कांग्रेस विधायक हेमंत कटारे पर रेप केस की दोबारा जांच, सुप्रीम कोर्ट का आदेश

अटेर 

भिंड के अटेर से कांग्रेस विधायक और मध्य प्रदेश विधानसभा में उप नेता प्रतिपक्ष हेमंत कटारे के खिलाफ दर्ज रेप केस की जांच एक बार फिर शुरू होगी. सुप्रीम कोर्ट ने सोमवार को इस मामले में अहम फैसला सुनाते हुए जांच की निगरानी भोपाल रेंज के डीआईजी स्तर के अधिकारी को सौंपी है. बता दें कि ये मामला 2018 का है. इस मामले को लेकर मध्य प्रदेश की राजनीति कई बार गरमा चुकी है. अब ये मामला एक बार फिर तूल पकड़ चुका है.

वहीं, सुप्रीम कोर्ट ने हेमंत कटारे की गिरफ्तारी पर रोक को बरकरार रखा. लेकिन ये राहत उन्हें तभी मिलेगी, जब वे जांच में पूरा सहयोग करेंगे. सुप्रीम कोर्ट ने यह आदेश मध्य प्रदेश सरकार की उस याचिका पर सुनवाई करते हुए दिया, जिसमें हाईकोर्ट के 2 दिसंबर 2024 के आदेश को चुनौती दी गई थी. कोर्ट ने दोनों पक्षों की दलीलें सुनने के बाद चार सप्ताह में जवाब दाखिल करने का निर्देश दिया है. बता दें कि हेमंत कटारे मध्य प्रदेश कांग्रेस के वरिष्ठ नेता सत्यदेव कटारे के बेटे हैं.

एक-दूसरे पर दर्ज कराई थी FIR
यह मामला वर्ष 2018 का है, जब भोपाल में पत्रकारिता की पढ़ाई कर रही 21 वर्षीय छात्रा ने विधायक हेमंत कटारे पर रेप और अपहरण के गंभीर आरोप लगाए थे. छात्रा की शिकायत पर भोपाल के महिला थाने में एफआईआर दर्ज की गई थी. दूसरी ओर, हेमंत कटारे ने इसे भी राजनीतिक साजिश बताते हुए छात्रा पर ब्लैकमेलिंग और करोड़ों की फिरौती मांगने का आरोप लगाया था. कटारे की शिकायत पर छात्रा को गिरफ्तार भी किया गया था.

छात्रा की आत्महत्या से मामला और उलझा
छात्रा ने जेल से छूटने के बाद कटारे और पुलिस पर मिलकर उसे झूठे आरोप में फंसाने की बात मीडिया से कही थी. उसने कटारे यौन शोषण के आरोप लगाए थे. मामला तब और जटिल हो गया जब 2019 में छात्रा ने प्रयागराज में आत्महत्या कर ली. इस घटना ने पूरे मामले को नया मोड़ दे दिया था. वहीं, पूर्व मंत्री भूपेंद्र सिंह ने इस प्रकरण में मुख्यमंत्री को पत्र लिखकर फिर से जांच की मांग की थी. हालांकि, सुप्रीम कोर्ट के आदेश से अब यह मामला फिर चर्चा में आ गया है.

भिंड जिले के अटेर से कांग्रेस विधायक और विधानसभा में उप नेता प्रतिपक्ष हेमंत कटारे के खिलाफ रेप केस की जांच फिर से शुरू होगी। सुप्रीम कोर्ट ने सोमवार को हेमंत कटारे के खिलाफ दर्ज मामले की जांच भोपाल रेंज के डीआईजी की निगरानी में कराने का आदेश दिया है सुप्रीम कोर्ट ने कहा कि जांच की निगरानी DIG स्तर के अधिकारी करेंगे। हालांकि कोर्ट ने ये भी कहा कि फिलहाल हेमंत कटारे की गिरफ्तारी नहीं की जाएगी, बशर्ते वे जांच में पूरा सहयोग करें।

सरकार की याचिका पर सुप्रीम कोर्ट ने दिया आदेश सुप्रीम कोर्ट ने यह आदेश मध्यप्रदेश सरकार की उस याचिका पर सुनवाई करते हुए दिया है, जिसमें हाईकोर्ट के 2 दिसंबर 2024 के आदेश को चुनौती दी गई थी। राज्य सरकार की ओर से अतिरिक्त सॉलिसिटर जनरल एसवी राजू, एएजी अमित शर्मा और अन्य अधिवक्ता उपस्थित थे। वहीं, हेमंत कटारे की ओर से वरिष्ठ अधिवक्ता गगन गुप्ता ने पक्ष रखा।

जानिए सुप्रीम कोर्ट ने क्या कहा? सुनवाई के दौरान दोनों पक्षों की दलीलें सुनने के बाद कोर्ट ने कहा कि मामले की गंभीरता को देखते हुए जांच की निगरानी डीआईजी भोपाल करेंगे, ताकि निष्पक्षता बनी रहे। साथ ही कोर्ट ने कहा कि जब तक अगली सुनवाई नहीं होती, तब तक हेमंत कटारे की गिरफ्तारी नहीं की जाए, यदि वे जांच में पूरा सहयोग करते हैं।

सुप्रीम कोर्ट ने इस मामले में चार सप्ताह में जवाब (काउंटर एफिडेविट) दाखिल करने का निर्देश भी दिया है। इसके बाद मामले की अगली सुनवाई होगी।

भूपेंद्र सिंह बोले- कांग्रेस विधायक पर रेप केस में रिपोर्ट बदली पूर्व परिवहन मंत्री भूपेंद्र सिंह ने उप नेता प्रतिपक्ष और अटेर से कांग्रेस विधायक हेमंत कटारे पर दर्ज रेप केस में एफएसएल रिपोर्ट बदले जाने का आरोप लगाया था। उन्होंने मध्यप्रदेश के डीजीपी कैलाश मकवाना और मुख्यमंत्री डॉ. मोहन यादव को लेटर लिखकर इस मामले की निष्पक्ष जांच कराने की मांग की थी। 

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