कर लिया है और जांच में जुट गई है।
इस मामले में जयपुर राजस्थान के हरदयाल सिंह (क्षेत्रीय प्रबंधक भ्रष्टाचार निरोधक इकाई व टी-20 लीग लखनऊ के प्रबंधक) ने सुशांत गोल्फ सिटी थाने में मोबाइल नंबर और इंस्टा आईडी के आधार पर मुकदमा दर्ज कराया है। उन्होंने बताया कि 19 अगस्त को रात करीब 11:12 बजे काशी रुद्रास टीम के मैनेजर अर्जुन चौहान ने बताया कि उनसे एक व्यक्ति ने इंस्टा ग्राम पर vipss_nakrani ने संपर्क किया।
सट्टेबाज ने मैनेजर से टीम के साथ मिलकर सट्टा खिलवाने का ऑफर देते हुए 50 लाख रुपये का लालच दिया। बोला का भुगतान आनलाइन अमेरिकी डालर से करुंगा। टीम को सट्टे के लिए तैयार करो। मैनेजर से मिली जानकारी के बाद ट्रैप टीम ने सट्टे बाज के बारे में और जानकारी जुटाने के लिए कहा।
सट्टेबाज से व्हाट्सएप आडियो काल करने को कहा
मैनेजर ने सट्टेबाज से मोबाइल पर संपर्क करने को कहा। इसके बाद उसने व्हाट्सएप पर आडियो काल की। उसे रिकार्ड कर लिया गया। कुछ अन्य जानकारियां भी जुटाई गई। मैनेजर के द्वारा दी गई जानकारी के आधार पर एसीपी गोसाईगंज को लिखित तहरीर दी गई। इसके बाद नंबर और आईडी के आधार पर आरोपी के खिलाफ मुकदमा दर्ज कराया गया। इंस्पेक्टर उपेंद्र कुमार सिंह ने बताया कि मामले की जांच की जा रही है। साक्ष्यों के आधार पर आगे की कार्रवाई की जाएगी।
सट्टेबाज को पता थी टीम की लोकेशन
सट्टेबाज को काशी रुद्रा टीम की लोकेशन तक पता थी। सट्टेबाज ने मैनेजर अर्जुन से यह तक बताया कि टीम रेनेशां होटल में रुकी है। मैच जैसे ही शुरू होगा मेरा आदमी ग्राउंड में पहुंच जाएगा। सट्टेबाज ने बताया कि एक करोड़ रुपये लेकर वह ग्राउंड में बैठा रहेगा। आप मेरे मुताबिक चलेंगे तो वहीं पर वह 50 लाख रुपये आपको देगा। आपको माला-माल कर दूंगा। इसके बाद मैनेजर अर्जुन ने सट्टेबाज से लिया गया उसका नंबर, आईडी और अन्य जानकारियां भ्रष्टाचार निरोधक इकाई के प्रबंधक को दे दी।