कृषि एवं किसान कल्याण मंत्री ने किया प्रधानमंत्री कृषि सिचाई योजना-जलछाजन विकास 2.0 की समीक्षा

कृषि रोड मैप से सिंचाई क्षमता और फसल आच्छादन में हुई उल्लेखनीय वृद्धि: विजय कुमार सिन्हा
बिहार 
 
माननीय मंत्री, कृषि एवं किसान कल्याण विभाग भारत सरकार श्री शिवराज सिंह चौहान की अध्यक्षता में वीडियो कॉन्फ्रेंसिंग के माध्यम से प्रधानमंत्री कृषि सिचाई योजना-जलछाजन विकास 2.0 योजना की समीक्षा की गई। इस अवसर पर माननीय उप मुख्यमंत्री सह कृषि मंत्री श्री विजय कुमार सिन्हा भी उपस्थित थे। 
माननीय केन्द्रीय मंत्री श्री शिवराज सिंह चौहान ने कहा कि प्रधानमंत्री कृषि सिचाई योजना-जलछाजन विकास 2.0 योजना वर्षा आधारित क्षेत्र के लिए वरदान है, जो इस क्षेत्र की तस्वीर को बदल सकती है। अगले 05 वर्षों के लिए नई योजना जलछाजन विकास 3.0 की तैयारी हमे अभी से शुरू करनी चाहिए तथा चालू योजना में शत्-प्रतिशत व्यय प्राप्त किया जाये, जिससे आगामी योजना को प्रभावी ढंग से लागू किया जा सके। नदियों का जीर्णोद्धार, झीलों का जीर्णोद्धर तथा पहाड़ी क्षेत्र में टपकन तकनीक से इस योजना का लाभ किसानों तक पहुँचाया जाये। 
माननीय उप मुख्यमंत्री-सह-कृषि मंत्री, बिहार श्री विजय कुमार सिन्हा ने बताया कि प्रधानमंत्री कृषि सिचाई योजना-जलछाजन विकास 2.0 योजना के अंतर्गत हमारे राज्य के 18 जिलों में 35 परियोजनाएँ चल रही है, इस योजना के तहत कुल 171600 हे० भूमि का उपचार किया जा रहा है। इस योजना से वर्षा सिंचित क्षेत्रों में मृदा एवं जल संरक्षण कार्य करने से हमारे किसानों को अत्याधिक लाभ हो रहा है।
माननीय उप मुख्यमंत्री ने कहा कि कृषि रोड मैप, जो बिहार सरकार की एक महत्वाकांक्षी पहल है। जिसके अंतर्गत मृदा एवं जल संरक्षण के लिए राज्य सरकार के स्तर से भी कई योजनाओं यथा पक्का चेक डैम निर्माण, तालाब निर्माण, कुआँ निर्माण एवं आहर जीर्णाेद्धार इत्यादि का कार्यान्वयन कर रहे है। इन सभी योजनाओं के कार्यान्वयन से भी राज्य में सिंचाई क्षमता का विस्तार हुआ है।
श्री सिन्हा ने कहा कि केन्द्र सरकार के सम्मिलित प्रयास से भारतीय कृषि अनुसंधान परिषद् द्वारा कराए गए सर्वेक्षण के उपरांत यह ज्ञात हुआ है कि फसल आच्छादन का रकवा 52 लाख हे० से बढ़कर 62 लाख हे० हो गया है। साथ ही फसल सघनता भी 144 से बढ़कर 180 हो गया है।
उन्होंने कहा कि प्रधानमंत्री कृषि सिंचाई योजना के अंतर्गत राज्य में जल संरक्षण हेतु विभिन्न संरचना निर्माण यथा पक्का चेक डैम निर्माण, तालाब निर्माण, कुआँ निर्माण, साद अवरोधक बाँध, आहर जीर्णाेद्धार इत्यादि के साथ-साथ पौधा रोपन, जीविकोपार्जन तथा उत्पादन प्रणाली घटक के अंतर्गत भी बड़े पैमाने पर कार्य कराये जा रहे है, जिससे की सिंचाई क्षमता में विस्तार के साथ-साथ फसलों के उत्पादन एवं उत्पादकता तथा हरित क्षेत्र में वृद्धि हुई है।  इस अवसर पर कृषि निदेशक श्री नितिन कुमार सिंह, निदेशक, भूमि संरक्षण श्री राधा रमण सहित विभाग के वरीय पदाधिकारी मौजूद थे।

Recent Post

Live Cricket Update

You May Like This

error: Content is protected !!

4th piller को सपोर्ट करने के लिए आप Gpay - 7587428786