रावतपुरा यूनिवर्सिटी का पैरामेडिकल घोटाला: लाखों वसूले, डिग्री बेमानी – छात्रों का भविष्य अंधेरे में!

रावतपुरा यूनिवर्सिटी का पैरामेडिकल घोटाला: लाखों वसूले, डिग्री बेमानी – छात्रों का भविष्य अंधेरे में!

रायपुर।
छत्तीसगढ़ में शिक्षा माफिया पर एक और बड़ा खुलासा हुआ है। रावतपुरा सरकार विश्वविद्यालय, रायपुर पर बिना मान्यता के पैरामेडिकल कोर्स (BMLT, DMLT, डायलिसिस और ऑप्टोमेट्री) संचालित करने का आरोप लगा है। मंगलवार को सैकड़ों छात्रों ने NSUI के साथ मिलकर छत्तीसगढ़ पैरामेडिकल काउंसिल कार्यालय के बाहर ज़ोरदार प्रदर्शन किया और विश्वविद्यालय प्रशासन के खिलाफ नारेबाज़ी की।

💸 3 लाख की फीस – 0 रजिस्ट्रेशन!

छात्रों का आरोप है कि विश्वविद्यालय ने पिछले 6 वर्षों से बिना मान्यता के इन कोर्सों में एडमिशन दिया और हर छात्र से लगभग ₹3 लाख तक की फीस वसूल की।

2019 से अब तक लगभग 1000 से अधिक छात्र-छात्राएं इन फर्जी कोर्सों में दाखिला लेकर पढ़ाई पूरी कर चुके हैं।

लेकिन डिग्री मिलने के बावजूद काउंसिल से रजिस्ट्रेशन नहीं मिल रहा है।

नतीजा – न तो सरकारी-निजी अस्पतालों में नौकरी मिल रही है और न ही उच्च शिक्षा के अवसर।

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🎙️ छात्रों की आपबीती

BMLT की पहली बैच की छात्रा सोनी मानिकपुरी ने कहा –

> “एडमिशन के वक्त कहा गया कि कोर्स काउंसिल से मान्यता प्राप्त है। हमने भरोसा किया और लाखों खर्च कर दिए। अब 6 साल बाद न रजिस्ट्रेशन मिला, न ही भर्ती में मान्यता। हमारी डिग्री कागज का टुकड़ा बन गई है।”

 

⚖️ यूनिवर्सिटी और काउंसिल – जिम्मेदारी टालने का खेल

यूनिवर्सिटी का दावा: उनके पास काउंसिल की NOC है।

पैरामेडिकल काउंसिल का बयान: रावतपुरा यूनिवर्सिटी को कभी कोई मान्यता (NOC) दी ही नहीं गई।

यानी छात्रों के करियर के साथ खुलेआम धोखा और संस्थानों की मिलीभगत सामने आई है।

🚩 NSUI का हल्लाबोल और चेतावनी

NSUI जिला अध्यक्ष प्रशांत गोस्वामी ने कहा –

> “यह छात्रों के भविष्य से सीधा खिलवाड़ है। 6 साल से बिना NOC कोर्स चलाना आपराधिक कृत्य है। जल्द कार्रवाई नहीं हुई तो राज्यव्यापी आंदोलन होगा।”

 

NSUI की मांगें:

1. सभी छात्रों को तत्काल रजिस्ट्रेशन दिया जाए।

2. विश्वविद्यालय पर कानूनी कार्रवाई हो।

3. दोषियों के खिलाफ FIR दर्ज हो।

 

📑 संलग्न दस्तावेज़ का हवाला

भांडाफोड़ न्यूज़ के पास उपलब्ध संलग्न PDF (19 अगस्त 2025) के अनुसार भी यह स्पष्ट है कि राज्य में कई निजी विश्वविद्यालय बिना चिकित्सा शिक्षा विभाग की अनुमति के योगा, पैरामेडिकल, आयुर्वेदिक, प्राकृतिक चिकित्सा और नर्सिंग जैसे कोर्स चला रहे हैं। ऐसे में इनकी डिग्रियां वैधानिक रूप से मान्य नहीं हैं।

अब बड़ा सवाल

यदि रावतपुरा यूनिवर्सिटी पिछले 5 साल में हजारों छात्रों को डिग्रियां बांट चुकी है, तो—

क्या यह विश्वविद्यालय छात्रों को मुआवजा सहित उनकी फीस वापस करेगा?

क्या जिम्मेदार अधिकारियों और काउंसिल पर भी कार्रवाई होगी?

और सबसे अहम – क्या स्वास्थ्य मंत्री और शिक्षा विभाग केवल बयान देंगे, या इस बार ठोस कदम उठाएंगे?


📊 रावतपुरा यूनिवर्सिटी पैरामेडिकल घोटाला – एक नजर में

श्रेणी आंकड़े / जानकारी

🚨 कोर्स BMLT, DMLT, डायलिसिस, ऑप्टोमेट्री
⏳ अवधि 2019 से अब तक (6 साल)
🎓 छात्र संख्या लगभग 1000+ छात्र-छात्राएं
💸 फीस वसूली प्रति छात्र लगभग ₹3 लाख
🏛️ मान्यता स्थिति कभी भी NOC प्राप्त नहीं (छ.ग. पैरामेडिकल काउंसिल)
📜 डिग्री स्थिति अवैध / अमान्य, न नौकरी न उच्च शिक्षा
🔥 जिम्मेदार संस्थान रावतपुरा सरकार विश्वविद्यालय, रायपुर
✊ छात्रों की मांग रजिस्ट्रेशन, मुआवजा, FIR व कानूनी कार्रवाई
⚠️ NSUI चेतावनी समाधान नहीं तो राज्यव्यापी आंदोलन

 

👉 4thpiller.com न्यूज़ का सवाल:
क्या राज्य सरकार और स्वास्थ्य मंत्री केवल बयान देंगे या ठोस कार्रवाई कर छात्रों का भविष्य बचाएंगे?

 

 

🗞️ भांडाफोड़ न्यूज़ की पड़ताल आगे भी जारी रहेगी।

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