महिला एवं बाल विकास विभाग में डिप्टी कलेक्टर की नियुक्ति पर विवाद, मंत्री निर्मला भूरिया के बंगले पर पहुंचे अफसर

बुरहानपुर

मध्य प्रदेश के महिला एवं बाल विकास विभाग में बुरहानपुर जिला की डिप्टी कलेक्टर लता शरणागत की अतिरिक्त निदेशक (Additional Director) के रूप में नियुक्ति पर सरकारी अधिकारियों के एक वर्ग ने विरोध जताया है.

महिला एवं बाल विकास विभाग के अधिकारियों के एक ग्रुप ने भोपाल में विभाग की मंत्री निर्मला भूरिया से मुलाकात की और शरणागत की अतिरिक्त निदेशक के रूप में नियुक्ति का विरोध किया.  उन्होंने शीर्ष पद पर उनकी 'जूनियर' हैसियत का हवाला दिया और शरणागत की नियुक्ति रद्द करने का अनुरोध किया.

मंत्री भूरिया ने बाद में बताया कि अधिकारियों की मांग जायज है और वह इस संबंध में जरूरी कदम उठाएंगी. उन्होंने कहा कि महिला एवं बाल विकास विभाग में अतिरिक्त निदेशकों की नियुक्ति विभाग के ही वरिष्ठ अधिकारियों में से की जाती है. मंत्री ने बताया कि शरणागत के मामले में उनकी नियुक्ति सामान्य प्रशासन विभाग द्वारा की गई थी.

इससे पहले, अधिकारियों के एक समूह ने भूरिया को एक ज्ञापन सौंपा और उनसे शरणागत की नियुक्ति के संबंध में जरूरी कार्रवाई करने का अनुरोध किया.

महिला एवं बाल विकास विभाग की संयुक्त निदेशक (इंदौर संभाग) डॉ. संध्या व्यास ने कहा कि शरणागत को अतिरिक्त निदेशक के पद पर नियुक्त करना नियमों के विरुद्ध है और इससे विभाग में भारी रोष है.

व्यास ने कहा, "अधिकारी इस नियुक्ति से नाराज हैं क्योंकि शरणागत की नियुक्ति से विभाग के अधिकारियों की वरिष्ठता का हनन हुआ है."

महिला मंत्री भूरिया को सौंपे ज्ञापन में, अधिकारियों ने बताया कि शरणागत 2008 बैच की अधिकारी हैं, जबकि विभाग में कई वरिष्ठ संयुक्त निदेशक 2009 से इसी पद पर कार्यरत हैं. 

ज्ञापन में कहा गया है कि यह प्रमुख विभाग महिलाओं और बच्चों के लिए कल्याणकारी योजनाएं चलाता है, जिनके लिए विशेषज्ञता की जरूरत होती है और एक डिप्टी कलेक्टर इन विषयों का विशेषज्ञ नहीं होता.

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