चुनाव आयोग की दो टूक: राहुल गांधी साइन करें या आरोपों से बचें

नई दिल्ली 
राहुल गांधी की ओर से चुनाव आयोग पर लगातार हमले जारी हैं। वह महाराष्ट्र, हरियाणा जैसे राज्यों के विधानसभा चुनाव और लोकसभा इलेक्शन में धांधली के आरोप लगा चुके हैं। ताजा मामला कर्नाटक का है। उन्होंने आरोप लगाया था कि कर्नाटक में एक लाख लोगों के नाम वोटर लिस्ट से हटा दिए गए और इस तरह वोटों की चोरी हुई है। अब इस मामले में राहुल गांधी को कर्नाटक के मुख्य चुनाव अधिकारी ने एफिडेविट भेजा है। उन्होंने राहुल गांधी से मांग की है कि इस हलफनामे पर साइन कर दें कि वह सही आरोप लगा रहे हैं। यदि उनके दावे गलत पाए गए तो फिर उनके खिलाफ कानूनी कार्रवाई की जाएगी।

कर्नाटक के मुख्य निर्वाचन अधिकारी ने राहुल गांधी के प्रेस कॉन्फ्रेंस में किए गए दावों को लेकर एक पत्र भेजा है। इस पत्र में उन्होंने राहुल गांधी द्वारा लगाए गए आरोपों का जिक्र करते हुए इस शपथ पत्र पर दस्तखत करने को कहा है। कर्नाटक के सीईओ के पत्र में लिखा है, "यह ज्ञात है कि आज आयोजित एक प्रेस कॉन्फ्रेंस के दौरान आपने मतदाता सूची में अपात्र मतदाताओं को शामिल करने और पात्र मतदाताओं को बाहर करने का जिक्र किया था। आपसे अनुरोध है कि आप मतदाता पंजीकरण नियम, 1960 के नियम 20(3)(बी) के तहत शपथ पर हस्ताक्षर करके ऐसे मतदाताओं के नाम के साथ वापस भेजें ताकि आवश्यक कार्यवाही शुरू की जा सके।"

आयोग ने आरोपों को बताया है निराधार
इस शपथ पत्र में आयोग ने यह भी उल्लेख किया है कि राहुल गांधी अगर इन दावों को सही साबित नहीं कर पाए तो उन पर कानूनी कार्रवाई चलाई जा सकती है। इससे पहले आयोग ने राहुल गांधी द्वारा लगाए गए सभी आरोपों को खारिज किया है। बीते सप्ताह राहुल गांधी के चुनाव आयोग के खिलाफ सबूत होने के दावों पर चुनाव आयोग ने कहा था कि राहुल गांधी ने कभी औपचारिक शिकायत दर्ज नहीं कराई है और बार-बार बुलाए जाने पर भी वे आयोग के सामने पेश नहीं हुए हैं।

राहुल गांधी का आया जवाब
राहुल गांधी के प्रेस कॉन्फ्रेंस के दौरान ही एक पत्रकार ने उन्हें चुनाव आयोग द्वारा भेजे गए शपथ पत्र की जानकारी दी। इसपर जवाब देते हुए कांग्रेस सांसद राहुल गांधी ने कहा कि वे सार्वजनिक रूप से यह बयान दे रहे हैं और आयोग इसे शपथ के रूप में ही देखे। राहुल गांधी ने कहा, “मैं एक राजनेता हूं। मैं जो कह रहा हूं वह सबके सामने कह रहा हूं। इसे शपथ के रूप में ही देखिए। यह हमारा डेटा नहीं है। चुनाव आयोग यह क्यों नहीं कह रही कि मैं गलत हूं। वे कह रहे हैं कि मै शपथ पत्र पर साइन करूं। इससे साफ झलकता है कि उन्हें पता है कि हमें सब पता है।”

‘सबूत’ पेश कर वोट चोरी के आरोप
इससे पहले गुरुवार को एक प्रेस कॉन्फ्रेंस का आयोजन का राहुल गांधी ने चुनाव आयोग पर वोट चोरी में शामिल होने का आरोप लगाए हुए कई ‘सबूत’ दिखाए हैं। राहुल गांधी ने कहा है कि कांग्रेस को सारे सबूत इकट्ठा करने में 6 महीने से ज्यादा का समय लगा है। प्रेस कॉन्फ्रेंस के दौरान राहुल गांधी ने दावा किया कि कर्नाटक की वोटर लिस्ट में कई नाम, एड्रेस फर्जी थे। उन्होंने कुछ दस्तावेजों में यह भी दिखाया कि एक ही पते पर कई लोगों का नाम दर्ज होने के साथ-साथ हजारों मतदाताओं का फर्जी पता दर्ज था।

 

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