यूक्रेन पर रूस का साल का तीसरा बड़ा हमला, जेलेंस्की बोले- पुतिन शांति नहीं चाहते

कीव 

अलास्का से लेकर वॉशिंगटन तक रूस-यूक्रेन के बीच करीब चार साल से चल रहे संघर्ष को खत्म करने की कोशिश चल रही है. लेकिन दोनों ही देश पीछे हटने को तैयार नहीं हैं. अमेरिकी राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप ने हाल ही में रूसी राष्ट्रपति व्लादिमीर पुतिन से अलास्का में मीटिंग की थी, जो बेनतीजा रही. इसके बाद यूक्रेनी राष्ट्रपति वोलोदिमीर जेलेंस्की ने भी यूरोपीय नेताओं के साथ वॉशिंगटन में ट्रंप से मुलाकात की, ताकि संघर्ष को रोका जा सके. बावजूद इसके अब तक कोई ठोस नतीजा नहीं निकला है.  

जेलेंस्की ने मॉस्को पर साधा निशाना

दूसरी ओर यूक्रेनी एयरफोर्स ने गुरुवार को दावा किया कि रूस ने इस साल यूक्रेन पर अपना सबसे बड़ा हवाई हमला किया है, जिसमें 574 ड्रोन और 40 मिसाइलें दागी गई हैं. एयरफोर्स का दावा है कि ज्यादातर हमले यूक्रेन के पश्चिमी इलाकों को निशाना बनाकर किए गए. अधिकारियों के अनुसार, इन हमलों में कम से कम एक व्यक्ति की मौत हो गई और 15 अन्य घायल हो गए. ताजा हमले के बाद यूक्रेन के राष्ट्रपति जेलेंस्की ने कहा कि मॉस्को से ऐसा कोई संकेत नहीं मिला है कि वे युद्ध खत्म करने के लिए तैयार हैं और उनके बीच ठोस बातचीत चल रही है.

यूक्रेनी पत्रकारों के साथ बातचीत में जेलेंस्की ने कहा कि अमेरिकी कंपनी पर हुए इस रूसी हमले में 15 लोग घायल हुए हैं. उन्होंने कहा कि वह यूरोप के किसी तटस्थ हिस्से में पुतिन से मिलना चाहते हैं. इनमें स्विट्जरलैंड, ऑस्ट्रिया और तुर्की जैसे देश शामिल हो सकते हैं. हंगरी की ओर से यूक्रेन का समर्थन करने के विरोध का हवाला देते हुए बुडापेस्ट में बैठक का प्रस्ताव रद्द कर दिया गया था.

यूक्रेन के विदेश मंत्री एंड्री साइबिहा ने कहा कि रूस ने पश्चिमी यूक्रेन में एक 'प्रमुख अमेरिकी इलेक्ट्रॉनिक्स मैन्युफैक्चर' पर हमला किया. उन्होंने और कोई जानकारी नहीं दी. यूक्रेन के पश्चिमी हिस्से देश के पूर्व और दक्षिण में युद्धक्षेत्र की फ्रंटलाइन से बहुत दूर हैं. ऐसा माना जाता है कि यूक्रेन के पश्चिमी सहयोगियों की ओर से दी जाने वाली ज्यादातर सैन्य सहायता वहीं पहुंचाई जाती है. शायद यही वजह है कि इस बार रूस ने पश्चिमी यूक्रेन को टारगेट किया है.

आधिकारिक आंकड़ों के अनुसार, ड्रोनों की संख्या के आधार पर यह इस साल रूस का तीसरा सबसे बड़ा हवाई हमला था, और मिसाइलों की संख्या के आधार पर यह आठवां सबसे बड़ा हमला था.

यूक्रेन ने रूस को पहुंचाया था बड़ा नुकसान

इससे पहले जून में यूक्रेन की स्पेशल फोर्स ने रूस पर ताबड़तोड़ हवाई हमले किए थे. यूक्रेन ने रूस के हवाई ठिकानों को निशाना बनाया और जमीन पर मौजूद 41 रूसी बॉम्बर को तबाह कर दिया. अनुमान है कि इस हमले में रूस के 30 फीसदी से ज्यादा बॉम्बर्स फ्लीट और रडार सिस्टम को नुकसान पहुंचा था.

यूक्रेन ने रूस पर यह हमला उस कार्रवाई के जवाब में दिया था जब रूस ने 477 ड्रोन से यूक्रेनी क्षेत्र को दहला दिया था. इस हमले में रूस ने कुल 537 हवाई हथियार दागे, जिनमें 477 ड्रोन और 60 मिसाइलें शामिल थीं. यूक्रेनी एयरफोर्स ने दावा किया कि इनमें से 249 को मार गिराया गया, जबकि 226 हथियार इलेक्ट्रॉनिक जैमिंग के कारण अपने टारगेट तक पहुंचने में नाकाम रहे.

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