किस्सा दिल्ली का: ‘भूतों वाली गली’ के नाम के पीछे छिपी दिलचस्प दास्तान

नई दिल्ली
दिल्ली शहर इतिहास की परतों और कहानियों की गलियों से भरा पड़ा है। लेकिन इन तंग गलियों में एक ऐसी गली भी है, जिसका नाम सुनते ही रोंगटे खड़े हो जाते हैं। इसका नाम है ‘भूतों वाली गली’। पश्चिमी दिल्ली के नांगलोई जाट इलाके में बसी इस गली का नाम सुनकर लोग चौंक पड़ते हैं। क्या सचमुच यहां भूतों का बसेरा है? या फिर इस नाम के पीछे कोई और ही कहानी छिपी है? आइए बताते हैं।

नाम के पीछे की क्या कहानी?
‘भूतों वाली गली’ का नाम सुनकर लोग अक्सर पूछते हैं, 'क्या यहां भूत रहते हैं?' लेकिन स्थानीय लोगों और कुछ जानकारों की मानें तो इस नाम के पीछे कोई भूत-प्रेत की कहानी नहीं, बल्कि कुछ दिलचस्प मानवीय किस्से हैं। दो मुख्य कहानियां इस गली के नामकरण से जुड़ी हैं:

1. मिट्टी से सने चेहरे का किस्सा: बहुत समय पहले, जब नांगलोई के आसपास खेतों का जाल बिछा था, यहां के गहलोत जाट किसान दिनभर खेतों में मेहनत करते थे। शाम को जब वे घर लौटते, तो उनके चेहरे मिट्टी से सने होते। धुंधलके में उनका हुलिया ऐसा लगता, मानो कोई भूत सड़कों पर घूम रहा हो। धीरे-धीरे गली का नाम ही ‘भूतों वाली गली’ पड़ गया।

2. रात में काम करने वाले जाट परिवार: एक दूसरी कहानी के अनुसार, इस गली में एक जाट परिवार रहता था, जो रात में खेतों में काम करता था। चूंकि आमतौर पर लोग दिन में काम करते हैं और रात को आराम, इसलिए पड़ोसियों ने इस परिवार को मजाक में ‘भूत’ कहना शुरू कर दिया। धीरे-धीरे यह मजाक गली का नाम बन गया।

कहां है ये भूतों वाली गली?
‘भूतों वाली गली’ दिल्ली के नांगलोई जाट इलाके में रोहतक रोड से शुरू होकर शिव मंदिर तक जाती है। यह गली करीब 700 मीटर लंबी है और गूगल स्ट्रीट व्यू पर इसे आसानी से देखा जा सकता है। गली के एक छोर पर श्मशान घाट रोड और दूसरे छोर पर शिव मंदिर है, जो इसे और रहस्यमयी बनाता है। लेकिन हकीकत में यह गली आम रिहायशी इलाका है, जहां दुकानें, घर और रोजमर्रा की जिंदगी की रौनक देखने को मिलती है।

 

Recent Post

Live Cricket Update

You May Like This

error: Content is protected !!

4th piller को सपोर्ट करने के लिए आप Gpay - 7587428786