चीन ने समुद्र में तैनात किए 14 जहाज और घातक ड्रोन, सेना हाई अलर्ट पर

मनीला
दक्षिण चीन सागर में तनाव एक बार फिर चरम पर है। चीन की बढ़ती आक्रामकता को देखते हुए फिलीपींस सैन्य बलों को हाई अलर्ट पर रखा गया है। चीन ने विवादित सेकंड थॉमस शोल के पास अपने तटरक्षक जहाजों और कई मिलिशिया पोतों को तैनात किया है। फिलीपींस के सैन्य अधिकारियों ने गुरुवार को बताया कि चीन ने विवादित दक्षिण चीन सागर के तटवर्ती क्षेत्र में लंबे समय से खड़े फिलीपीन युद्धपोत- बीआरपी सिएरा माद्रे के निकट तटरक्षक जहाजों और कई मिलिशिया जहाजों को तैनात किया है। उन्होंने कहा कि कम से कम 14 चीनी तटरक्षक और संदिग्ध मिलिशिया जहाज उनके युद्धपोत के आसपास निगरानी में देखे गए हैं। चीन की नेवी फोर्स बुधवार को देखी गई थी और गुरुवार को भी क्षेत्र में मौजूद बताई गई है। इनमें से कुछ हाई-कैलिबर हथियारों से लैस हैं और एक शिप पर हेलीकॉप्टर व ड्रोन भी देखे गए हैं। अधिकारी ने बताया कि चीनी सेना को करीब आने से रोकने के लिए सिएरा माद्रे से दो नावों के जरिए फिलीपीन सेना तैनात की गई थी।

विवाद का केंद्र: सेकंड थॉमस शोल
सेकंड थॉमस शोल को फिलीपीन में आयुंगिन शोल और चीन में रेन’आई रीफ के नाम से जाना जाता है। यह दक्षिण चीन सागर में एक प्रमुख विवादित क्षेत्र है। यह शोल फिलीपीन के 200-नॉटिकल मील विशेष आर्थिक क्षेत्र (EEZ) के भीतर स्थित है, लेकिन चीन इसे अपने “नाइन-डैश लाइन” दावे के हिस्से के रूप में मानता है। 1999 में, फिलीपीन ने इस क्षेत्र में अपनी संप्रभुता को बनाए रखने के लिए बीआरपी सिएरा माद्रे नामक एक पुराने युद्धपोत को जानबूझकर इस शोल पर तैनात किया था, जो अब एक क्षेत्रीय चौकी के रूप में कार्य करता है। अतीत में, चीन ने बार-बार मांग की है कि फिलीपींस बीआरपी सिएरा माद्रे को शोल से हटा ले। फिलीपींस ने चीन की मांग को मानने से इनकार कर दिया है।

फिलीपीन नौसेना के प्रवक्ता रियर एडमिरल रॉय त्रिनिदाद ने एसोसिएटेड प्रेस को टेलीफोन पर बताया, "उनकी कार्रवाइयों और संख्या में वृद्धि के कारण यह चिंताजनक है। अगर स्थिति बिगड़ती है, तो हमारे पास एक आकस्मिक योजना तैयार है। इन सभी बलपूर्वक और आक्रामक कार्रवाइयों के बीच, कमांडर-इन-चीफ का निर्देश बिल्कुल स्पष्ट है: हम अपने क्षेत्र, संप्रभुता और संप्रभु अधिकारों के विरुद्ध किसी भी खतरे से पीछे नहीं हटेंगे।" त्रिनिदाद ने बताया कि घटनास्थल पर मौजूद पांच चीनी तटरक्षक जहाजों में से एक ने बिना किसी लक्ष्य के अपनी वाटर कैनन का इस्तेमाल किया। इसके अलावा, चीनी की छोटी नावों को उथले पानी के प्रवेश द्वार पर जाल डालते देखा गया, जहां से फिलीपीन जहाज पहले सिएरा माद्रे को आपूर्ति पहुंचाने के लिए गुजरते थे।

बड़ी प्लानिंग से आई है चीनी सेना?
फिलीपींस की सेना ने एक बयान में कहा, "चीनी तटरक्षक बल के जहाजों को समुद्र में पानी की बौछारों का इस्तेमाल करते हुए युद्धाभ्यास और अभ्यास करते देखा गया है, जबकि कई छोटे जहाज, जैसे कठोर पतवार वाली फुलाने वाली नावें और तेज नावें, भी उथले पानी में तैनात की गई हैं। चीनी तटरक्षक बल की कुछ तेज नावें भारी चालक दल वाले हथियारों सहित माउंटेड हथियारों से लैस देखी गईं।"

हाल की घटनाएं और बढ़ गया तनाव
फिलीपीन सैन्य अधिकारियों के अनुसार, चीनी बलों की इस तैनाती ने क्षेत्र में तनाव को और बढ़ा दिया है। बीआरपी सिएरा माद्रे से दो नावों में सवार फिलीपीन सैनिकों को तैनात किया गया है ताकि चीनी जहाजों को और करीब आने से रोका जा सके। चीनी अधिकारियों ने इस सैन्य बयान पर तत्काल कोई टिप्पणी नहीं की है, लेकिन अतीत में वे बार-बार मांग कर चुके हैं कि फिलीपीन बीआरपी सिएरा माद्रे को शोल से हटाए।

इससे पहले, जून 2024 में सेकंड थॉमस शोल पर एक हिंसक टकराव हुआ था, जिसमें फिलीपीन नौसेना के कर्मियों को चोटें आई थीं, जिसमें एक सैनिक का अंगूठा भी कट गया था। इस घटना के बाद, चीन और फिलीपीन ने टकराव को रोकने के लिए एक अस्थायी व्यवस्था की थी, जिसके तहत चीनी तटरक्षक और नौसेना बल शोल से दूरी बनाए रखते थे और फिलीपीन सैनिक बीआरपी सिएरा माद्रे को सप्लाई और सैनिकों की तैनाती बिना किसी बाधा के कर सकते थे। इस समझौते के बाद, फिलीपीन नौसेना ने कम से कम आठ बार बिना किसी घटना के आपूर्ति और सैनिकों को पहुंचाया, जिसमें केवल तीन से चार चीनी तटरक्षक जहाज दूर से निगरानी करते थे।

पिछली घटनाएं और क्षेत्रीय तनाव
यह ताजा तैनाती उस समय हुई है जब कुछ ही दिन पहले, 11 अगस्त को, स्कारबोरो शोल के पास एक चीनी नौसेना जहाज और तटरक्षक पोत के बीच टक्कर हुई थी। यह घटना तब हुई जब दोनों चीनी जहाज फिलीपीन तटरक्षक जहाज बीआरपी सुलुआन का पीछा कर रहे थे, जो मछुआरों को सहायता प्रदान करने के लिए एक मिशन पर था। इस टक्कर में चीनी तटरक्षक जहाज को भारी नुकसान हुआ और वह समुद्र में चलने लायक नहीं बचा था। फिलीपीन तटरक्षक ने इस घटना की निंदा करते हुए इसे “खतरनाक युद्धाभ्यास” करार दिया और चीनी चालक दल को सहायता की पेशकश की, जिसे स्वीकार नहीं किया गया। 

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