IFS धम्मसिल गनवीर – ईमानदारी की आड़ में भ्रष्टाचार को दे रहें है अंजाम ? शक-सुबह हो तो मार्च 23 के भुगतानों का करा लें जांच-करीम खान

रायपुर/जगदलपुर
ईमानदार बन कब तलक आप बच पाएंगे ? तलाब में किया गया गंदगी एक न एक दिन ऊपर जरूर आता है, इसे सिद्ध करता है हमारे छत्तीसगढ़ राज्य के कांगेर घाटी राष्ट्रीय उद्यान जगदलपुर के निर्देशक श्री धम्मसिल इंदूबाई संपत गनवीर की विभाग में अपनाए गए कार्यप्रणाली।
उपरोक्त आरोप लोकतंत्र कांग्रेस पार्टी के पूर्व प्रदेश अध्यक्ष करीम खान ने लगाते हुवे कहा कि अगर धम्मसिल ईमानदार हैं तो वे केवल और केवल फरवरी और मार्च के भुगतानों का सोसल ऑडिट करा लें, पानी का पानी हो जाएगा, सच को आंच नही है।

कांगेर घाटी राष्ट्रीय उद्यान, जगदलपुर

श्री करीम खान ने ये भी कहा कि श्री धम्मसिल गनवीर जी कांगेर घाटी राष्ट्रीय उद्यान जगदलपुर के निर्देशक के अलावा इंद्रावती टाईगर रिजर्व बीजापुर के प्रभारी उप-संचालक भी है।
दोनों स्थानों में इनकी कार्यप्रणाली को अगर देखा जाए तो शुरुआती समय मे एकदम ईमानदार अधिकारी की छवि दिखती है जिसे वे जतलाने बताने दिखाने में भी कोई कसर नही छोड़ते है, आए दिन आप देखेंगे उनके सायकल चलाने, वन भ्रमण, कार्य का जांच इत्यादि कार्यो का फोटो व वीडियो सोसल मीडिया में पहले आता है उसके बाद वे अधिकारी कर्मचारी अपने घर आतें हैं। आप इससे ये अंदाज़ा लगा सकते हैं कि हमारे गनवीर साहब कितने सोसाल मीडिया प्रेमी है।

*धम्मसिल गनवीर के ईमानदारी के भेंट चढ़ता और विकास से कोसो दूर होता “कांगेर घाटी राष्ट्रीय उद्यान और इंद्रावती टाईगर रिजर्व “।*

पिछले डेढ़ दो वर्षों से जिन वनक्षेत्रों में करोड़ो का काम होता था उन वनक्षेत्रों में हजारों का भी कम नही हो रहा है, पहले के अधिकारी वनों के विकास एवं वन्यप्राणियों के रहवास इत्यादि के लिए करोड़ो के बजटों में काम करते थे और बजट की लालसा में अग्रिम कार्य भी करा लिया करतें थे पर अब तो गनवीर साहब के समय तो करोड़ों की राशि शासन को वापस कर दी जाती है कारण उनके ईमानदारी छवि के चलते कार्य को लटकाकर दो से तीन वर्षो में कराने के पक्षधर कोई कर्मचारी नही होता। खुद उनके द्वारा कार्यो को जल्द निपटाने की बात कही जाती है और जब बिल भुगतान की बात आती है तो उनका कहना होता है कि इसका कार्य नियमानुसार प्रक्रिया के तहत क्यों नही किया गया ऐसा कह बिल पेंडिंग कर दिया जाता है, अभी वर्तमान में तीरथगढ़ रास्ते में कक्ष क्रमांक 163 में निर्माणाधीन स्टापडेम बनाया जा रहा है जिसकी लागत 70 लाख है, इस स्टापडेम को उनके द्वारा अपने खास ठेकेदार से कराए जाने की बात सामने आ रही है, जिसमें ये भी कहा जा रहा है कि वन कर्मी अर्थात वनरक्षक वनपाल रेंजर SDO किसी को भी उपरोक्त स्टापडेम के पास फटकने / जाने का इजाजत नही है ऐसे में उसकी गुणवत्ता क्या होगी ये सोंचा जा सकता है।


10 जून को अपर प्रधान मुख्य वन संरक्षक श्री कौशलेंद्र कुमार के जगदलपुर के प्रवास पर विभागीय कार्यो के मौका-मुआयना के दौरान तीरथगढ़ के उपरोक्त स्टापडेम को देखने के बाद उपस्थित वन अधिकारी कर्मचारी से उसके बारे में पूछे तो उन सभी के द्वारा एक ही बात कही की धम्मसिल साहब ने हमें केवल और केवल जंगलों की सुरक्षा में ध्यान देने कहा गया है ये काम कौन ठेकेदार कर रहा है ये भी उन्हें नही मालूम, ऐसे में आप समझ लीजिए कि एक ईमानदार की छवि वाला अधिकारी अपने मातहतों को विभागीय कार्यों से अलग क्यों रखा गया है और ठेकेदारों से सिर्फ और सिर्फ खुद से संबंध क्यों रखा गया है ?
इसी तरह की खबर इंद्रावती टाइगर रिजर्व बीजापुर की भी स्थिति बताई जा रही है, सुनने ये मिल रहा है कि वहां के रेंजर और SDO धम्मसिल गनवीर के रहने के कारण वहां नही रहना चाह रहे हैं, वे सभी वहां से हटने अपना अपना जुगाड़ लागाना भी चालू कर लिए हैं, ये बातों के पड़ताल करने के उद्देश्य से वहां के विभागीय लोगो से विचार लिया गया तो पता चला कि धम्मसिल गनवीर जी वहाँ के रेंजर और SDO के ऊपर दबाव बनाकर बिना काम हुवे अपने खासमखास ठेकेदार के खातों में करोड़ो की राशि जमा कराई जाती है। जिससे वहां के कर्मचारियों में बेहद रोष हैं पर वे इतने बड़े अधिकारी का कुछ नही बिगाड़ सकते इसलिए वे वहां नही रहना चाहतें है कुछ लोग आए हुवे विभागीय कार्यो को कार्य नही हो सकता कह कर वापस भी कर रहें हैं।

श्री कौशलेंद्र कुमार, अपर प्रधान मुख्य वन संरक्षक, रायपुर

Leave a Reply

Your email address will not be published. Required fields are marked *

Recent Post

Live Cricket Update

You May Like This

4th piller को सपोर्ट करने के लिए आप Gpay - 7587428786

× How can I help you?