हरियाणा में आयुष्मान योजना पर संकट, IMA ने इलाज से किया इंकार

पंचकूला
 हरियाणा में इंडियन मेडिकल एसोसिएशन (आइएमए) से जुड़े निजी अस्पतालों में आज से गरीबों को प्रधानमंत्री आयुष्मान योजना के तहत मुफ्त उपचार की सुविधा उपलब्ध नहीं होगी।आइएमए के प्रतिनिधियों ने बुधवार को स्वास्थ्य विभाग के अतिरिक्त मुख्य सचिव सुधीर राजपाल के साथ हुई बैठक में स्पष्ट किया कि सरकार को पहले बकाया प्रतिपूर्ति राशि का भुगतान करना होगा, तभी वे योजना के लाभार्थियों का उपचार करेंगे।स्वास्थ्य सचिव के साथ वर्चुअल बैठक में आइएमए के अध्यक्ष डॉ. महावीर पी जैन, पूर्व अध्यक्ष डा. अजय महाजन, महासचिव धीरेंद्र के सोनी और आयुष्मान प्रकोष्ठ के चेयरमैन सुरेश अरोड़ा ने अपनी मांगों पर जोर दिया।

हालांकि, आइएमए के पूर्व राष्ट्रीय उपाध्यक्ष डॉ. डीएस जसपाल और स्थायी समिति के सदस्य डॉ. अनिल मलिक ने नरम रुख अपनाते हुए कहा कि हड़ताल समस्या का समाधान नहीं है।

अतिरिक्त मुख्य सचिव सुधीर राजपाल ने भी हड़ताल के निर्णय पर पुनर्विचार का अनुरोध करते हुए कहा कि इससे गरीब मरीजों को नुकसान होगा, जो समय पर और सस्ता इलाज प्राप्त करते हैं।

16 जुलाई तक केंद्र से मिले 240 करोड़ रुपये

उन्होंने बताया कि राज्य स्वास्थ्य एजेंसी ने मई के पहले सप्ताह तक सभी दावों का प्रोसेस कर भुगतान कर दिया है। योजना के आरंभ से अब तक 2900 करोड़ रुपये अस्पतालों को दिए जा चुके हैं।

16 जुलाई तक राज्य और केंद्र सरकार से 240 करोड़ रुपये मिले हैं, जिसका उपयोग पात्र दावों के निपटान में किया गया है।

स्वास्थ्य सचिव ने बताया कि अनुबंधित अस्पतालों द्वारा प्रस्तुत दावों की प्रक्रिया नेशनल हेल्थ अथारिटी के ऑनलाइन पोर्टल के माध्यम से की जाती है। सभी कटौतियां केवल तभी की जाती हैं जब नैदानिक औचित्य या आवश्यक दस्तावेज अनुपलब्ध हों।

अस्पतालों को अपील करने का अवसर भी दिया जाता है। राज्य स्वास्थ्य एजेंसी ने अस्पतालों की शिकायतों को गंभीरता से लिया है, जिनमें 400 से अधिक शिकायतें अब तक सुलझाई जा चुकी हैं।

अब अंबाला के प्राइवेट अस्पतालों ने किया आयुष्मान कार्ड से इलाज…

भारत सरकार ने लोगों को बेहतर स्वास्थ्य सुविधाएं देने के लिए प्रधानमंत्री आयुष्मान भारत योजना की शुरुआत की थी. इस योजना के तहत लोगों को प्राइवेट और सरकारी अस्पतालों में मुफ्त इलाज दिया जाता है. जब से यह योजना शुरू हुई है, हरियाणा के कई लोगों ने इसका लाभ उठाया है और यह योजना गरीबी रेखा से नीचे वाले लोगों के लिए वरदान साबित हुई है. हालांकि, अब आयुष्मान कार्ड से इलाज करवाने वाले लोगों को बड़ी परेशानी का सामना करना पड़ सकता है.

प्राइवेट अस्पतालों ने बंद किया आयुष्मान कार्ड से इलाज

आज से प्राइवेट अस्पतालों में आयुष्मान कार्ड के जरिए इलाज बंद कर दिया गया है, जिसका असर आम जनता पर देखने को मिल रहा है. इस योजना की शुरुआत 2018 में प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने की थी, जिसके तहत 5 लाख तक का मुफ्त इलाज आम जनता को दिया जाता है, लेकिन अब प्राइवेट अस्पतालों ने IMA के ऐलान पर आयुष्मान कार्ड के जरिए इलाज करना बंद कर दिया है और इसका असर प्राइवेट अस्पतालों में इलाज करवाने वाले लोगों पर पड़ेगा.

क्या है ऐसा करने का कारण

इस बारे में अधिक जानकारी देते हुए अंबाला इंडियन मेडिकल एसोसिएशन के आयुष्मान इंचार्ज डॉक्टर अशोक सरवाल ने बताया कि आज से आयुष्मान कार्ड योजना के तहत प्राइवेट अस्पतालों में इलाज को पूरी तरह से बंद कर दिया गया है. इसका कारण यह है कि अस्पतालों का बहुत सा पैसा सरकार द्वारा बकाया है. जब भी किसी मरीज का इलाज होता है, तो अस्पताल को उस वक्त का खर्चा खुद करना पड़ता है, जिसकी पेमेंट बाद में सरकार करती है.

लंबे वक्त तक रुका रहता है पेमेंट

उन्होंने बताया कि जैसे अगर किसी को एनेस्थीसिया लगाया गया है, तो स्पेशलिस्ट को भी पेमेंट करनी होती है. इसके अलावा बिजली का बिल और अन्य खर्च होते हैं, लेकिन काफी समय बीत जाने के बावजूद उन्हें उनका पैसा सरकार द्वारा नहीं दिया जा रहा है. उन्होंने कहा कि जब इस योजना की शुरुआत की गई थी, तब सरकार ने कहा था कि इलाज में जो भी खर्च आएगा, वह अस्पतालों को 15 से 20 दिन में दे दिया जाएगा. लेकिन काफी दिनों तक पेमेंट नहीं आती है, जिससे अस्पतालों को काफी नुकसान हो रहा है. उन्होंने सरकार से अपील करते हुए कहा कि सरकार को प्राइवेट अस्पतालों के बकाया पेमेंट को जल्द से जल्द करवाना चाहिए, ताकि वे इस योजना को अपने अस्पतालों में फिर से शुरू कर सकें.

यहां पढ़िए मीटिंग में क्या क्या हुआ…

1. ACS सुधीर राजपाल के साथ हुई मीटिंग

आईएमए हरियाणा की एक ऑनलाइन बैठक एसीएस स्वास्थ्य सुधीर राजपाल और आयुष्मान भारत हरियाणा हेल्थ अथॉरिटी के पदाधिकारियों के साथ हुई। आईएमए की ओर से, इसमें अध्यक्ष डॉ एमपी जैन, आईपीपी डॉ अजय महाजन, निर्वाचित अध्यक्ष डॉ सुनीता सोनी, सचिव डॉ धीरेंद्र के सोनी और आयुष्मान समिति के अध्यक्ष डॉ सुरेश अरोड़ा शामिल हुए।

2. अभी 245 करोड़ रुपए ही मिले

मीटिंग में आईएमए टीम ने बताया कि उन्हें कल 245 करोड़ रुपए ही मिले हैं, जिनमें से 175 करोड़ इस तिमाही के बजट के रूप में हरियाणा सरकार और 70 करोड़ केंद्र सरकार के हिस्से के हैं। मीटिंग में बताया गया कि इस समय प्राइवेट अस्पतालों का लगभग 490 करोड़ रुपए बकाया है।

3. बजट के लिए विधानसभा में सरकार रखेगी मांग

आईएमए की टीम ने बताया कि जब हमने इस धनराशि को अपर्याप्त बताया तो उन्होंने कहा कि वे 22 अगस्त को हरियाणा विधानसभा के मानसून सत्र में अनुपूरक बजट की मांग रखेंगे। वे यह नहीं बता पाए कि वे कितना बजट मांगेंगे या प्राप्त करेंगे।

4. बकाया राशि पर ब्याज मांगा

आईएमए ने कहा कि हमने MOU की याद दिलाते हुए उन्हें देरी से भुगतान पर अनुबंध के अनुसार ब्याज देने की मांग की। लेकिन उन्होंने फिर दोहराया कि दंडात्मक ब्याज नहीं दिया जा सकता। पोर्टल द्वारा स्वचालित रूप से प्रत्यारोपण आदि की कटौती पर उन्होंने फिर कहा कि एनएचए ने पहले ही इसका भुगतान कर दिया है।

5. अस्पतालों का पेमेंट से इनकार

IMA की ओर से मीटिंग में भुगतान किए जाने वाले अस्पतालों की सूची मांगी। हालांकि सरकार की ओर से संबंधित अस्पतालों को सूची भेज देने को कहा गया। जबकि अस्पतालों ने इस भुगतान की प्राप्ति से इनकार किया। इस सब वार्ता के बाद आईएमए हरियाणा ने सभी अनुबंधित अस्पतालों के साथ एक ऑनलाइन मीटिंग की। बातचीत के बाद सभी ने सर्वसम्मति से निर्णय लिया कि रात से आयुष्मान सेवाएं को स्थगित कर दिया जाए।

1.35 करोड़ से अधिक आयुष्मान कार्ड जारी

हरियाणा में 1.35 करोड़ से ज्यादा आयुष्मान भारत कार्ड जारी किए जा चुके हैं और अस्पताल में भर्ती 26.25 लाख मरीजों को 3 हजार 990 करोड़ रुपए की मंजूरी दी गई है। सिरसा की सांसद कुमारी शैलजा के एक प्रश्न के उत्तर में, स्वास्थ्य राज्य मंत्री प्रताप राव जाधव ने लोकसभा को बताया कि केंद्र ने 60.40 केंद्र-राज्य वित्त पोषण मॉडल के तहत 607.73 करोड़ रुपए जारी किए हैं। उन्होंने स्पष्ट किया कि दुरुपयोग को रोकने के लिए, उचित सत्यापन के बाद, दावों का निपटारा आदर्श रूप से 15-30 दिनों के भीतर किया जाना चाहिए।

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