ग्वालियर
प्रदेश के तीन जिलों- अलीराजपुर, शिवपुरी और ग्वालियर में आयल सीड हब स्थापित किए जाएंगे। भारतीय कृषि अनुसंधान परिषद ने इसके लिए साढ़े सात करोड़ रुपये की मंजूरी दी है। सीड हब के जरिये किसानों को तिलहनी फसलों के उन्नत बीज उपलब्ध कराए जाएंगे। यहां मूंगफली, सरसों, तिल और सोयाबीन जैसी प्रमुख तिलहन फसलों के बीज तैयार किए जाएंगे। यह कदम किसानों को बेहतर पैदावार के साथ-साथ अतिरिक्त कमाई का भी जरिया बनेगा। तीनों कृषि विज्ञान केंद्र राजमाता विजयाराजे सिंधिया कृषि विश्वविद्यालय से संबद्ध हैं।
मूंगफली का बढ़ रहा रकबा
पिछले कुछ वर्षों में मालवा क्षेत्र के अलावा चंबल के शिवपुरी इलाके में किसानों ने मूंगफली की खेती शुरू कर दी है। यहां मूंगफली का रकबा लगातार बढ़ रहा है, लेकिन मांग के अनुरूप बीज उपलब्ध नहीं हो पा रहे। ऐसे में नई किस्मों की मूंगफली बीज उत्पादन की दिशा में यह सीड हब किसानों की बड़ी जरूरत पूरी करेगा।
अलीराजपुर में तिल सीड हब और ग्वालियर में सोयाबीन, सरसों, तिल और मूंगफली सीड हब बनेगा। किसानों को ऐसे मिलेगा फायदा-सीड हब से किसानों को समय पर और पर्याप्त मात्रा में गुणवत्तापूर्ण बीज मिलेंगे। इससे उनकी उपज बढ़ेगी और आय में भी इजाफा होगा। कृषि विशेषज्ञों का कहना है कि यह पहल न केवल प्रदेश को तिलहन उत्पादन में आत्मनिर्भर बनाएगी, बल्कि किसानों की आर्थिक स्थिति को भी मजबूत करेगी।