गाबा से मुंबई तक: जब टेस्ट सीरीज का रोमांच छा गया

नई दिल्ली
भारत और इंग्लैंड के बीच एंडरसन-तेंदुलकर ट्रॉफी के लिए खेली गई पांच मैच की सीरीज 2-2 से बराबर रही जिससे कड़े मुकाबले वाली सीरीज की लंबी सूची में एक और चमकदार पन्ना जुड़ गया। ऐसा पहली बार नहीं हुआ जबकि कोई टेस्ट सीरीज रोमांच के चरम पर समाप्त हुई हो। इससे पहले भी कई बार ऐसा हुआ है। पिछले डेढ़ दशक में हुए कुछ यादगार मुकाबलों का संकलन किया है, जिनमें टेस्ट क्रिकेट के उतार-चढ़ाव देखे गए। इस लिस्ट में भारत की 5 टेस्ट सीरीज शामिल है। आईए एक नजर डालते हैं पूरी लिस्ट पर-

भारत बनाम ऑस्ट्रेलिया, 2020-21
संभवतः यह क्रिकेट के इतिहास की सर्वश्रेष्ठ सीरीज में से एक थी, जिसमें भारत ने अपने कुछ प्रमुख खिलाड़ियों के चोटिल होने और कुछ कड़ी चुनौतियों से पार पाकर ऑस्ट्रेलिया पर 2-1 से जीत दर्ज की। एडिलेड में 36 रन के अपने न्यूनतम स्कोर पर आउट होने से लेकर गाबा में तीन विकेट की जीत तक, कार्यवाहक कप्तान अजिंक्य रहाणे के नेतृत्व में भारत ने ऑस्ट्रेलियाई टीम को उसकी धरती पर ही धूल चटा दी थी।

भारत बनाम श्रीलंका, 2015
इस सीरीज से ही नए कप्तान विराट कोहली के नेतृत्व में अगले दशक के लिए टेस्ट क्रिकेट में भारत के दमदार प्रदर्शन की शुरुआत की। गॉल में श्रीलंका ने भारत को 63 रन से हरा दिया। लेकिन भारत ने कोलंबो में अगले दो मैचों (पी सारा ओवल और एसएससी) में कोहली के कभी हार न मानने वाले रवैये को अपनाया तथा 278 और 117 रन से जीत हासिल करके सीरीज 2-1 से अपने नाम कर दी।

भारत बनाम दक्षिण अफ्रीका 2010-11
यह आखिरी टेस्ट सीरीज थी जिसमें सचिन तेंदुलकर, राहुल द्रविड़ और वीवीएस लक्ष्मण की मशहूर तिकड़ी ने अपना प्रभाव छोड़ा था। सेंचुरियन में पारी और 25 रन से मिली करारी हार के बाद भारत ने डरबन टेस्ट में जोरदार वापसी करते हुए 85 रन से जीत हासिल की, जहां लक्ष्मण ने डेल स्टेन और मोर्ने मोर्केल की आक्रामक जोड़ी के सामने 96 रन की पारी खेली थी।

केपटाउन में अंतिम टेस्ट में भारत को मैच बचाने के लिए पूरे पांचवें दिन बल्लेबाजी करनी थी और वह गौतम गंभीर (184 गेंदों पर 68 रन), द्रविड़ (112 गेंदों पर 31 रन), तेंदुलकर (91 गेंदों पर नाबाद 14 रन) और लक्ष्मण (67 गेंदों पर नाबाद 32 रन) की बदौलत ऐसा करने में सफल रहा।

भारत बनाम इंग्लैंड, 2011-12
अहमदाबाद में इंग्लैंड को नौ विकेट से हराने के बाद भारत चार मैचों की सीरीज में अच्छी तरह से आगे बढ़ रहा था लेकिन केविन पीटरसन के शतक से प्रेरित होकर एलिस्टेयर कुक के नेतृत्व में इंग्लैंड ने मुंबई में भारत को 10 विकेट से हराया और फिर ईडन गार्डन्स में सात विकेट से जीत हासिल की। नागपुर में इंग्लैंड ने चौथा टेस्ट आसानी से ड्रॉ कराकर सीरीज 2-1 से जीत ली। जो रूट ने उस टेस्ट में डेब्यू किया था।

ऑस्ट्रेलिया बनाम दक्षिण अफ्रीका, 2016-17
यह दक्षिण अफ्रीका और ऑस्ट्रेलिया के तेज गेंदबाजों के बीच की जंग थी। दक्षिण अफ्रीका के पास कगिसो रबाडा और वर्नोन फिलैंडर थे, जबकि ऑस्ट्रेलिया के पास मिशेल स्टार्क और जोश हेजलवुड जैसे गेंदबाज थे।

दक्षिण अफ्रीका के गेंदबाजों ने इस मुकाबले में बाजी मारी क्योंकि उन्होंने पर्थ और होबार्ट में अपनी टीम को जीत दिलाई जबकि ऑस्ट्रेलिया ने एडिलेड में डे-नाइट टेस्ट मैच जीता था। यह 2008 के बाद ऑस्ट्रेलिया की घरेलू सीरीज में पहली हार थी।

न्यूजीलैंड बनाम पाकिस्तान 2017-18
जैसे ही न्यूज़ीलैंड ने अबू धाबी में कदम रखा, पाकिस्तान की अपने मजबूत स्पिन आक्रमण के कारण 3-0 से जीत की भविष्यवाणी की जाने लगी। लेकिन कीवी टीम ने पहला टेस्ट चार रन के मामूली अंतर से जीत लिया, जबकि पाकिस्तान ने दुबई में पारी और 16 रन से जीत हासिल की। लेकिन अबू धाबी में, कीवी टीम ने ऑफ स्पिनर विलियम सोमरविले के सात विकेटों की बदौलत 123 रन से जीत हासिल की और सीरीज 2-1 से अपने नाम कर ली।

भारत बनाम इंग्लैंड 2021-22
यह सीरीज कोविड-19 महामारी के कारण खाली स्टेडियमों में खेली गई थी। नॉटिंघम में ड्रॉ के बाद लॉर्ड्स में भारत ने 151 रन से जीत हासिल की लेकिन इंग्लैंड ने लीड्स में पारी और 76 रन से जीत हासिल करके हिसाब बराबर कर दिया था।

भारत ने ओवल में चौथा टेस्ट 157 रन से जीता था, लेकिन सितंबर 2021 में मेहमान टीम के सदस्यों के कोविड पॉजिटिव पाए जाने के कारण दौरे को स्थगित कर दिया गया था। उस समय भारत पांच मैचों की सीरीज में 2-1 से आगे चल रहा था, लेकिन इंग्लैंड ने जुलाई 2022 में बर्मिंघम में खेले गए पांचवें टेस्ट में 378 रन से जीत हासिल करके सीरीज को बराबर कर दिया था।

 

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