•हड़ताल में शामिल सभी पर क्रमिक रूप से जारी है कार्रवाई
* सभी हड़ताली कर्मियों पर कारण पृच्छा के बाद विभाग द्वारा सोमवार से शुरू की गई है कार्रवाई
पटना
राजस्व एवं भूमि सुधार विभाग ने आज कार्रवाई के दूसरे दिन हड़ताल भड़काने और सरकारी कार्य में बाधा डालने के आरोप में 97 विशेष सर्वेक्षण अमीन, 24 विशेष सर्वेक्षण कानूनगो एवं 25 विशेष सर्वेक्षण लिपिक की संविदा सेवा तत्काल प्रभाव से समाप्त कर दी है। सभी संविदा कर्मियों पर उनके पदस्थापित जिलों से प्राप्त प्रतिवेदन के आलोक में कार्रवाई की गई है।
भू-अभिलेख एवं परिमाप निदेशालय द्वारा जारी आदेश में कहा गया है कि बर्खास्त किए गए विशेष सर्वेक्षण अमीन, विशेष सर्वेक्षण कानूनगो एवं विशेष सर्वेक्षण लिपिक ने अनुचित मांगों को लेकर हड़ताल की राह अपनाई और विभागीय कार्य बाधित किया। विभाग ने माना कि राजस्व महा अभियान की शुरुआत होते ही हड़ताल पर चले जाने का इनका आचरण अनुशासनहीनता और सरकारी आदेश की अवहेलना की श्रेणी में आता है।
विभाग ने स्पष्ट किया कि सभी संविदा विशेष सर्वेक्षण अमीन, विशेष सर्वेक्षण
कानूनगो एवं विशेष सर्वेक्षण लिपिक की नियुक्ति संविदा नियमावली 2019 एवं संशोधित नियमावली 2022 के तहत हुई थी। नियमों के मुताबिक यह सेवा किसी भी परिस्थिति में नियमित नियुक्ति में परिवर्तित नहीं होगी। इसके बावजूद पदनाम बदलने, नियमितीकरण और समतुल्य वेतनमान जैसी अनुचित मांगों को लेकर हड़ताल पर जाना शपथपत्र और संविदा शर्तों का खुला उल्लंघन है।
राजस्व एवं भूमि सुधार विभाग ने स्पष्ट किया है कि हड़ताल से सरकार के महत्वाकांक्षी राजस्व महा–अभियान की गति प्रभावित हुई। इस अभियान के तहत राज्यभर में जमाबंदी में त्रुटि सुधार, ऑफलाइन जमाबंदी को ऑनलाइन करना, बंटवारा नामांतरण और उत्तराधिकार नामांतरण जैसी सेवाएं आमजन तक पहुंचाई जा रही हैं। ऐसे में हड़ताल का कदम जनता को सीधे तौर पर प्रभावित करने वाला साबित हुआ।
इसी आधार पर विभाग ने कठोर कार्रवाई करते हुए नियमावली की धारा 8(4) के तहत संविदा सर्वेक्षण कर्मियों की संविदा सेवा समाप्त कर दी है। विभाग के स्तर से कार्य से अनुपस्थित अन्य सभी पर भी कार्रवाई की प्रक्रिया चल रही है।